बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली Axix Max Life Insurance के सीनियर डायरेक्टर एंड चीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर मिस्टर सुमित मदान का कहना है कि, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, नियमन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तरक्की के बावजूद देश में बीमा की पहुंच मात्र 2.8 प्रतिशत तक ही हो पाई है।
यह आंकड़ा विशेष रूप से कम आय वाले एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कवरेज की कमी दिखाता है। इन क्षेत्रों में OTT सब्सक्रिप्शन और डिजिटल पेमेंट को लोग तेजी से अपना रहे हैं, लेकिन जीवन बीमा अभी भी वित्तीय प्राथमिकताओं के मामले में बहुत पीछे है। यह स्थिति दिखा रही है कि Bima कंपनियों को ग्रामीण भारत के पैटर्न को ध्यान में रखते हुए अपने डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल पर फिर से विचार करने की जरूरत है। ऐसा करते हुए कंपनियों को ‘सभी के लिए बीमा’ के इरडा के लक्ष्य की दिशा में बढऩा होगा। भारत के 2047 के व्यापक विकास लक्ष्यों के अनुरूप, जीवन Bima की पहुंच का विस्तार करना महत्वपूर्ण है। जीवन बीमा कवरेज को दोगुना करने और कमजोर वर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा में सुधार जैसे ठोस परिणामों पर ध्यान केंद्रित करके, Bima कंपनियां धीरे-धीरे इन लक्ष्यों की ओर बढ़ सकती हैं। पहली बार पॉलिसी लेने वालों की संख्या और ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा कवरेज के विस्तार जैसे संकेतक प्रगति को मापने में मदद कर सकते हैं। जीवन बीमा की पहुंच का विस्तार केवल मार्केट का विस्तार नहीं है, यह नैतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। डिजिटल-फस्र्ट स्ट्रेटजी के दम पर बीमा कंपनियों के पास लाखों लोगों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने, आर्थिक विकास को गति देने और वंचित क्षेत्रों में बदलाव लाने का मौका है। सुविधा के लिए ह्यूमन टचपॉइंट और सेवा को सुगम बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहा भारतीय Jeevan Bima उद्योग 2047 तक सभी के लिए Bima के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ‘2047 तक सभी के लिए इंश्योरेंस’ के इरडा के सपने को साकार करने के लिए रणनीतिक नेतृत्व के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर इनोवेशन की भी जरूरत है। इस दिशा में फिनटेक एवं नियामकों के साथ साझेदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि लंबी अवधि में टिकाऊपन के साथ पर्याप्त अनुपालन भी हो। AI एवं Data एनालिटिक्स के एडवांस्ड स्वरूप का प्रयोग करते हुए और हाइब्रिड डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल को अपनाते हुए बीमा कंपनियां विशेष रूप से अब तक बीमा से दूर रह गई आबादी को ध्यान में रखकर समाधान तैयार कर सकती हैं। इसके साथ-साथ एआई पावर्ड टूल्स से एजेंट्स को ग्राहकों की व्यक्तिगत जरूरत के हिसाब से सर्विस देने में मदद मिल सकती है। वहीं हाइब्रिड मॉडल से कृषि से होने वाली आय के हिसाब से प्रीमियम पेमेंट में लचीलेपन का मौका मिलेगा।
