बिजऩेस रेमेडीज/जयपुर
छात्रों में सामुदायिक विकास, शिक्षा और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने के उदेश्य से Amity University राजस्थान में एक सप्ताह का एनएसएस विशेष शिविर का आयोजन किया गया। नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की थीम के तहत आयोजित शिविर में सार्थक प्रभाव डालने के लिए स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उद्घाटन समारोह में वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) अमित जैन ने जिम्मेदार नागरिकों के पोषण में एनएसएस की भूमिका पर प्रकाश डाला।
शिविर के शुरुआत में जगदीश नेगी और डॉ. अजीत कुमार ने पर्यावरणीय स्थिरता और तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें प्रतिभागियों को पर्यावरण के अनुकूल जीवन और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। डिजिटल पोस्टर-मेकिंग और आत्म-प्रतिबिंब गतिविधियों जैसी रचनात्मक प्रतियोगिताओं में स्वयंसेवकों ने भाग लिया। आर्थिक और सतत विकास पर संवादात्मक सत्र, कैंपस लाइफ को कैप्चर करने वाली फोटोग्राफी प्रतियोगिता और आईआईटी दिल्नी के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (FITT) द्वारा आयोजित कार्यशालाओं ने अभिनव सोच और उद्यमशीलता की आकांक्षाओं को प्रज्वलित किया। शिविर के दौरान क्षेत्रीय गतिविधियों का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने कांटा कालवाड़ में एक गाँव का सर्वेक्षण किया और तालामोड़ में स्वच्छता अभियान (श्रमदान) में भाग लिया। सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण सहित जीवन-रक्षक कौशल पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। लैंग्वेज डिपार्टमेंट की हैड दीपा चक्रवर्ती ने भारत की विरासत पर व्यावहारिक और सांस्कृतिक संवर्धन पर अपने विचार रखे। निबंध लेखन, वाद-विवाद और सामाजिक विषयों पर नाटक जैसी बौद्धिक चुनौतियों के साथ-साथ ट्रेकिंग और खेल प्रतियोगिताओं जैसी साहसिक गतिविधियों ने टीम वर्क, रचनात्मकता और दृढ़ता को बढ़ावा मिला। शिविर का समापन एक भव्य समापन समारोह के साथ हुआ, जहाँ प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) जी.के. आसेरी ने स्वयंसेवकों के साथ बातचीत करते हुए युवाओं को ज्ञान, अवसरों और मूल्यों के साथ सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया। एनएसएस विशेष शिविर को एनएसएस समन्वयक डॉ. मनोज कुमार और एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. पारुल मिश्रा व डॉ. पल्लवी मिश्रा ने कोऑर्डिनेट किया।
