Thursday, January 16, 2025 |
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Subodh Public School का 39 वाँ वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास से मनाया

by Business Remedies
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बिजुनेस रेमेडीज/जयपुर
एनुअल फंक्शन – ‘सफरनामा (एक नए क्षितिज की ओर)’ रामबाग स्थित Subodh Public School का 39 वाँ वार्षिकोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास एवं गरिमामयी वातावरण में स्कूल के प्ले फील्ड पर मनाया गया। णमोकार मंत्र की शुरूआत के साथ, कक्षा 12 के विद्यार्थियों ने जीवन में हमेशा गतिमान एवं गतिशीलता बनाये रखने के लिये जीवन कौशल की महत्ता से सम्बन्धित एक प्रेरणास्पद प्रस्तुति देकर, सभी आगन्तुकों का स्वागत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वी. के. सिंह, एडिशनल डायरेक्टर जनरल, ए.टी.एस. एवं एस.ओ.जी., राजस्थान सरकार रहे। सुबोध शिक्षा समिति के अध्यक्ष नवरत्न मल कोठारी, मान्द सचिव सुमेर सिंह जी बोथरा, वाईस प्रेसिडेन्ट आर.सी. जैन, संयुक्त सचिव एवं कोषाध्यक्ष विनोद लोढ़ा, विद्यालय संयोजक आलोक कुमार बग्ब एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने परम्परागत तरीके से मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर एकेडमिक, कल्चरल, स्पोर्टस एवं वर्षपर्यन्त आलराउन्ड प्रदर्शन करने वाले सीनियर कैटेगरी के छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। स्पोर्टस केटेगरी में सुबोध साहस का पुरस्कार्रदिया गया। वहीं सुबोध रचनात्मक का पुरस्कार कल्चरल एचिवमेन्टस के लिये एकेडमिक्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिये सुबोध रत्न का पुरस्कार.. सबसे प्रतिष्ठित ऑल राउण्डर का पुरस्कार सुबोध श्री को को दिया गया।
उल्लेखनीय है कि विद्यालय की समस्त शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधिया ऑठ हाउसेज Aqua (Water), Ignis (Fire), Terra (Earth), Aeris (Air), Lumen (Light), Umbra (Shadow), Flora (Plant) and Ferrum (Metal) के बीच में आयोजित की जाती है। बेस्ट हाउस इन स्पोर्टस का अवार्ड… को, बेस्ट हाउस इन कल्चरल का अवार्ड… हाउस को दिया गया वहीं ऑल राउन्डर हाउस की ट्रॉफी को दी गयी। अपने उद्बोधन में माननीय मुख्य अतिथि ने स्टूडेन्टस से आग्रह किया की वे जीवन में हमेशा जीवन कौशल से ओत प्रोत मानवीय मूल्यों को सर्वोच्य प्राथमिकता दे तथा सभी के प्रति सम्मान का भाव रखे ताकि अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकें। रगांरगं सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘सफरनामा, एक नए क्षितिज की ओर थीम पर आधारित, ऑडियो विजुअल से ओतप्रोत कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्ले ग्रुप के नन्हें मुन्हें छात्र-छात्राओं द्वारा सुबोधी की ओर दी गई प्रस्तुति ने बरबस सभी का ध्यान अपनी ओर आर्कषित किया। हमारे जीवन कौशल से हमारे आस-पास के वातावरण एवं उसके प्रति प्रेम भावना को दर्शाती नृत्य नाटिका. Gratitude के माध्यम से प्रकृति के प्रति हमारे प्रेम एवं उसकों सहेज कर रखने की मूल भावना से ओत-प्रोत प्रस्तुति ने सभी को प्रेरणा एवं संदेश देने का काम किया। वहीं प्रकृति एवं संस्कृति के मेल जोल का बढाती एकात्मकता की भावना को प्रदर्शित करती हुई नृत्य लीला इन्टीग्रेशन सभी दर्शकों को पर्यावरण के प्रति संजिदगी से अपना योगदान देने को प्रेरित कर रही थी। हमारे शोर्य, बलिदान को समर्पित करती हुई नृत्य नाटिका-इमोशन्स एण्ड एम्पेथी हमारे परिवेश एवं परवरिश की परिचायक के रूप में एक संदेश देने का सटीक प्रयास करती हुई नजर आई।
हम सब एक सफर करते है और इसमे अगर कृतज्ञता का भाव न हो तो सफरनामा कुछ अधूरा रहता है। संदेश यही की सफरनामा में स्वागत रहे चुनौतियों का संवाद बने रहना चाहिए। अपने आसपास के लोगो से और अपनों से, जब हम दूसरों के प्रति सहनशील होते है, तो सफरनामा खुशनुमा होता है स्वयं के लिए भी और अपने आसपास के समाज में। जीवन में संबाद कायम रखना कितना महत्वपूर्ण है, को प्रदर्शित करते हुए पार्टिसिपेन्ट्स अपने सुरों का साधनें, संगीत की आराधना करने एवं नृत्य के माध्यम से जीवन कौशल की ओर बढ़तें हमारे कदमों को सही लय एवें ताल के साथ जीवन की सच्चाई को बंया करते हुए नजर आये। वहीं सम भाव से समाज के अन्तर्गत हर व्यक्ति की स्वीकारोकती एवं थर्ड जेन्डर के साथ-साथ दिव्यांग जनों के रिश्तों को नये तरीके से परिभाषित करने की एक जीवन्त कोशिश की गयी।



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