बिजनेस रेमेडीज/दावोस। केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि चार यूरोपीय देशों के समूह के साथ नए व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौते से भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश आएगा और 10 लाख नौकरियों का सृजन होगा।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे मंत्री ने बताया कि भारतीय प्रतिभा ने वैश्विक स्तर पर अपनी क्षमता साबित की है और वैश्विक कंपनियों द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं भारतीय युवाओं के कौशल में उनके विश्वास को दर्शाती हैं।उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पूंजी निर्माण, बुनियादी ढांचे के निर्माण व निवेश लाने पर काफी काम किया है और इसके परिणाम हर जगह दिखाई दे रहे हैं, चाहे वह बंदरगाह हो, रेलवे हो या सडक़ व्यवस्था हो।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने कहा कि ये किसी भी उद्योग के साथ-साथ लोगों तथा निवेशकों के लिए बुनियादी चीजें हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यह भी स्पष्ट है कि भारत सरकार अपने युवाओं पर बहुत भरोसा करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं युवाओं से बातचीत करते हैं और हर अवसर पर उन्हें प्रेरित करते हैं।’’ मंत्री ने हाल ही में आयोजित ‘युवा नेता संवाद’ का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं के साथ छह घंटे बिताए और यह केवल समूचे भारत से आए देश के युवाओं की बात सुनने के लिए किया गया। मंत्री ने कहा कि यह सरकार द्वारा हमारे देश के युवाओं के प्रति अपनाए जा रहे दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव है। चौधरी ने कहा, ‘‘ जब हम कौशल विकास की बात करते हैं, तो पूरी दुनिया अब हमारी युवा प्रतिभा की क्षमता को पहचान रही है। हम विभिन्न शिक्षा व कौशल रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर हैं और कुछ स्थानों पर तो हमने अमेरिका जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां तक कि कृत्रिम मेधा (एआई) कौशल जैसे क्षेत्रों में भी हम दुनिया में शीर्ष स्थान पर हैं।’’
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के दौरान यहां हुई बैठकों के बारे में उन्होंने कहा कि स्विजरलैंड सरकार शीघ्र ही चार यूरोपीय देशों के समूह के साथ व्यापार व आर्थिक भागीदारी समझौते को आकार देगी तथा भारत को उम्मीद है कि यह अगले वर्ष से प्रभावी हो जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘‘ इसका एक प्रमुख सकारात्मक परिणाम यह है कि यह पहला मुक्त व्यापार समझौता है जिसमें कौशल विकास घटक भी शामिल होगा। इन चार यूरोपीय देशों के कौशल विकास संस्थानों और उनके पाठ्यक्रमों को हमारे युवाओं तक पहुंचाया जाएगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि भारत में कोई कौशल सीखने वाले व्यक्ति को इन यूरोपीय देशों में भी मान्यता मिलेगी।’’
