बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। रिफाइनरी की 10 प्रोसेस इकाइयों का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। वहीं परियोजना क्षेत्र में करीब 81 प्रतिशत काम हो गया है। रिफाइनरी के शेष बकाया कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने की आवश्यकता है। यह बात प्रमुख शासन सचिव माइंस व पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने गुरुवार को सचिवालय में रिफाइनरी के अधिकारियों के साथ एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी परियोजना के कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक में कही।
टी. रविकांत ने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससे प्रदेश के औद्योगिक व आर्थिक विकास में चार चांद लग जाएंगे। एचपीसीएल और राजस्थान सरकार की संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड द्वारा पचपदरा (बाड़मेर) में 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की बीएस-6 मानक की अत्याधुनिक राजस्थान रिफाइनरी के काम में तेजी आई है।
बढ़ेंगे रोजगार
उन्होंने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से पेट्रो उत्पाद पेट्रोल व डीजल के अतिरिक्त पेट्रोकेमिकल उत्पाद पॉली प्रोपलीन, ब्यूटाडीन, एलएलडीपीई, एचडीपीई, बेंजीन और टोलूइन आदि सह उत्पाद के क्षेत्र में निवेश आएगा। इससे औद्योगिक निवेश के साथ ही रोजगार और राजस्व की बढ़ोतरी होगी।
एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलाकर विखार और कार्यकारी निदेशक रेजी मैथ्यू ने बताया कि रिफाइनरी निर्माण कार्य और मैकेनिकल कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रिफाइनरी द्वारा सीएसआर के तहत क्षेत्र के शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़ आदि से जुड़े कार्य भी कराए जा रहे हैं।
होंगे विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार
अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा ने बताया कि रिफाइनरी में विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार होंगे। बैठक में रिफाइनरी के महाप्रबंधक समन्वय यशपाल अनेजा, उपनिदेशक पेट्रोलियम रोहित मल्लाह, मोहन कुमावत आदि ने हिस्सा लिया।
आर्थिक विकास में लगेंगे चार चांद
9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की बीएस-6 मानक की राजस्थान रिफाइनरी ड्रीम प्रोजेक्ट का कार्य लगभग पूरा
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