बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में डेनमार्क पर केंद्रित कंट्री सेशन में जल प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता और औद्योगिक निवेश पर चर्चा हुई। सोमवार को समिट के पहले दिन इस सत्र ने राजस्थान और डेनमार्क के बीच सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया, जहां दोनों पक्षों ने जल प्रबंधन की तकनीकों, निवेश के अवसरों और औद्योगिक साझेदारी पर गहन चर्चा की।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने डेनिश प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए ‘ङ्खड्डह्लद्गह्म् रूड्डठ्ठड्डद्दद्गद्वद्गठ्ठह्ल द्बठ्ठ रुद्ब1द्गड्डड्ढद्यद्ग ष्टद्बह्लद्बद्गह्य’ पर जोर दिया और राजस्थान में जल प्रबंधन, वितरण और औद्योगिक निवेश में सहयोग का आह्वान किया।
मंत्री चौधरी ने कहा कि डेनमार्क स्मार्ट तकनीकों के जरिए जल प्रबंधन में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है और राजस्थान को इससे प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने राजस्थान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन का अहम हिस्सा बताते हुए कहा कि जल संसाधन राज्य की प्रगति और औद्योगिक विकास की आधारशिला हैं। चौधरी ने डेनिश प्रतिनिधियों को राजस्थान में उद्योग स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव सचिव भास्कर ए सावंत ने राजस्थान की जल संबंधी चुनौतियों, जैसे जल की कमी, परिवहन नेटवर्क की सीमाएं, ‘हर घर नल से जल’ मिशन में निवेश की आवश्यकता और सतही जल के 150त्न से अधिक दोहन, पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने डेनमार्क से नई तकनीकों को अपनाने और जल-लवणता व फ्लोराइड जैसी समस्याओं के समाधान में सहयोग का प्रस्ताव दिया। डेनमार्क की ओर से मंत्री सलाहकार और ट्रेड काउंसिल दक्षिण एशिया के निदेशक सोरेन एन कानिक-मार्क्वार्डसन ने डेनमार्क की जल संकट से जल समृद्धि तक की यात्रा साझा की।
डेनमार्क के अनुभव से राजस्थान को मिलेगी जल प्रबंधन में नई दिशा: मंत्री कन्हैयालाल चौधरी
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