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उद्योगों को निर्धारित मूल्य पर सीधे भूमि आवंटन की नीति जल्द: कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़

पीएचडीसीसीआई-राजस्थान चैप्टर ने ‘राजस्थान में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में व्यावसायिक अवसरों’ पर कार्यक्रम का किया आयोजन

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। पीएचडीसीसीआई-राजस्थान चैप्टर ने ग्रीनफील्ड्स एग्रो पार्क के सहयोग से 19 दिसंबर-2024 को पीएचडी हाउस, जयपुर में ‘राजस्थान में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में व्यावसायिक अवसरों’ पर कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में पीएचडीसीसीआई-राजस्थान चैप्टर के सह-अध्यक्ष जितेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 1500 बिलियन अमरीकी डॉलर के विश्व निर्यात खाद्य बाजार में से भारत का निर्यात मुश्किल से 53 बिलियन अमरीकी डॉलर है, जो वैश्विक मांग का 1त्न से भी कम है, जिससे भारत खासकर राजस्थान में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नए निवेश निर्यात के अपार अवसर हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, जिसे हाल ही में संपन्न सफलतम राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पेश किया गया था। साथ ही उन्होंने इस प्रकार के महत्वपूर्ण और सार्थक कार्यक्रम आयोजित करने पर पीएचडीसीसीआई के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रमुख बाजारों से हवाई और सडक़ संपर्क, प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला और अनुकूल औद्योगिक ईको सिस्टम के कारण राजस्थान की स्ट्रेटिजिक स्थिति को देखते हुए राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए एक पसंदीदा राज्य है। उन्होंने कहा कि राजस्थान दालों, मसालों, दूध, फलों, सब्जियों, औषधीय कच्चे माल आदि सहित बड़ी संख्या में कृषि उत्पादों के उत्पादन में अग्रणी राज्य है और इन उत्पादों के राज्य में ही मूल्य संवर्धन करने हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के निर्माण के अपार अवसर है। सिंगापुर, यूएई आदि जैसे कई देशों में फूड सिक्योरिटी के प्रति बढ़ती चिंता को देखते हुए भारत अपने खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तैयार है और यह राजस्थान में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए अच्छे अवसर प्रदान करेगा।
कर्नल राठौड़ ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस को कम करना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकताएं हैं। इस संबंध में उन्होंने घोषणा की कि बहुत जल्द ही उद्योगों के लिए बड़े बदलाव किए जाएंगे और भूमि आवंटन नीति में नीलामी व्यवस्था से हटकर निश्चित मूल्य आवंटन की व्यवस्था की जाएगी, जो उद्योग की लंबे समय से लंबित मांग रही है। उन्होंने आगे कहा कि एमएसएमई के लिए आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा और बड़े उद्योगों के लिए विस्तृत तकनीकी मूल्यांकन के बाद भूमि का सीधा आवंटन किया जाएगा और इस संबंध में एक विस्तृत नीति 10-15 दिनों में घोषित होने की संभावना है। इससे निवेशकों को उचित मूल्य पर भूमि उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ईओडीबी में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुल 21 नीतियां घोषित करने का प्रस्ताव है, जिनमें राइजिंग राजस्थान से ठीक पहले घोषित 9 नीतियां भी शामिल हैं, ताकि विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार की मंशा स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय चिंता को ध्यान में रखते हुए कई अंतर्राष्ट्रीय एग्री फंड भारत में कृषि स्टार्टअप में निवेश करने के इच्छुक हैं। उन्होंने राज्य में अपने निवेश को मूर्त रूप देने के लिए ऐसे कृषि कोषों को आमंत्रित करने के लिए इस विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित करने के पीएचडीसीसीआई के विचार की सराहना की।
उन्होंने पीएचडीसीसीआई से राजस्थान में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास पर एक श्वेत पत्र तैयार करने का अनुरोध किया, जिसका उपयोग इस मामले में आगे की नीतिगत पहल करने के लिए किया जाएगा। इस अवसर पर कर्नल राठौड़ को 18 दिसंबर 2024 को पीएचडी हाउस, जयपुर में जारी राजस्थान अर्थव्यवस्था के श्वेत पत्र की प्रति भी भेंट की गई।
कार्यक्रम में बाबू लाल वर्मा, प्रमोटर, ग्रीनफील्ड्स एग्रो पार्क और पूर्व कैबिनेट मंत्री, राजस्थान सरकार ने जयपुर के पास निवाई में बनने वाले अत्याधुनिक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा अनुमोदित एग्रो फूड पार्क पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और निवेशकों को अद्वितीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि राजस्थान को इस क्षेत्र में निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प के रूप में पेश किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि पीएचडीसीसीआई-राजस्थान चैप्टर के सहयोग से वे राजस्थान में पहली बार मखाने का उत्पादन करने की पहल कर रहे हैं और यदि यह प्रयोग सफल होता है तो राजस्थान मखाने के प्रमुख उत्पादन केंद्रों में से एक बनकर उभरेगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और राज्य के विकास में योगदान मिलेगा।
वहीं प्रख्यात वक्ताओं डॉ. रमेश मित्तल, पूर्व निदेशक, एनआईएएम, डॉ. राघव जदली, अध्यक्ष, अखिल भारतीय खाद्य प्रसंस्करण संघ, मुकेश गुप्ता, मुख्य संपादक और संरक्षक, हैलो किसान फोरम, सीए साहिल मक्कड़, सीईओ और प्रबंध निदेशक, पंजाब एंजेल्स नेटवर्क, निखिल गर्ग, संस्थापक, अपना फार्महाउस, सुधांशु गुप्ता, निदेशक और सह-संस्थापक, इनोफार्म्स, एसएनएल इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी प्रस्तुति में बदलती खाने की आदतों, विशेष रूप से उच्च पोषण वाले वस्तुओं के लिए खाद्य वरीयताओं, विशाल अवसरों, तकनीकी नवाचारों और इस क्षेत्र में फार्मगेट और फार्म टू फोर्क अवधारणाओं को लागू करने की गुंजाइश के बारे में जानकारी दी।
आर.के. गुप्ता, रेजिडेंट डायरेक्टर, पीएचडीसीसीआई-राजस्थान चैप्टर ने कार्यक्रम का संचालन करते उद्यमियों को बताया कि इस विकास के पीएचडीसीसीआई भविष्य में भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए उपयोगी नवाचार एवं कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। कार्यक्रम में 100 से अधिक खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों और पेशेवरों ने भाग लिया।



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