Wednesday, October 16, 2024 |
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एयर इंडिया ने बेंगलुरु में मेगा एमआरओ फेसिलिटी का निर्माण शुरू किया

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/ गुरुग्राम/बेंगलुरु
एयर इंडिया गुप ने बेंगलुरु में ं एक मेगा रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा के निर्माण की शुरुआत की घोषणा की। एयर इंडिया की यह फेसिलिटी देश के लिए एक मजबूत आत्मनिर्भर एविएशन ईको सिस्टम तैयार करने की कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 35 एकड़ भूमि पर निर्मित होने वाली आगामी एमआरओ सुविधा इस क्षेत्र में एयर इंडिया समूह की एयरलाइनों के विमान रखरखाव कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगी। यह देखते हुए कि एयरलाइन अपने बेड़े का आधुनिकीकरण कर रही है और अपने ग्लोबल ऑपरेशंस का भी विस्तार कर रही है, यह एमआरओ सुविधा अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाती है। भूमिपूजन समारोह में कर्नाटक सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की निदेशक एवं औद्योगिक विकास आयुक्त गुंजन कृष्णा, बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ हरि मरार, एसआईए इंजीनियरिंग कंपनी के सीईओ चिन याउ सेंग के साथ-साथ इंडिया लीडरशिप की एक वरिष्ठ टीम ने भाग लिया। इस वर्ष की शुरुआत में, एयर इंडिया ने बेंगलुरु में एमआरओ सुविधाएं स्थापित करने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। एयर इंडिया ने इस एमआरओ सुविधा के विकास के लिए अपने रणनीतिक साझेदार के रूप में एसआईए इंजीनियरिंग कंपनी (एसआईएईसी) के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। कर्नाटक सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की निदेशक एवं औद्योगिक विकास आयुक्त गुंजन कृष्णा ने कहा, कि एयर इंडिया ने एमआरओ के लिए काम शुरू करने की दिशा में तेजी से जो बदलाव किया है, उसे देखकर खुशी हो रही है। यह न केवल तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि कर्नाटक राज्य के लिए भी यह अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो विमानन क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। साफ संकेत हैं कि आने वाले वर्षों में बेंगलुरु एक महत्वपूर्ण ग्लोबल एविएशन हब के रूप में उभरने वाला है।’’
एयर इंडिया के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर कैंपबेल विल्सन ने कहा किभारत का विमानन क्षेत्र विकास की राह पर है और एयर इंडिया इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है। बेंगलुरु एमआरओ सुविधा भारत के एविएशन से संबंधित ईको सिस्टम को मजबूत करने में मदद करने के लिए एक उपयुक्त समय पर आ रही है, साथ ही यह हमारे बेड़े को बनाए रखने के लिए हमारी इन-हाउस क्षमताओं को बढ़ा रही है। हम कह सकते हैं कि यह एयर इंडिया को विश्व स्तरीय एयरलाइन बनाने के हमारे मिशन की दिशा में एक कदम आगे है।’’
बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हरि मरार ने कहा कि हमें केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बेंगलुरु में एयर इंडिया की एमआरओ सुविधा की स्थापना का स्वागत करते हुए बहुत खुशी है। चूंकि हम हवाई अड्डे को एक प्रमुख विमानन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, इसलिए यह बेड़े के रखरखाव क्षमताओं और बुनियादी ढांचे की पेशकश को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। यह विकास न केवल क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाएगा और आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं और व्यवसायों के लिए अनेक महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा करेगा, जिससे एविएशन ईको सिस्टम में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में बेंगलुरु की स्थिति मजबूत होगी। एक बार पूरा हो जाने पर एमआरओ से भारत में कुशल विमानन इंजीनियरों के लिए 1,200 से अधिक रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है, और एक बेहतर सप्लाई चेन के माध्यम से कर्नाटक में 200 से अधिक एसएमई को सपोर्ट किया जाएगा। इन नए उपक्रमों से राज्य में एमआरओ ईको सिस्टम को मजबूत करते हुए रोजगार के और अवसर पैदा होने का अनुमान है। यह एमआरओ एयर इंडिया की बेंगलुरु को अपने प्रमुख केंद्रों में से एक बनाने की योजना को भी सपोर्ट करेगा, जिससे वैश्विक गंतव्यों के लिए सीधी कनेक्टिविटी बढ़ेगी। आगामी एमआरओ में बेस मेंटेनेंस के लिए एक ही छत के नीचे वाइड बॉडी और नैरो बॉडी के विमानों को रखने के लिए एक मेगा हैंगर होगा। पेंट हैंगर सहित अधिक विमानों की सर्विसिंग के लिए अतिरिक्त हैंगर को शामिल करने के मकसद से सुविधा की क्षमता का और विस्तार किया जाएगा। ओवरहेड टेली प्लेटफॉर्म, क्रेन, यूनिवर्सल डॉकिंग सिस्टम और देश में सबसे बड़े वर्टिकल लिफ्ट हैंगर डोर सहित नवीनतम विमान रखरखाव तकनीक से लैस, यह एमआरओ सुविधा दुनिया के किसी भी एमआरओ के बराबर विमानन रखरखाव में एक नया मानक स्थापित करेगी। बेंगलुरु में एमआरओ सुविधा के साथ-साथ पूरे नेटवर्क में इन-हाउस लाइन मेंटेनेंस सुविधाओं का विस्तार, और मुंबई में हाल ही में नवीनीकृत वाइडबॉडी एयरक्राफ्ट हैंगर के जरिये 2025 से एयर इंडिया को अपने पूरे बे?े के रखरखाव में और अधिक आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

 



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