बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारत का हाउसिंग सेक्टर अगले 3 से 5 वर्षों में 10 प्रतिशत की कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ेगा। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इन्वेस्टमेंट फर्म जेफरीज ने कहा कि सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश में पिछले पांच वर्षों में तीन गुना का इजाफा देखने को मिला है। लेकिन, अब सरकार के सहयोग से निजी सेक्टर भी तेजी से पूंजीगत निवेश बढ़ा रहा है, जिसके कारण आने वाले वर्षों में हाउसिंग सेक्टर में तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है। अधिक पूंजीगत खर्च के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में बीते तीन वर्षों में तेज वृद्धि दर देखने को मिली है। आने वाले वर्षों के लिए भी आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है। भारत के निवेश परिदृश्य में कॉरपोरेट पूंजीगत निवेश, हाउसिंग और सरकारी खर्च की हिस्सेदारी क्रमश: 35, 40 और 25 प्रतिशत है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि घरेलू निवेशकों की संख्या बढऩे के कारण शेयर बाजार में निवेश बढ़ा है और रिटेल निवेशकों की बाजार हिस्सेदारी अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। घरेलू निवेशक हर महीने करीब 7 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि म्यूचुअल फंड और शेयरों में निवेश कर रहे हैं। हालांकि, बाजार में वैल्यूएशन अधिक होने के कारण आने वाले समय में इसमें हल्की नरमी देखने को मिल सकती है। बता दें, भारत में कोरोना महामारी के बाद बड़े और छोटे शहरों में रियल एस्टेट की मांग में तेज इजाफा देखने को मिला है। बीते हफ्ते सिंगापुर की रियल एसेट मैनेजर कंपनी कैपिटालैंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (सीएलआई) द्वारा भारत में अपने फंड अंडर मैनेजमेंट (एफयूएम) 2028 तक बढ़ाकर 14.8 अरब सिंगापुर डॉलर (भारतीय रुपये में 90,280 करोड़) करने का ऐलान किया है, जो कि फिलहाल 7.4 अरब सिंगापुर डॉलर है। देश में रियल एस्टेट के तेजी से बढऩे का फायदा अर्थव्यवस्था को मिल रहा है।
भारत का Housing Sector अगले 3 से 5 वर्षों में 10 प्रतिशत के CAGR से बढऩे की उम्मीद: रिपोर्ट
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