Tuesday, January 14, 2025 |
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भारत में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या 28 लाख के पार

by Business Remedies
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The number of registered electric two-wheelers in India crosses 28 lakh

बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली(आईएएनएस)। देश में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या अब 28,55,015 हो गई है, जबकि इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों की संख्या 4 दिसंबर तक 2,57,169 हो गई है। यह जानकारी हाल ही में संसद में दी गई। भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल के अनुसार, ओडिशा में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कुल संख्या 1,45,479 है, जिसमें अडोप्शन रेट 1.24 प्रतिशत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “फिलहाल, ओडिशा राज्य में ऑटो आरएंडडी क्लस्टर स्थापित करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”ईवी के ग्राहकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है, जैसे भारत में फेम (फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए है, जिसमें कुल 11,500 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन है। इस योजना ने ई-2व्हीलर, ई-3 व्हीलर, ई-4व्हीलर, ई-बसों और ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को प्रोत्साहित किया। भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (पीएलआई-ऑटो) के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का बजटीय परिव्यय 25,938 करोड़ रुपये है। इस योजना में न्यूनतम 50 प्रतिशत डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (डीवीए) के साथ एएटी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और ऑटोमोटिव विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव है। एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के लिए पीएलआई योजना को 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई। सरकार के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य 50 गीगावॉट घंटे की एसीसी बैटरी के लिए प्रतिस्पर्धी घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम स्थापित करना है। पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना का परिव्यय 10,900 करोड़ रुपये है और इसे 29 सितंबर, 2024 को अधिसूचित किया गया था। यह दो साल की योजना है जिसका उद्देश्य ई-2व्हीलर, ई-3 व्हीलर, ई-ट्रक, ई-बस, ई-एम्बुलेंस, ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और परीक्षण एजेंसियों को अपग्रेड करने सहित इलेक्ट्रिक वाहनों का समर्थन करना है। भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत में स्कीम फोर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार्स इन इंडिया (एसपीएमईपीसीआई) को 15 मार्च, 2024 को अधिसूचित किया गया था। इसके लिए आवेदकों को न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा और तीसरे वर्ष के अंत में न्यूनतम 25 प्रतिशत और पांचवें वर्ष के अंत में 50 प्रतिशत का डीवीए हासिल करना होगा।वित्त मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा की है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को ग्रीन लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट की आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह दी है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआती लागत कम करने में मदद मिलेगी। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने भी ‘मॉडल बिल्डिंग बाय-लॉज’ में संशोधन किया है, जिसके तहत निजी और व्यावसायिक इमारतों में चार्जिंग स्टेशन शामिल करना अनिवार्य कर दिया गया है।



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