बिजऩेस रेमेडीज/उदयपुर
सर्दी का मौसम आरामदायक लग सकता है, लेकिन यह दिल और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। ठंडा तापमान रक्तचाप बढ़ा सकता है और खून को गाढ़ा बना सकता है, जिससे Brain Stroke का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जो धमनियों में रुकावट (इस्केमिक स्ट्रोक) या रक्त वाहिका फटने (हेमरेजिक स्ट्रोक) के कारण होता है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और यह दबाव स्ट्रोक का प्रमुख कारण बनता है।
पारस हेल्थ उदयपुर के डॉ तरुण माथुर : सीनियर कंसलटेंट न्यूरो फिजिशियन एवं स्ट्रोक स्पेशलिस्ट कहते हैं “सर्दियों में स्ट्रोक का खतरा विशेष रूप से उन मरीजों में बढ़ जाता है, जिन्हें पहले से उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हैं। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है और दिल पर अधिक दबाव पड़ता हैढ्ढ साथ ही, ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे थक्का बनने का खतरा बढ़ता है। सर्दी में स्ट्रोक से बचने के लिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करें और सक्रिय रहें। डॉ तरुण माथुर ने बढ़ते ठंड में स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी है, जिसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और ब्लड प्रेशर पर नजर रखना शामिल है। उन्होंने ठंड के मौसम में शराब का सेवन कम करने और दवाओं को नियमित रूप से लेने की भी सिफारिश की है। अध्ययन बताते हैं कि सर्दियों में स्ट्रोक के मामले बढ़ते हैं। ठंड के कारण पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) भी खून गाढ़ा बनाती है, जिससे स्ट्रोक का जोखिम और बढ़ता है। शारीरिक गतिविधियों में कमी, वजन बढऩा और कोलेस्ट्रॉल का बढऩा भी जोखिम कारक हैं। साथ ही, ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे थक्का बनने का खतरा बढ़ जाता है। यही थक्के अक्सर इस्केमिक स्ट्रोक का कारण बनते हैं, जो सबसे आम प्रकार का स्ट्रोक है। इसके अलावा, सर्दियों में शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण वजन बढऩा, कोलेस्ट्रॉल का बढऩा और रक्तचाप में वृद्धि हो जाती है। ठंड के कारण शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) भी खून को गाढ़ा बनाती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा और बढ़ जाता है।
