बिजऩेस रेमेडीज/कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि गलती करने से डरो मत। गलती सबसे हो सकती है लेकिन आप अपनी गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ते है तो सफलता जरूर मिलती है। डॉ. गोस्वामी बुधवार दोपहर Motion Education के द्रोणा-2 कैम्पस में कोचिंग विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव बांटे। हंसी-मजाक की, उनकी बात सुनी और सवालों के जवाब दिए।
जिला कलेक्टर ने कहा कि आप कोटा में प?ने आए हैं। इसलिए रोज पढ़ो और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहो। सलेक्शन जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा-जीवन में जो करो दिल से करो। भले ही मन का ना हो पर पक्का है, आपके लिए जो होगा, सबसे बेहतर ही होगा।
पढ़ाई के लिए समय कैसे तय करें : याद रखें, हमें कुछ समय पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है। उसके बाद एवरेज और फिर बोरिंग। जिस समय पढऩा सबसे अच्छा लगता है, उसमें सबसे टफ सब्जेक्ट पढ़ें। तीनों सब्जेक्ट रोज पढ़े। हर सवाल को एनालाइज करने की कोशिश करें। सवाल क्या है, किस टॉपिक से लिया गया है… दरअसल हर सवाल कुछ सिखाता है, तो क्या सिखा रहा है, यह देखें। लास्ट मिनिट रिवीजन के लिए छोटे नोट्स बनाएं। 5-10 पन्नों के हो सकते हैं। परीक्षा के समय यह बहुत उपयोगी साबित होंगे।
पढ़ाई के लिए शौक खत्म ना करें : इस सवाल पर डॉ.गोस्वामी ने कहा कि शौक रहना जरूरी है। यदि खेलना अच्छा लगता है तो कुछ समय उसके लिए निकालें। पेंटिंग, मूवीज, लिखना जो भी शौक हो, उसे साथ-साथ रखें।
मोबाइल का लिमिटेड उपयोग ही करें : डॉ.गोस्वामी ने कहा कि यह समस्या बहुत बड़ी है। हम मोबाइल बहुत देर तक देख लेते हैं और जब छोड़ते हैं तो फीलिंग ऑफ डिसअपॉइंटमेंट आती है, इसलिए लिमिटेड उपयोग करना शुरू करें। मोबाइल ही नहीं हर आदत पर कंट्रोल करना आना चाहिए।
पढ़े को ऐसे याद रखें : एक छात्र ने कलेक्टर से कहा कि उसे पढ़ाई के बाद भी आत्मविश्वास नहीं आ पाता और अपनी तैयारी पर शंका बनी रहती है। इस पर कलेक्टर ने जवाब में कहा कि तैयारियों पर शंका होना सामान्य है। इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है। पढ़े को याद रखने के सवाल पर कलेक्टर ने जवाब दिया-लिख-लिखकर पढ़ाई करें, खूब प्रेक्टिस करो, रिवीजन करो, कुछ नहीं भूलोगे।
टेस्ट जरूर दें : जिला कलेक्टर गोस्वामी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों की अपनी क्षमता है, लेकिन जो टॉपिक आपको मुश्किल लगता है उसके टेस्ट जरूर दें, ताकि गलतियों से सीखा जा सके।
कामयाबी जीवन का एक पड़ाव, मंजिल नहीं : कलेक्टर ने कहा कि कोई भी कामयाबी जीवन का एक पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है। जीवन मे हमेशा कुछ बेहतर करने की और पाने की गुंजाइश रहती है। याद रखो कि आगे कॉलेज में, करियर में और पूरे जीवन में भी चुनौतियां मिलती रहेंगी। इनका सामना करें क्योकि जीवन एक ही बार मिलता है और यह किसी भी सफलता से बहुत बड़ी चीज है।
