बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
Yes Bank ने हाल के दौर में अपनी मौजूदगी को और बढ़ाने और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप समाधान प्रदान करके उत्तर भारत में एक प्रमुख वित्तीय भागीदार के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का निरंतर प्रयास किया है। वित्त वर्ष 2025 में, बैंक ने उत्तरी क्षेत्र में आठ नई शाखाएँ जोड़ीं, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में ग्राहकों के लिए पहुँच में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। यह विस्तार बैंक की अपने ग्राहकों के करीब लाने की रणनीति के अनुरूप है, जिसे एमएसएमई सेगमेंट में मजबूत प्रदर्शन का समर्थन प्राप्त है, जहाँ समग्र एमएसएमई ऋण पोर्टफोलियो का 36 प्रतिशत उत्तर से आता है। इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में जमाराशियों में 27.5 फीसदी साल-दर-साल वृद्धि हुई, जिसमें खुदरा जमाराशियों का योगदान 70,593 करोड़ रुपये रहा। आगे बढ़ते हुए, यस बैंक ने वित्त वर्ष 26 में 100 नई शाखाएँ जोडऩे की योजना बनाई है, जिससे इसकी उपस्थिति और मजबूत होगी, स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और कम सेवा वाले क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
देश का उत्तर क्षेत्र यस बैंक की विकास रणनीति के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है, जो इसके समग्र प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। बैंक ने वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के दौरान उत्तर में एमएसएमई ऋण वितरण में 5,081 करोड़ दर्ज किए और स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर प्रोग्राम जैसे कायक्रमों के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा देना जारी रखा। इस कार्यक्रम ने पूरे क्षेत्र में 1,220 स्टार्ट-अप को सपोर्ट किया है, जिसका पोर्टफोलियो आकार ?2,500 करोड़ है। इसके अतिरिक्त, यस व्यापारी और यस पे नेक्स्ट जैसी समर्पित स्टार्ट-अप बैंकिंग पेशकशें विशेष रूप से उभरते व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करती हैं, जिससे नकदी प्रवाह और भुगतान समाधान आसान हो जाते हैं।
महिला उद्यमियों के लिए, बैंक ने हाल ही में फिक्की के साथ साझेदारी में यस पॉवर अप कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम एसएमई ऋण, चालू खाता लाभ, क्रेडिट कार्ड लाइफस्टाइल ऑफर और बीमा उत्पादों सहित बैंकिंग समाधानों का एक सेट प्रदान करता है, जो समावेशिता को बढ़ावा देता है और व्यवसाय में महिलाओं को सशक्त बनाता है।
वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में यस बैंक का वित्तीय प्रदर्शन इसके विशेष रणनीतियों को लागू करने में हासिल सफलता को दर्शाता है। बैंक ने शुद्ध लाभ में 145.6 प्रतिशत साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की, इस तरह शुद्ध लाभ 553 करोड़ रुपये हो गया, जो पुनर्निर्माण के बाद से सबसे अधिक है। कुल जमाराशियाँ साल-दर-साल 18.3 प्रतिशत बढक़र 2,65,072 करोड़ रुपये तक पहुँच गईं, जिसे 32 फीसदी के मजबूत सीएएसए अनुपात का समर्थन प्राप्त हुआ। इसे चालू खाता जमा में 26 फीसदी की वृद्धि और बचत जमा में 30 प्रतिशत की वृद्धि से अच्छा सपोर्ट मिला। अपने लागत-से-आय (सी/आई) अनुपात में सुधार करने वाले कुछ मध्यम आकार के बैंकों में से एक के रूप में, यस बैंक ग्राहकों, नियामकों और हितधारकों का विश्वास अर्जित करते हुए सतत विकास और वित्तीय स्थिरता को प्राथमिकता देना जारी रखता है।
यस बैंक अपनी डिजिटल लीडरशिप के जरिये ग्राहकों से जुड़ाव और परिचालन दक्षता में मानक स्थापित करना जारी रखता है। बैंक का यूपीआई शेयर 56.4 प्रतिशत है, निजी क्षेत्र के बैंकों में सबसे अधिक है। यस बैंक भारत में 3 में से 1 डिजिटल भुगतान लेनदेन को प्रोसेस करता है। बैंक के अभिनव प्लेटफॉर्म, जैसे कि आईआरआईएस ऐप और यस बिजनेस, व्यक्तियों और कॉरपोरेट्स, विशेष रूप से एमएसएमई, 32 लाख कुल उपयोगकर्ताओं और 19 लाख से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के लिए अनुभव को बेहतर बनाते हैं, जिससे निरंतर डिजिटल जुड़ाव को बढ़ावा मिलता है। 1,000 से अधिक इन-हाउस एपीआई के साथ, यस बैंक यूपीआई और एईपीएस लेनदेन में अग्रणी है, जो वित्तीय समावेशन और नवाचार पर अपने तकनीक-सक्षम फोकस को प्रदर्शित करता है।
ग्रेट इंडियन व्यापारी फेेस्टिवल जैसी पहलों ने 40 दिनों के भीतर 10,000 से अधिक मर्चेंट अकाउंट जोड़े हैं, जो मर्चेंट ईजी और मर्चेंट प्राइम जैसे समाधानों द्वारा समर्थित हैं, और जो मुफ्त साउंडबॉक्स और उसी दिन निपटान प्रदान करते हैं। एक अपेक्षाकृत नए, डिजिटल रूप से कुशल संस्थान के रूप में, यस बैंक भारत के यूनिकॉर्न और सूनिकॉर्न के लिए पसंदीदा भागीदार बना हुआ है, जो डिजिटल परिवर्तन और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका को मजबूत करता है।
