· इस परियोजना में सिंगल-एक्सिस ट्रैकर और बाइफेसियल मॉड्यूल का अनोखा ब्लेन्ड किया गया है
· 560 डब्ल्यूपी और 565 डब्ल्यूपी बाइफेसियल ग्लास-टू-ग्लास मॉड्यूल इस इंस्टॉलेशन की खासियत हैं
· इससे सालाना करीबन 780300 टन कार्बन डाय ऑक्साइड ऑफसेट होगा
· पश्चिमी मध्य रेलवे और मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को की जाएगी विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति
राष्ट्रीय, 3 दिसंबर, 2024: भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक अग्रणी कंपनी और टाटा पावर की उपकंपनी, टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड ने मध्य प्रदेश के नीमच में 431 मेगावाट डीसी सोलर परियोजना को सफलतापूर्वक शुरू किया है। बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा विनिर्माण के लिए भारत की सबसे किफायती बिड्स में से एक, इस परियोजना को प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग प्रक्रिया के ज़रिए जीता गया था।
1,635.63 एकड़ पर फैली यह परियोजना भारत की पहली सोलर परियोजना साइट है, जिसमें आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है, सिंगल-एक्सिस ट्रैकर और बाइफेसियल मॉड्यूल के अनोखे ब्लेन्ड के साथ इस परियोजना ने भारत में सोलर ऊर्जा विनिर्माण में एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। इस अभिनव इंटीग्रेशन ने पूरी व्यवस्था की कार्यक्षमता को 15% से बढ़ाया है और विस्तारित घंटों के लिए पीक पावर सप्लाई अब संभव हो पाएगा। यह परियोजना बहुत ही अभिनव है, पथरीले इलाका, ट्रांसमिशन लाइन और रिमोट साइट लॉजिस्टिक्स जैसी कई चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार करते हुए इसे बनाया गया है।
टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री दीपेश नंदा ने कहा, “नीमच में 431 मेगावाट डीसी सौर परियोजना शुरू होने की घोषणा करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। हमें गर्व है कि टाटा पावर रिन्यूएबल्स में, हमें भारत के लिए हरित भविष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। यह परियोजना भारत के सौर क्षेत्र में दक्षता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करते हुए स्थायी ऊर्जा और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमें विश्वास है कि यह परियोजना न केवल हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी बल्कि पश्चिमी मध्य रेलवे और मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड सहित प्रमुख बुनियादी ढांचे को बिजली देने में हमारे अग्रणी स्थान को और ज़्यादा मजबूत भी करेगी।”
इस परियोजना से करीबन 780300 टन कार्बन डाय ऑक्साइड ऑफसेट होने का अनुमान है, इस तरह से यह परियोजना सस्टेनेबिलिटी में योगदान देगी। साथ ही साथ SCADA कमिशनिंग के साथ यह परियोजना ऑप्टीमल परफॉर्मेंस को सुनिश्चित करती है, उच्चतम इंजिनीयरिंग मानकों को पूरा करती है। यह सिस्टम सीईए अनुरूप है, जिससे स्टेटिक वार जेनरेटर (एसवीजी) का संचालन निर्बाध तरीके से होता है, और हार्मोनिक फिल्टर के इंटीग्रेशन के ज़रिए डब्ल्यूआरएलडीसी कम्प्लायंस का पालन किया जाता है। यह परियोजना क्षेत्र के ऊर्जा बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पश्चिमी मध्य रेलवे और मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित करती है।
मध्य प्रदेश सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव (आईएएस) ने कहा, “हमें 431 मेगावाट डीसी सौर परियोजना के सफल संचालन के लिए टाटा पावर रिन्यूएबल्स के साथ साझेदारी करके बहुत खुशी हो रही है। यह परियोजना न केवल लागत प्रभावी सौर ऊर्जा की व्यवहार्यता को दर्शाती है, बल्कि एक विजयी बोली मूल्य के साथ भारत के हरित ऊर्जा संक्रमण को आगे बढ़ाने के लिए स्थायी ऊर्जा समाधानों की क्षमता को भी उजागर करती है। हमें गर्व है कि हम नयी प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को मिलाकर, देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान दे रहे हैं।”
इस उपलब्धि के साथ, टीपीआरईएल की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता अब 10.9 गीगावाट हो गई है, जिसमें 5.5 गीगावाट की परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इसकी परिचालन क्षमता 5.4 गीगावाट तक पहुंच गई है, जिसमें 4.4 गीगावाट सौर और 1 गीगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं।