Monday, January 13, 2025 |
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सेमीकंडक्टर बनाने में भारत भी अग्रणीय देशों में गिना जाएगा

by Business Remedies
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punit jain

वह दिन दूर नहीं जब भारत भी सेमीकंडक्टर बनाने में अग्रणीय देशों में गिना जाएगा। जापानी कंपनियां जहां भारत में सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं। भारत अगले 10 सालों में 10 सेमीकंडक्टर प्लांट्स की स्थापना की योजना बना रहा है। भारतीय और जापानी कंपनियों के बीच सफल साझेदारी और सरकारी समर्थन से यह क्षेत्र तेजी से विकसित होगा और वैश्विक सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी। सेमीकंडक्टर मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक्स की रीढ़ हैं। ये छोटे चिप्स हमारे स्मार्टफोन, कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और कई अन्य उपकरणों को ताकत देते हैं। भारत इस क्षेत्र में दम दिखाने के लिए तैयार है। टेक्नोलॉजी का बादशाह जापान की कंपनियां भी भारत में सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित करने के लिए रजामंद हैं। उनके पास घरेलू कंपनियों के साथ साझेदारी करने के लिए सभी प्रकार की विशेषज्ञता भी है। वित्तीय परामर्श और लेखा परीक्षा सेवा प्रदाता डेलॉयट के मुताबिक भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कुशल कार्यबल,पैसा और समर्थन देने वाले उपायों की निरंतरता अहम है। भारतीय और जापानी कंपनियों की साझेदारी और सरकारी मदद से यह क्षेत्र तेजी से बढ़ सकता है। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी मजबूत होगी। सेमीकंडक्टर प्लांट से मतलब कंप्यूटर चिप बनाने वाले कारखानों से है। इससे भारत में नौकरियां भी बढ़ेंगी। जहां एक ओर जापान की कंपनियां भारत को लेकर काफी उत्साहित हैं। जापान सेमीकंडक्टर ईकोसस्टिम के संयुक्त विकास और अपनी ग्लोबल सप्लाई चेन की मजबूती को बनाए रखने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा ‘क्वाड’ पार्टनर है। जापान ने इस समझौते पर जुलाई में हस्ताक्षर किए थे। क्वाड या चतुर्भुज सुरक्षा संवाद भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है। ये चारों देश मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और खुले व्यापार को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं। क्वाड का गठन मुख्य रूप से चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए किया गया है। इसमें भारत की सक्रिय भागीदारी से उसकी वैश्विक भूमिका में बढ़ोतरी हुई है। प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता को देखते हुए सेमीकंडक्टर के ऐसे महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण परिवेश को विकसित करने के लिए जापान से बेहतर कोई साझेदार नहीं है। इससे भारत और जापान की आने वाली कई पीढिय़ों को फायदा होगा।



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