नई दिल्ली,
भारत सरकार की Integrated Cold Chain and Value Addition Infrastructure Scheme ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और फसल के बाद होने वाले नुकसान को घटाने में बड़ा योगदान दिया है।
2008 से अब तक देशभर में 291 integrated cold chain projects शुरू किए जा चुके हैं, जिनसे हर साल 25.52 लाख मीट्रिक टन की preservation capacity बनी है।
📦 साथ ही, इन परियोजनाओं से सालाना 114.66 लाख मीट्रिक टन की processing क्षमता तैयार हुई है और अब तक 1.74 लाख से ज़्यादा रोजगार सृजित हुए हैं।
👉 जून 2025 तक, इस योजना के तहत कुल 395 cold chain projects को मंज़ूरी मिल चुकी है।
यह Cold Chain Scheme, अब Pradhan Mantri Kisan Sampada Yojana (PMKSY) का हिस्सा है। इसका मकसद है —
➡️ खेत से लेकर बाजार तक एक seamless cold chain तैयार करना,
➡️ फसल के बाद के नुकसान को कम करना,
➡️ और किसानों की आय बढ़ाना।
🌡️ Cold chain infrastructure सिर्फ storage नहीं है —
इसमें शामिल हैं:
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Pre-cooling facilities at farms 🧊
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Modern processing centres 🏭
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Efficient distribution hubs 🚚
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Temperature-controlled transport systems 🌍
📈 जुलाई 2025 में केंद्र सरकार ने PMKSY के लिए ₹1,920 करोड़ की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की, जिससे कुल बजट बढ़कर ₹6,520 करोड़ (मार्च 2026 तक) हो गया।
इसमें ₹1,000 करोड़ 50 multi-product food irradiation units स्थापित करने के लिए होंगे।
💰 Financial Assistance Highlights:
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सामान्य क्षेत्रों में: 35% तक की लागत सहायता
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कठिन क्षेत्रों, SC/ST, FPOs, और SHGs के लिए: 50% तक सहायता
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अधिकतम अनुदान: ₹10 करोड़ प्रति परियोजना
🌾 यह योजना किसानों के लिए एक game-changer साबित हो रही है —
कम नुकसान, ज़्यादा उत्पादन, और मज़बूत rural economy की दिशा में एक बड़ा कदम।

