Friday, February 14, 2025 |
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कर्मचारियों के हित में लगातार अहम निर्णय ले रही राज्य सरकार: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कर्मचारी हमारे राज्य की महत्वपूर्ण कड़ी है तथा सरकार और कर्मचारी का संबंध प्रगाढ़ होता है। हमारी प्राथमिकता है कि कर्मचारियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि विकसित और खुशहाल राजस्थान के लक्ष्य के लिए कार्मिक समर्पण एवं सेवाभाव के साथ काम करें तथा आगामी बजट 2025-26 में कर्मचारी संगठनों से प्राप्त सुझावों को परीक्षण कर यथासंभव शामिल किया जाएगा।
शर्मा गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कर्मचारी संघों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की 8 करोड़ जनता की आशा और आंकाक्षाओं को पूरा करने में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष में राज्य सरकार ने राज्य में बिजली-पानी की प्राथमिकता को समझते हुए अनेक निर्णय लिए हैं। ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, देवास परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं से जहां राज्य में जल की आपूर्ति बढ़ी हैं, वहीं किसानों को 2027 तक दिन में बिजली देने के लक्ष्य को लेकर राइजिंग राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक एमओयू किए गए हैं। राज्य सरकार प्रदेश को उत्कृष्ट और विकसित राजस्थान बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने कर्मचारियों के हित में कई अहम फैसले लिए हैं। कार्मिकों को पदोन्नति के लिए वर्ष 2023-24 में वांछित अनुभव में 2 वर्ष की शिथिलता दी गई है। साथ ही, खेल पदक विजेताओं को नियमानुसार वेतन शृंखला एवं वेतन वृद्धि दी गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सिविल सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाहियों में परिनिंदा दंड का प्रभाव पदोन्नति पर नहीं होने संबंधी प्रावधान, जमादार ग्रेड-फस्र्ट एवं मुख्य जमादार का नया पद सृजन, सभी राजसेवकों को लंबित कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन भरने के लिए 31 जनवरी 2025 तक का समय देने जैसे निर्णय राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में लिए हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनर की मृत्यु हो जाने पर पारिवारिक पेंशनर आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। साथ ही, सभी सेवारत कर्मचारी अपनी एसएसओ आईडी के माध्यम से ई-हस्ताक्षर द्वारा पेंशनर के जीवन प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं। इससे राज्य सरकार के 5 लाख से अधिक पेंशनरों को घर बैठे जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने, भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार करने और कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रेच्यूटी की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करना, पेंशनर को 70 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन भत्ता, 1 अप्रैल, 2024 के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर 10 वर्ष तक बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन देने जैसे विभिन्न प्रावधान कर्मचारियों के लिए किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आरजीएचएस के लाभार्थियों को दवाओं की घर पर ही डिलीवरी की सुविधा पायलेट बेसिस पर चालू की गई है। साथ ही, संविदा कार्मिकों के लिए भी राज्य कर्मचारियों की तरह वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि की दो तिथियां 1 जुलाई और 1 जनवरी निर्धारित की गई हैं।
युवाओं को 10 लाख नौकरी देने का संकल्प: मुख्यमंत्री ने कहा कि हम घोषणा करने में ही नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने में यकीन रखते हैं। हमने हमारे संकल्प पत्र में युवाओं को 4 लाख सरकारी तथा 6 लाख निजी क्षेत्र सहित कुल 10 लाख नौकरियां देने का संकल्प किया था। अब तक हमने 59 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी हैं और 15 हजार नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं। लगभग 81 हजार पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इस साल होने वाली परीक्षाओं का कैलेंडर घोषित, राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा भर्ती नियमों में संशोधन, वाहन चालक की शैक्षणिक योग्यता आठवीं के स्थान पर 10वीं करना, 52 हजार से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और लगभग 3 हजार वाहन चालकों के पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी करना, पेंडिंग न्यायिक मामलों को भी जल्द सुलझाने सहित विभिन्न कदम राज्य सरकार द्वारा उठाए गए हैं, जिससे युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के मार्ग प्रशस्त हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री के फैसलों से कर्मचारी संतुष्ट, जताया आभार: बैठक में कर्मचारियों ने एक सुर में मुख्यमंत्री का बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी की घोषणाओं, जमीन पर उनका शीघ्र क्रियान्वयन तथा कर्मचारियों के हितों में लिए जा रहे निर्णयों के लिए आभार व्यक्त किया। कर्मचारी संगठनों ने कहा कि कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री की नीयत और नीति अच्छी है। आज कर्मचारी बहुत खुश है तथा मुख्यमंत्री द्वारा लिए जा रहे निर्णयों से उनमें संतोष का भाव है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी भी मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की समस्याओं को जानने के लिए आमंत्रित कर निरन्तर संवाद किया है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि मंत्री एवं विभागीय स्तर पर भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में कर्मचारियों द्वारा वेतन विसंगति, ग्रेड-पे, पदोन्नति अवसरों का पर्याप्त सृजन, संविदाकर्मियों का नियमितीकरण, दिव्यांगों को आरक्षण, कर्मचारियों के लिए प्रोटेक्शन एक्ट सहित विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखी। बैठक में पंचायती राज, शिक्षा, मेडिकल, सचिवालय सेवा, मंत्रालयिक सेवा, कार्मिक, आंगनबाड़ी, जलदाय विभाग, पटवारी सेवा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।



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