Friday, February 14, 2025 |
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बजट 2025-26: नई नीतियां, नए अवसर-विश्लेषण और प्रभाव पर विशेष सेमिनार का हुआ आयोजन

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की जयपुर शाखा द्वारा सीए सदस्यों के लिए बजट विश्लेषण 2025-26 पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में बजट की महत्वपूर्ण घोषणाओं, कर सुधारों, आर्थिक नीतियों और उनके संभावित प्रभावों पर गहन चर्चा की गई।
सेमिनार के दौरान सेंट्रल काउंसिल मेंबर सीए प्रकाश शर्मा और अन्य प्रोफेशनल सदस्यों ने बजट की सराहना करते हुए इसे व्यापार और प्रोफेशन की वृद्धि के लिए प्रेरक बताया। वहीं उपस्थित सदस्यों ने सरकार द्वारा प्रस्तावित नीतियों और सुधारों की सराहना करते हुए इसे व्यापारिक अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना।
जयपुर शाखा के अध्यक्ष सीए नवीन शर्मा और सचिव सीए विजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह सेमिनार सीए सदस्यों को बजट 2025-26 की विस्तृत समझ प्रदान करने और प्रोफेशनल निर्णय लेने में सहायता करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बजट में कर संरचना, व्यापार नीतियों, निवेश प्रोत्साहन और आर्थिक सुधारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका व्यापक प्रभाव उद्योग और व्यावसायिक जगत पर पड़ेगा। सेमिनार में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों, कॉर्पोरेट नीतियों, रूस्रूश्व और स्टार्टअप क्षेत्र पर बजट के प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की गई।
सेमिनार के दौरान वक्ता सीए राजीव सोगानी ने प्रत्यक्ष कर बजट प्रावधानों के संदर्भ में ऑडिट पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि बजट 2025-26 में किए गए कर सुधारों का ऑडिट प्रक्रियाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। सीए राजीव सोगानी ने कर अनुपालन, वित्तीय रिपोर्टिंग और ऑडिट प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपायों पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑडिट में सुधार लाना नए कर नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायक होगा, जिससे नियमों का सही अनुपालन सुनिश्चित होगा और वित्तीय स्थितियों की सटीकता बनी रहेगी। उनके विचारों ने प्रोफेशनल्स को बजट में शामिल नए प्रावधानों के व्यावहारिक पहलुओं को समझने में सहायता की।
सेमिनार के दौरान अन्य वक्ता सीए यश ढड्डा ने अप्रत्यक्ष कर बजट प्रावधानों के संदर्भ में ऑडिट पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जीएसटी और अन्य अप्रत्यक्ष कर सुधारों के तहत नए प्रावधान और संशोधन लागू किए गए हैं, जो ऑडिट प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण बदलाव लाते हैं। सीए यश ढड्डा ने कर अनुपालन, वित्तीय रिपोर्टिंग और ट्रांजैक्शन ऑडिट के संदर्भ में महत्वपूर्ण सुझाव दिए और इस बात पर जोर दिया कि ऑडिट प्रक्रियाओं को सटीक तरीके से लागू करना आवश्यक है ताकि जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष करों के तहत कर निर्धारण में कोई त्रुटि न हो और सभी आवश्यकताएँ सही ढंग से पूरी की जा सकें।



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