बिजनेस रेमेडीज़/नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने आवासीय संपत्तियों और ग्रुप हाउसिंग के लिए एकमुश्त लीज रेंट में इजाफा कर दिया है। लीज रेंट की बढी हुईं दरें 15 सितंबर से लागू होंगी। वर्तमान में, आवासीय संपत्तियों और ग्रुप हाउसिंग का सालाना लीज रेंट कुल प्रीमियम का 1 फीसदी और एकमुश्त भुगतान कुल प्रीमियम का 11 फीसदी है। 15 सितंबर के बाद यह दर 15 फीसदी हो जाएगी, जिन लोगों ने पहले से एकमुश्त भुगतान किया है, उन पर यह बढ़ोतरी लागू नहीं होगी।
औद्योगिक, वाणिज्यिक, आईटी, और संस्थागत संपत्तियों के लिए भी लीज रेंट की दरें बढ़ाई गई हैं। वर्तमान में औद्योगिक, वाणिज्यिक, आईटी और संस्थागत सहित अन्य संपत्तियों के लिए सालाना लीज रेंट 2.5 फीसदी है, जिसकी एकमुश्त भुगतान दर कुल प्रीमियम का 27.5 फीसदी है।15 सितंबर के बाद कुल प्रीमियम का 27.5 फीसदी लीज रेंट के रूप में देने के बजाय 37.5 फीसदी देना होगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 15 जून की बैठक में इस वृद्धि को मंजूरी दी थी और 31 जुलाई को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया कि 15 जून के बाद किए गए नए आवंटनों को शुरुआत से ही बढ़ी हुई दर का भुगतान करना होगा। प्राधिकरण ने यह निर्णय उन सालाना लीज रेंट पर भी लागू कर दिया है, जिनका लीज रेंट का भुगतान पिछले 15 सालों से नहीं किया गया है।
कितना बढेगा भार : 10 लाख रुपये के कुल प्रीमियम वाली आवासीय संपत्ति के लिए 15 सितंबर से पहले 1.1 लाख रुपये का एकमुश्त लीज रेंट देना होगा, लेकिन उसके बाद यह राशि बढक़र 1.5 लाख रुपये हो जाएगी। इसी तरह, 10 लाख रुपये के कुल प्रीमियम वाली औद्योगिक संपत्ति के लिए 2.75 लाख रुपये का एकमुश्त लीज रेंट होगा, जो 15 सितंबर के बाद 3.75 लाख रुपये हो जाएगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी का कहना है कि प्राधिकरण लीज रेंट से सालाना 400 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त करता है। इस राशि का इस्तेमाल भूमि अधिग्रहण, बुनियादी ढांचे में सुधार और शहर में रखरखाव कार्यों सहित विकास गतिविधियों के लिए किया जाता है।
ग्रेटर नोएडा में बढ़ गई लीज रेंट की दरें
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