हिंदू धर्म में धनतेरस एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो दिवाली से ठीक दो दिन पहले मनाया जाता है, जो इस बार २९ अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इसी दिन से पांच दिवसीय पर्व का आगाज होता है, जो गोवर्धन तक चलेगा। धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को खुशहाली, समृद्धि और स्वस्थ जीवन का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस धन, ऐश्वर्य और आरोग्य के देवी-देवताओं को समर्पित है। धनतेरस के मौके पर खरीदारी करना, खासकर नए वस्त्र, आभूषण और बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है।
धनतेरस का पर्व भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। इस तिथि को भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। भगवान धन्वन्तरि को आयुर्वेद के देवता और चिकित्सा के ज्ञाता माना जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि ही अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसके अलावा धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
दीपोत्सव को लेकर पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्री राम, अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ, लंका के राजा रावण को हराने के बाद 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। इनके आगमन की खुशी में पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से रोशन किया गया था। तब से ही इस दिन को दिवाली उत्सव मनाया जाने लगा। दिवाली सेलिब्रेशन को रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है।
पांच दिवसीय दीपोत्सव का पर्व आज से
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