Wednesday, October 16, 2024 |
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टाटा पावर ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में भारत के सबसे बड़े सिंगल-लोकेशन 4.3 गीगावाट सौर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण प्लांट में सौर सेल का उत्पादन शुरू किया

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
भारत की सबसे बड़ी सेल और मॉड्यूल बनाने वाली कंपनियों में से एक और टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (ञ्जक्कक्रश्वरु) की सहायक कंपनी टीपी सोलर लिमिटेड ने आज तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में अपनी अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग सुविधा में 2त्रङ्ख सौर सेल लाइन से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने की घोषणा की है। यह देश का सबसे बड़ा सिंगल-लोकेशन सौर सेल और मॉड्यूल प्लांट है। इस साल की शुरूआत में सौर मॉड्यूल के सफल उत्पादन के बाद अब यह अगला महत्वपूर्ण पड़ाव कंपनी ने पार किया है।
टीपी सोलर लिमिटेड ने भारत में सौर सेल्स का उत्पादन शुरू करके भारत के महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों के समर्थन और आयात पर निर्भरता को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वर्तमान में इस सौर सेल उत्पादन की क्षमता 2 गीगावाट है। उच्च गुणवत्ता वाले और भारत में बनाए जाने वाले सौर कम्पोनेंट्स की बढ़ती मांग को पूरा करने की टाटा पावर की क्षमता इससे बढ़ेगी, खासकर बड़ी और क्षमता बढ़ाने वाली परियोजनाओं के लिए यह बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। अगले 4-6 हफ्तों में उर्वरित 2 गीगावाट क्षमता को भी जोड़ा जाएगा, जिससे उत्पादन बढऩे की अपेक्षा है, और अगले कुछ महीनों में यह प्लांट अपनी चरम उत्पादन क्षमता को हासिल कर लेगा। कुल मिलाकर 4.3 गीगावाट सेल और मॉड्यूल उत्पादन क्षमता वाली तिरुनेलवेली प्लांट की मॉड्यूल प्रोडक्शन लाइन अक्टूबर 2023 में शुरू की गयी थी, आज तक यहां 1250 मेगावाट के सोलर मॉड्यूल बनाए गए हैं।
टाटा पावर के सीईओ और एमडी डॉ प्रवीर सिन्हा ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा के भविष्य के प्रति उत्तेजना जताते हुए कहा, कि हमारे तिरुनेलवेली प्लांट में सेल उत्पादन की शुरूआत सौर मूल्य श्रृंखला में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सौर ऊर्जा को हर कोई बहुत ही आसानी से अपना सके और अक्षय ऊर्जा पर चलने वाले भारत के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
हमारा मानना है कि यह प्लांट नेट-जीरो कार्बन भविष्य के लिए देश के दृष्टिकोण का समर्थन करने में अग्रणी होगा। इस सुविधा में उन्नत ञ्जह्रक्कष्टशठ्ठ और मोनो पर्क तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो सौर सेल और मॉड्यूल के उच्च दक्षता वाले उत्पादन को सक्षम बनाती है। इस अत्याधुनिक तकनीक में का निवेश अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उनके दृष्टिकोण के अनुरूप है।
कंपनी इस सुविधा की स्थापना के लिए लगभग 4300 करोड़ का निवेश करेगी। यह भारत के अक्षय ऊर्जा संक्रमण का नेतृत्व करने की टाटा पावर की रणनीति का एक प्रमुख बिंदु है। टाटा पावर विशेष रूप से सोलर रूफटॉप और यूटिलिटी-स्केल सेगमेंट में आगे बढ़ेगी, जहां इसकी 20 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। पीएम सूर्य घर योजना जैसे कार्यक्रमों के तहत आगे विस्तार करना कंपनी का लक्ष्य है। इस कारखाने में बनाए जाने वाले मॉड्यूल सरकार की स्वीकृत मॉडल और निर्माताओं की सूची  का हिस्सा हैं, कंपनी को विश्वास है कि इसकी उच्च गुणवत्ता वाली सेल भी ्ररुरूरू सूचि में शामिल की जाएगी। इस सूचि की घोषणा सरकार द्वारा जल्द ही किए जाने की उम्मीद है।
तमिलनाडु सुविधा में बनाए जाने वाले सौर सेल और मॉड्यूल सबसे पहले कंपनी की चल रही परियोजनाओं की मांगों को पूरा करेंगे, जिससे इसकी आपूर्ति श्रृंखला और भी मजबूत होगी। भविष्य में विस्तार के लिए, टाटा पावर व्यापक बाजार वितरण के अवसरों का लाभ उठाने की भी योजना बना रही है। तिरुनेलवेली प्लांट के अलावा, कंपनी 1992 से कर्नाटक के बेंगलुरु में एक विश्व स्तरीय उत्पादन सुविधा भी चला रही है। अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस सुविधा में सौर मॉड्यूल के लिए 682 मेगावाट और सौर सेल के लिए 530 मेगावाट की उत्पादन क्षमता है। आज तक यहां से कुल 3.73 गीगावाट सौर मॉड्यूल और 2.26 गीगावाट सौर सेल की आपूर्ति की गयी है।
ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी, टाटा पावर एक स्थायी और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अपनी स्वच्छ और हरित ऊर्जा क्षमता का विस्तार करने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों में प्रतिबिंबित होती है। 2030 तक अपने अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो को 41 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक बढ़ाना और वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति बनाना टाटा पावर का लक्ष्य है।



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