Saturday, March 22, 2025 |
Home » उन्नति कॉफी ने सस्टेनेबल Agriculture और EcoTourism को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा के आदिवासी समुदायों के साथ साझेदारी की

उन्नति कॉफी ने सस्टेनेबल Agriculture और EcoTourism को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा के आदिवासी समुदायों के साथ साझेदारी की

by Business Remedies
0 comments

बिजऩेस रेमेडीज/ओडिशा
ओडिशा के कोरापुट जिले के पंजिशिल गांव में एक नई पहल आदिवासी समुदायों के जीवन में बदलाव ला रही है। Project ‘उन्नति कॉफी’, जो ISWAR (इंटीग्रेटेड सोशल वेलफेयर एंड रिसर्च सेंटर) और कोका-कोला इंडिया के बीच साझेदारी है, 500 किलोमीटर दूर भुवनेश्वर से स्थित इस गांव में 45 परिवारों को स्थायी आय का स्रोत प्रदान कर रही है। यह पहल सस्टेनेबल कॉफी फॉर्मिंग और इकोटूरिज़म को जोडक़र आदिवासी समुदाय की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ-साथ गांव की जैव विविधता को संरक्षित कर रही है। यह अभिनव तरीका समुदाय की सशक्तिकरण और पर्यावरणीय देखभाल पर आधारित नए आर्थिक विकास का मॉडल बना रहा है।
अवसरों को पहचानते हुए ढ्ढस्ङ्ख्रक्र ने परोजा जनजाति के साथ काम करना शुरू किया और उन्होंने ईकोटूरिज्म के साथ कॉफी की सस्टेनेबल खेती को शामिल किया। हमने गांववालों को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए ताकि वे अपनी गांव के चारों ओर के जैव विविधता से भरपूर भूमि पर कॉफी की स्थायी खेती कर सकें। युवा आदिवासियों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया गया, और अब वे कॉफी बागानों और जंगल के रास्तों के माध्यम से ट्रेकिंग का नेतृत्व करते हैं, यात्रियों को कॉफी खेती के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। आदिवासी परिवारों ने अपनी घरों के द्वार आगंतुकों के लिए खोल दिए, पारंपरिक भोजन और रातभर ठहरने की व्यवस्था की, जिससे संस्कृतियों के बीच एक सेतु बना और गांव के लिए एक स्थिर आय का स्रोत भी प्रदान हुआ। पीयूष रंजन मिश्रा, सीईओ, ढ्ढस्ङ्ख्रक्र का कहना है: ‘प्रोजेक्ट उन्नति कॉफी ने न केवल जीवनयापन को बेहतर बनाया है, बल्कि समुदाय को स्थायी प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित भी किया है। इकोटूरिज्म के साथ कॉफी खेती को जोडक़र, हमने पंजिशिल में एक बड़ा बदलाव देखा है। यह पहल उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ा रही है, किसान उत्पादक संगठन को मजबूत कर रही है, और मजबूत बाजार संबंध बना रही है। हम मिलकर एक ऐसा मॉडल बना रहे हैं जो न केवल किसानों बल्कि पूरे स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है।’ प्रोजेक्ट उन्नति कॉफी की खासियत यह है कि इसमें महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई है और समुदाय-प्रेरित नेतृत्व को बढ़ावा दिया गया है। पंजिशील में महिलाएं कॉफी उत्पादन, खाद्य सेवाओं और पर्यटन संचालन में अहम भूमिका निभा रही हैं। सहकारिता के माध्यम से वे गांव में स्थायी आय के स्रोत बना रही हैं, जिससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की सुविधाएं मिल रही हैं। जो बच्चे पहले अपने परिवार की मदद के लिए स्कूल छोड़ देते थे, अब वे एक उज्जवल भविष्य की उम्मीद के साथ नियमित रूप से स्कूल जा रहे हैं।

कोरापुट की एक आदिवासी किसान तुलाबती बदनायक कहती हैं, ‘काफी मेहनत और परेशानियों के बाद, पिछले कुछ वर्षों में हमारी कॉफी पौधों से फल मिलने में कठिनाई हो रही थी। लेकिन प्रशिक्षण के बाद, अब पैदावार बहुत बेहतर हो गई है, और हमें इस सीजन में अच्छी आमदनी की उम्मीद है। इस सफलता को देखते हुए, हम अगले सीजन में सभी पहाडय़िों पर कॉफी के पौधे लगाने की योजना बना रहे हैं।’
प्रोजेक्ट उन्नति कॉफी बताती है कि किस तरह सस्टेनेबल विकास स्थानीय समुदायों और पर्यावरण दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। पर्यटन के साथ खेती को शामिल करते हुए, यह पहल भारत के अन्य आदिवासियों के समक्ष एक मॉडल पेश करती है कि अपने प्राकृतिक संसाधानों को संरक्षित रखते हुए कैसे आगे बढ़ा जा सकता है।

 



You may also like

Leave a Comment

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH