हिंदू धर्म में नवरात्रि की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी और महाष्टमी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि दुर्गाष्टमी आज बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाई जाएगी।
नवरात्रि पर मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा उपासना का खास महत्व होता है। लेकिन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि सबसे महत्पूर्ण तिथि होती है। अष्टमी और नवमी तिथि पर मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कन्या पूजन, उनको भोजन और उपहार देकर शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है। धार्मिक मान्याओं के अनुसार, अष्टमी और नवमी तिथि पर 2 से 9 वर्ष की कन्याओं में मां दुर्गा का स्वरूप होता है और जिसकी पूजा मां दुर्गा के रूप में करते हुए उनकी विदाई की जाती है।
नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी उपासना और साधना का विशेष महत्व होता है और अष्टमी-नवमी तिथि पर कन्या पूजन को बहुत ही शुभ और पुण्यदायी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विशेष रूप से अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त उपवास, पूजा और अनुष्ठान करते हैं, जिससे जीवन के भय, विघ्न और शत्रुओं का नाश होकर सुख-समृद्धि की प्राप्त होती है। अष्टमी तिथि पर हवन, जप और दान और कन्या पूजन से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
