बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान में एमिटी कॉग्निटिव कंप्यूटिंग और ब्रेन इंर्फोमेटिक्स सेंटर (एसीसीबीआई) और एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल एंड एलाइड साइंसेज (एआईबीएएस) ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार), भारतीय स्वास्थ्य मनोविज्ञान अकादमी और पुनर्विका फाउंडेशन के सहयोग से ‘न्यूरोफीडबैक और न्यूरोप्लास्टिसिटी: इनोवेटिव एप्रोच टू ब्रेन हेल्थ एंड रिहेबिलिटेशन’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
वर्कशॉप में कॉग्निटिव और बिहेवियरल हेल्थ में न्यूरोप्लास्टिसिटी की ट्रांसर्फोमेटिव क्षमता का पता लगाने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञ और प्रतिभागी एक साथ एकत्रित हुए। एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान के वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) अमित जैन ने न्यूरोफीडबैक और न्यूरोप्लास्टीसिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के संयुक्त सचिव डॉ. आलोक मिश्रा ने काग्निटिव हेल्थ परिणामों में सुधार के लिए न्यूरोप्लास्टिसिटी रिसर्च के महत्व पर जोर दिया। डॉ. मिश्रा ने शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के समर्पण की सराहना की और न्यूरोप्लास्टी-आधारित उपचारों को व्यापक क्लिनिकल प्रेक्टिस में एकीकृत करने में एकेडमिक इंडस्ट्री साझेदारी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
एसीसीबीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ.) कणाद राय ने प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और कॉग्निटिव साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में इंटरडिस्पिलिनरी रिसर्च को आगे ब?ाने के लिए सेंटर ने सराहनीय काम किया है। कार्यशाला की शुरुआत करते हुए प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ) जी के आसेरी ने मेंटल और काग्निटिव हेल्थ को ब?ाने के लिए न्यूरोप्लास्टीसिटी पर प्रकाश डाला। एमिटी साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन (एएसटीआईएफ) के वाइस प्रेजीडेंट प्रोफेसर (डॉ) एसएल कोठारी ने मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान और मस्तिष्क पुनर्वास के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से भावी चिकित्सकों को सुसज्जित करने के लिए एमिटी यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता को दोहराया।
सत्र में मुख्य अतिथि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साइंटिस्ट जी और वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ बीसी कर शामिल होते हुए सैन्य चयन प्रक्रियाओं में मनोवैज्ञानिक आकलन के उपयोग और न्यूरो कॉग्निटिव मनोविज्ञान में करियर की संभावनाओं पर एक व्यावहारिक चर्चा की। इसके बाद गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में साइकोलॉजिकल डिपार्टमेंट के प्रमुख और न्यूरो एंड बायोफीडबैक सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ आनंद प्रताप ने न्यूरो और बायोफीडबैक थेरेपी की गहन खोज करने पर जोर दिया। डॉ प्रताप के नेतृत्व में व्यावहारिक सत्र का आयोजन हुआ जहां प्रतिभागियों ने न्यूरो-काग्निटिव प्लास्टिसिटी थेरेपी में भाग लिया, और इस क्षेत्र में नवीनतम चिकित्सीय तकनीकों का अनुभव प्राप्त किया।
एआईबीएएस के हैड प्रो. (डॉ.) मणि सचदेव ने वर्कशॉप में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। वर्कशॉप के दौरान डॉ. सोमनाथ चक्रवर्ती (वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, डब्ल्यूवी, यूएसए), डॉ. सौरव मलिक (एरिजोना विश्वविद्यालय, यूएसए) और डॉ. खशायर मिसाघियन (सीईओ, सेज-सेंटिनल स्मार्ट सॉल्यूशंस, जापान) सहित प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के वर्चुअल सत्रों में ग्लोबल परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए न्यूरोप्लास्टी और इसके एप्लीकेशन पर सेशन हुए।
एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान में मेंटल हेल्थ पर दो दिवसीय वर्कशॉप आयोजित
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