Sunday, November 16, 2025 |
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ग्लोबल नेटवर्क फॉर ज़ीरो ने डिज़ाइनटूऑक्युपेंसी के जयपुर मुख्यालय को नेट-ज़ीरो ऊर्जा प्रदर्शन के लिए प्रमाणित किया

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। डिज़ाइनटूऑक्युपेंसी सर्विसेज़ (डी2ओ) को ग्लोबल नेटवर्क फ़ॉर ज़ीरो (जीएनएफजेड)—दुनिया की प्रमुख स्वतंत्र नेट-ज़ीरो प्रमाणन संस्था से ऊर्जा श्रेणी में ‘नेट ज़ीरो डिज़ाइन’ प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणन डी2ओ के जयपुर मुख्यालय के लिए प्रदान किया गया है, जो उच्च-प्रदर्शन तथा ऊर्जा-कुशल डिज़ाइन का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। भवन में दक्ष इंजीनियरिंग प्रणालियों के साथ-साथ फसल अवशेष, प्राकृतिक रंग (डाई) और स्वयं के निर्माण-अपशिष्ट जैसी नवाचारपूर्ण सामग्री का प्रयोग किया गया—ताकि डिज़ाइन से लेकर उपयोग (ह्रष्ष्ह्वश्चड्डठ्ठष्4) तक डिज़ाइन-जनित और परिचालन—दोनों प्रकार के उत्सर्जन घटाए जा सकें।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महापौर, नगर निगम ग्रेटर जयपुर, डॉ. सोम्या गुर्जर और विशिष्ट अतिथि के रूप में विजय एन., आईएफ़एस, सदस्य-सचिव, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) उपस्थित रहे। डॉ. गुर्जर ने कहा कि सत्यापित नेट-ज़ीरो इमारतों की संख्या बढऩे से नगर निगम के बुनियादी ढांचे पर दबाव कम होगा और आसपास के क्षेत्र को प्रेरक मिसाल मिलेगी। उन्होंने नगर निगम की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए स्वच्छ और हरित जयपुर के अपने विजऩ पर बल दिया।
विजय एन. ने भवन के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि लाइव मॉनिटरिंग—चाहे इमारतें हों या उद्योग-जवाबदेही बढ़ाने के साथ-साथ ऊर्जा, पानी और अन्य संसाधन-उपभोग के कुल प्रदर्शन में सुधार लाती है। यह परियोजना दर्शाती है कि जब व्यवसाय अपने परिचालन पदचिह्न (ह्रश्चद्गह्म्ड्डह्लद्बशठ्ठड्डद्य स्नशशह्लश्चह्म्द्बठ्ठह्ल) की जिम्मेदारी लेते हैं, तो आज ही महत्वाकांक्षी स्थिरता लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है—और ऐसे प्रयास संस्था से आगे बढक़र क्षेत्रीय व औद्योगिक मानक तय कर सकते हैं।
जीएनएफजेडके अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश रामानुजम (रूड्डद्धद्गह्यद्ध क्रड्डद्वड्डठ्ठह्वद्भड्डद्व) ने कहा कि राजस्थान एक निर्णायक मोड़ पर है। राज्य लंबे समय से भारतीय ग्रीन बिल्डिंग क्षेत्र के अग्रणी रहा है, पर असली चुनौती है—क्रमिक सुधारों से आगे बढक़र ऐसे परिणामों तक पहुंचना जिन्हें समूचे उत्सर्जन-वृत्त (स्कोप-1, 2, 3, आपूर्ति श्रृंखलाएं व एम्बॉडीड कार्बन सहित) में मापा जा सके। डी2ओ का जयपुर मुख्यालय केवल ऊर्जा-प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसलिए भी कि यह दिखाता है—महत्वाकांक्षा, कठोरता और डेटा-आधारित निर्णय मिलकर ऐसे कार्यस्थल बना सकते हैं जो उत्पादक भी हों और वास्तव में नेट-ज़ीरो भी। यह मील का पत्थर इस बात पर विचार का क्षण है कि राजस्थान कैसे व्यापक औद्योगिक और शहरी संक्रमण का आदर्श बन सकता है। डी2ओ के सह-संस्थापक अशु गुप्ता ने कहा कि जीएनएफजेड का नेट ज़ीरो डिज़ाइन प्रमाणन हमारे संकल्प को पुष्ट करता है कि सस्टेनेबिलिटी को केवल अवधारणा नहीं, बल्कि मापनीय प्रदर्शन में रूपांतरित किया जाए। हमारा जयपुर मुख्यालय एक ठोस प्रमाण है कि कार्य-स्थल ऊर्जा-सकारात्मक भी हो सकते हैं और उत्पादकता-अनुकूल भी।



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