जितेश जालान (गोवाहाटी) गुवाहाटी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) गुवाहाटी में आयोजित “इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2024” विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमता और उपलब्धियों का भव्य प्रदर्शन बना। इस ऐतिहासिक आयोजन में भारत के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद ने भाग लिया। इस अवसर पर माननीय केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा जैसे गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को गरिमा प्रदान की।
यह आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी के समन्वय में आयोजित किया गया। इस वर्ष का विषय था, “Transforming India into an S&T-driven Global Manufacturing Hub. (भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित वैश्विक निर्माण केंद्र में बदलना”।)
*प्रोफेसर सूद की विचारशील प्रस्तुति:*
उद्घाटन सत्र में प्रो. अजय सूद ने IISF 2024 जैसे आयोजनों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये प्लेटफॉर्म न केवल भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रदर्शन करते हैं, बल्कि वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और आम जनता के बीच संवाद को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने इस फेस्टिवल की भूमिका पर जोर दिया, जिसमें युवा मस्तिष्क को प्रेरित करने और विज्ञान को रोचक और सुलभ बनाने की कोशिश की जाती है। प्रो. सूद ने गलत सूचनाओं का मुकाबला करने, STEM शिक्षा को प्रोत्साहन देने और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए कौशल निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।
‘विजन संसस’ सत्र में अहम चर्चा:
“साइंस इंस्टीट्यूशनल लीडर्स मीट – विजन संसस” सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सूद ने भारत को वैश्विक निर्माण केंद्र बनाने के लिए अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच तालमेल को जरूरी बताया। उन्होंने उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना, बढ़ते बुनियादी ढांचे के निवेश और नवाचार संस्कृति के महत्व को रेखांकित किया। प्रो. सूद ने 3-i रणनीति— *निवेश (Investment), प्रविष्टि (Infusion), और नवाचार (Innovation)* को भारत की प्रौद्योगिकी और आर्थिक प्रगति का आधार बताया।
इस आयोजन में अन्य प्रमुख हस्तियों की भागीदारी उल्लेखनीय रही, जिनमें शामिल हैं:
– डॉ. वी. के. सारस्वत, सदस्य (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी), नीति आयोग
– प्रो. करंदीप सिंह, सचिव, department of science and technology – Govt. of India
– डॉ. एन. कलाईसेल्वी, सचिव, DSIR और महानिदेशक, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद
– डॉ. राजेश गोखले, सचिव, department of biotechnology – Govt. of India
– डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, ministry of earth science
– प्रो. देवेंद्र जलीहल, निदेशक, आईआईटी गुवाहाटी
– श्री विवेकानंद पाई, महासचिव, विज्ञान भारती
IISF 2024 ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति को बढ़ावा देने और भारत को एक वैश्विक निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रयासों पर केंद्रित चर्चाओं का मंच प्रदान किया।