बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली (आईएएनएस)। वैश्विक उठापटक और एफआईआई की बिकवाली के कारण भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स) 11 अक्टूबर को समाप्त हुए हफ्ते में 10.746 अरब डॉलर गिरकर 690.43 अरब डॉलर हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा यह जानकारी दी गई। सितम्बर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। पिछले हफ्ते में, विदेशी मुद्रा भंडार 3.709 अरब डॉलर गिरकर 701.176 अरब डॉलर हो गया था। केंद्रीय बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, समीक्षा अवधि के दौरान गोल्ड भंडार 9.8 करोड़ डॉलर कम होकर 65.658 अरब डॉलर रह गया है।
स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) 8.6 करोड़ डॉलर कम होकर 18.339 अरब डॉलर रह गया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत की रिजर्व पॉजिशन 2 करोड़ डॉलर कम होकर 4.33 अरब डॉलर की रह गई है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढऩे का अनुमान है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत करने के साथ विदेशी निवेश आकर्षित करने और घरेलू व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करता है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और मौद्रिक नीति रुख व्यापार और उद्योग के बीच विश्वास पैदा कर रहे हैं और वैश्विक उठापटक के बीच इससे विदेश निवेश आकर्षित करने में मदद मिल रही है।देश की विदेशी मुद्रा में गोल्ड की हिस्सेदारी भी 2018 के बाद से 209 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है। गोल्ड की कीमतों में मजबूत वृद्धि जारी रही, एमसीएक्स में 500 रुपये की तेज वृद्धि के साथ कीमत 77,600 रुपये हो गई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमत 2,710 डॉलर से ऊपर पहुंच गई है। 2024 में अब तक गोल्ड 22 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दे चुका है और दिवाली-से-दिवाली के आधार पर रिटर्न लगभग 30 प्रतिशत तक पहुंच गया है।