बिजऩेस रेमेडीज/जयपुर
समाज के वंचित और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के उत्थान और सशक्तिकरण के उद्देश्य से Project Saksham 3.0 के तहत ‘शिक्षा अभियान एवं प्रशिक्षण कार्यशाला’ का आयोजन 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक जयपुर के कठपुतली नगर में किया गया। यह आयोजन वंचित समुदायों को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए समर्पित था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वंचित बच्चों और वयस्कों को शिक्षा और कानूनी सहायता प्रदान करना था।
यह आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के पूर्व छात्रों द्वारा आरंभ किए गए प्रोजेक्ट सक्षम 3.0 का हिस्सा था। यह परियोजना देशभर के 27 से अधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और सरकारी संगठनों की सहभागिता से संचालित की जा रही है। प्रोजेक्ट का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड और राजस्थान के वंचित वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता, प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम का संचालन प्रोजेक्ट सक्षम 3.0 की टीम ने राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि संकाय की डीन डॉ. संजुला थानवी, जेसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ के डीन प्रो. (डॉ.) महेश कूलवाल, कनोरिया स्कूल ऑफ लॉ फॉर वूमेन की प्रिंसिपल डॉ. वर्तिका अरोड़ा, एस.एस. जैन सुबोध लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) गौरव कटारिया, प्रोजेक्ट सक्षम 3.0 की प्रबंध निदेशक परमेशवरी कुमारी धायल और कार्यकारी निदेशक दिनेश चंद मीना के मार्गदर्शन में किया। अभियान का नेतृत्व प्रोजेक्ट सक्षम 3.0 के राजस्थान राज्य समन्वयक अमन कुमार और रिफत तौहीद ने किया। इसके अतिरिक्त, विजय सिंह शेखावत, सतीश मीना और कशिश गुप्ता ने अपनी प्रमुख भूमिकाओं से आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। इस दस दिवसीय कार्यक्रम में शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए अनेक गतिविधियां आयोजित की गईं। प्राथमिक शिक्षा सत्र में 6 से 14 वर्ष के बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान की गई। इसके अलावा, कानूनी जागरूकता कार्यशालाओं के माध्यम से प्रतिभागियों को पोक्सो एक्ट, साइबर अपराध और बुनियादी अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। स्वास्थ्य और स्वच्छता सत्रों के माध्यम से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और स्वच्छता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया गया। वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों और दैनिक जीवन की आवश्यकताओं, जैसे हस्ताक्षर करना, की जानकारी दी गई। बच्चों के लिए विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिनमें अच्छे और बुरे स्पर्श की समझ विकसित करने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक और स्किट के माध्यम से शिक्षा, तकनीकी जागरूकता और सामाजिक मुद्दों पर संदेश दिया गया। बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और सीखने के उत्साह को दिखाते हुए इन प्रस्तुतियों में सक्रिय भागीदारी की। यह आयोजन सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।