Friday, February 14, 2025 |
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‘भारत’ टॉप 10 देशों में सबसे लचीली अर्थव्यवस्था : PHDCCI

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बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली (आईएएनएस)। PHD Chamber of Commerce & Industry (PHDCCI) ने बुधवार को कहा कि 2027 तक भारत टॉप 10 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे लचीली अर्थव्यवस्था होगी, जो 2026 तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। देश अपने भविष्य के विकास पथ पर महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है और चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 7.7 प्रतिशत की दर से बढऩे की उम्मीद है। भारत की विकास कहानी जारी है और 2025 में जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी, जिसे मजबूत आर्थिक बुनियादी बातों और डायनैमिक बिजनेस एनवायरमेंट का सपोर्ट मिला हुआ है।

पीएचडी रिसर्च ब्यूरो के विश्लेषण के अनुसार, पांच प्रमुख आर्थिक संकेतक अर्थव्यवस्था की ओवरऑल स्ट्रेंथ को उजागर करते हैं, जिसमें जीडीपी परफार्मेंस, बाहरी क्षेत्र की मजबूती, बचत और निवेश के संरचनात्मक संकेतक और डेट-टू- जीडीपी रेशो द्वारा दर्शाए गए राजकोषीय कंसोलिडेशन प्रयास शामिल हैं। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा, “पिछले तीन वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीले ढंग से बढऩे के साथ, 2026 तक जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।” उद्योग निकाय ने कहा कि भारत पिछले प्रदर्शन (2022-2024) और भविष्य के दृष्टिकोण (2025-2027) में जीडीपी वृद्धि में शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में पहले स्थान पर है। पीएचडीसीसीआई ने कहा, “भविष्य के दृष्टिकोण (2025-2027) के लिए देश टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में निर्यात वृद्धि में अग्रणी बनकर उभरा है, जो पिछले प्रदर्शन (2022-2024) में अपने दूसरे स्थान से बेहतर है। यह 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात के भारत के लक्ष्य का सपोर्ट करता है।”
भारत में निवेश और बचत में भी निरंतर गति बनाए रखने की उम्मीद है, जो क्रमश: सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 33 प्रतिशत और 32 प्रतिशत है। देश ने 2024 में अपनी एफडीआई यात्रा में एक मील का पत्थर स्थापित किया, क्योंकि संचयी (2000-2024) एफडीआई प्रवाह 1 ट्रिलियन डॉलर को छू गया और चालू वित्त वर्ष (2024-2025) की पहली छमाही में 40 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया। कमजोर वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और लगातार भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है। जैन ने कहा, “इस चुनौतीपूर्ण बाहरी परिदृश्य के बीच, भारत का भू-राजनीतिक महत्व काफी बढ़ रहा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से सराहना मिल रही है।”



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