Sunday, September 28, 2025 |
Home » भारत में होगी आईईसी की 89वीं आम बैठक

भारत में होगी आईईसी की 89वीं आम बैठक

100 से ज्यादा देशों के 2,000 विशेषज्ञ नई दिल्ली में जुटेंगे

by Business Remedies
0 comments

भारत में आईईसी की आम बैठक: तकनीकी मानकों पर वैश्विक नेतृत्व का मौका


भारत की राजधानी अगले सप्ताह दुनिया भर के इलेक्ट्रोटेक्निकल विशेषज्ञों का केंद्र बनने जा रही है। अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग (आईईसी) की 89वीं आम बैठक 15 से 19 सितंबर तक भारत मंडपम में आयोजित होगी, जिसमें 100 से अधिक देशों के 2,000 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह आयोजन भारत के लिए न केवल वैश्विक तकनीकी सहयोग का अवसर है, बल्कि मानकीकरण के क्षेत्र में नेतृत्व दिखाने का मंच भी साबित होगा।

आईईसी की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया सतत ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और स्मार्ट तकनीक की ओर तेजी से बढ़ रही है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। ऐसे में इस सम्मेलन की मेजबानी देश की बढ़ती तकनीकी ताकत और वैश्विक महत्वाकांक्षा को दर्शाती है।

कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय उपभोक्ता मामले और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी करेंगे, जबकि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल आईईसी जीएम प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। यह प्रदर्शनी भारत में अपनी तरह की सबसे बड़ी मानी जा रही है, जहां इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्मार्ट लाइटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विनिर्माण के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों का प्रदर्शन होगा। खास बात यह है कि यह मंच भारतीय स्टार्ट-अप्स को वैश्विक नेटवर्किंग और निवेश अवसर भी प्रदान करेगा।

बैठक का सबसे अहम पहलू लो वोल्टएज डायरेक्ट करंट (एलवीडीसी) मानकीकरण में भारत की भूमिका है। एलवीडीसी को स्वच्छ, सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा आपूर्ति का भविष्य माना जा रहा है। भारत इस क्षेत्र में वैश्विक सचिवालय के रूप में काम करेगा, जो यह दर्शाता है कि दुनिया भारत पर स्वच्छ ऊर्जा मानकों को परिभाषित करने में भरोसा कर रही है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “ग्रीन एनर्जी” और “मेक इन इंडिया” नीतियों को मजबूती देने वाला साबित हो सकता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बैठक से भारत को दोहरा फायदा मिलेगा। एक ओर, देश अंतरराष्ट्रीय मानकों की रूपरेखा तय करने में सक्रिय भागीदारी कर पाएगा। दूसरी ओर, घरेलू उद्योगों को वैश्विक मानकों की दिशा में काम करने का सीधा मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे निर्यात क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मकता दोनों बढ़ेगी।

आईईसी के उपाध्यक्ष विमल महेंद्रू ने भी माना है कि भारत की नेतृत्वकारी भूमिका स्वच्छ प्रौद्योगिकी मानकों को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगी। 170 देशों की सदस्यता वाले इस संगठन के मानक दुनिया की 99 प्रतिशत आबादी और 20 प्रतिशत वैश्विक व्यापार को प्रभावित करते हैं। ऐसे में भारत का योगदान न केवल राष्ट्रीय हित में है, बल्कि यह वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन की दिशा भी तय करेगा।

इतिहास पर नजर डालें तो भारत चौथी बार इस बैठक की मेजबानी कर रहा है। 1960, 1997 और 2013 के बाद यह आयोजन देश के बढ़ते महत्व की पुष्टि करता है। इस बार का आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है जब तकनीक और ऊर्जा परिवर्तन अंतरराष्ट्रीय नीतियों का केंद्र बने हुए हैं।

निष्कर्षतः, आईईसी की 89वीं आम बैठक भारत के लिए केवल एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन नहीं है, बल्कि यह अवसर है—नई तकनीकों में नेतृत्व दिखाने, स्वच्छ ऊर्जा समाधान को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ाने और घरेलू उद्योगों को विश्वस्तरीय बनाने का। अगर भारत इस अवसर का रणनीतिक उपयोग करता है, तो आने वाले वर्षों में यह देश इलेक्ट्रोटेक्निकल मानकों और स्वच्छ प्रौद्योगिकी में वैश्विक धुरी के रूप में उभर सकता है।



You may also like

Leave a Comment