Wednesday, October 16, 2024 |
Home » शिक्षा से आत्मनिर्भरता की उड़ान: विमुक्ति संस्था की प्रेरणादायक कहानी

शिक्षा से आत्मनिर्भरता की उड़ान: विमुक्ति संस्था की प्रेरणादायक कहानी

by Business Remedies
0 comments

बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। जयपुर की विमुक्ति संस्था ने शहर की शहरी झुग्गी बस्तियों में रहने वाली लड़कियों के जीवन को बदलने का बीड़ा उठाया है। शेलेंद्र अग्रवाल के अनुसार, शिक्षा का अभाव आज भी समाज के एक तबके में देखने को मिलता है, खासकर लड़कियों के लिए। विमुक्ति की स्थापना लवलीना सोगानी द्वारा की गई थी, जिन्होंने 6 लड़कियों के साथ इस की शुरुआत की। आज, यह संस्था 800 से अधिक लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक कौशल विकास की ट्रेनिंग प्रदान कर रही है।
विमुक्ति की ‘उड़ान’ परियोजना के तहत लड़कियों को मार्शल आर्ट जैसे स्पोर्ट्स सीखने को मिल रहे है और लड़कियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड और ब्रोंज मैडल लेकर आयीं है। लड़कियां थाई बॉक्सिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। पिछले साल, इन लड़कियों ने सिल्वर और ब्रोंज मेडल जीते थे। इस वर्ष, खुशी परेवा, विधि शर्मा और सान्या ने नेशनल यूथ मुथाई टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतकर इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए चयनित हुई हैं।
करियर विकास कार्यक्रम का नेतृत्व ईशा स्वरूप कर रही हैं, जो लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में मदद करती हैं। इस प्रयास में लड़कियों को सामाजिक और पारिवारिक दबावों से निपटने के लिए भी तैयार किया जाता है।
सरोज, जो शुरू से ही कानून की पढ़ाई करना चाहती थी, आज कानून की पढ़ाई कर रही है और महिलाओं के लिए न्याय की आवाज बनना चाहती है। निकिता ने एपेक्स कॉलेज से बीसीए में टॉप किया है, जबकि कनिका वैष्णव गुरु कृपा कोचिंग से नीट की तैयारी कर रही हैं।
विविध ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत, विमुक्ति संस्था लड़कियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण देती है, जैसे कि वेब डिजाइन, इवेंट मैनेजमेंट, ब्यूटीशियन, पैरामेडिकल और नीट की ट्रेनिंग। इस प्रकार, ये लड़कियां अपने पैरों पर खड़े होकर समाज में अपनी पहचान बना रही हैं। विमुक्ति संस्था ने यह साबित कर दिया है कि अगर लड़कियों को सही दिशा और अवसर मिलें, तो वे न सिर्फ खुद को बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दे सकती हैं। उनका 100त्न बोर्ड रिजल्ट और स्किल डेवलपमेंट में प्राप्त की गई सफलताएं इसी का प्रमाण हैं।
कार्यक्रम में ‘पावर ऑफ थॉटफुल फिलॉन्थ्रॉपी एंडेवर्स’ टॉक शो का आयोजन
विमुक्ति संस्था के एक विशेष कार्यक्रम में ‘पावर ऑफ थॉटफुल फिलॉन्थ्रॉपी एंडेवर्स’ शीर्षक से एक टॉक शो का आयोजन किया गया। इस टॉक शो में भावना जगवानी, शगुन चौधरी, अशोक राठौड़ और रीमा हूजा ने अपने समाज सेवा के कार्यों और अनुभवों पर चर्चा की। सभी वक्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में समाज सेवा की शुरुआत और उसमें आने वाली चुनौतियों को साझा किया, इस बात पर जोर देते हुए कि हर बड़ा काम एक छोटे कदम से शुरू होता है।
अशोक राठौड़ ने ताज ग्रुप की ओर से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बताया। उन्होंने कहा कि जब-जब समाज को हमारी जरूरत पड़ी है, चाहे वह बाढ़ हो, भूकंप हो या फिर लड़कियों के लिए सहयोग, ताज ग्रुप हमेशा अग्रणी रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह मायने नहीं रखता कि आप कितना दे रहे हैं, बल्कि यह मायने रखता है कि आप जो दे रहे हैं, उसे प्रेम और सच्चे दिल से दे रहे हैं। विमुक्ति की लड़कियों को ट्रेनिंग देकर रोजगार के अवसर प्रदान करना हमारी ड्यूटी है और हम इसे दिल से निभाते हैं।
भावना जगवानी ने अपने जीवन की एक घटना साझा की, जब डिलीवरी के समय उनकी दृष्टि चली गई थी। हालांकि बाद में उनकी दृष्टि वापस आ गई, लेकिन इस घटना ने उन्हें आंखों की महत्ता समझा दी और यहीं से उन्होंने आई बैंक की स्थापना का संकल्प लिया। भावना का कहना था कि व्यक्तिगत अनुभव हमें समाज के लिए कुछ बड़ा करने की प्रेरणा देते हैं।
रीमा हूजा ने विमुक्ति संस्था के शिक्षा कार्य की सराहना करते हुए कहा कि लड़कियों के लिए शिक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी किसी अन्य के लिए। उन्होंने कहा कि खेलकूद के क्षेत्र में भी लड़कियों के लिए काफी स्कोप है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं।
शगुन चौधरी ने बताया कि उन्होंने महज तीन साल की उम्र में अपने पिता के साथ खिलौने की बंदूक से खेलना शुरू किया था, और आगे चलकर उन्होंने खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने विमुक्ति की लड़कियों को इस दिशा में आगे बढ़ते देख गर्व महसूस किया।
कार्यक्रम का संचालन वंदना चांदना ने बेहद भावपूर्ण तरीके से किया। उन्होंने वक्ताओं के विचारों को खूबसूरती से पेश किया और विमुक्ति की लड़कियों को प्रेरणा देने के लिए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। यह टॉक शो समाज सेवा की प्रेरणादायक कहानियों का संग्रह था, जिसने यह संदेश दिया कि छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।



You may also like

Leave a Comment

Voice of Trade and Development

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH