Thursday, January 16, 2025 |
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स्मॉग से लेकर सेहत की हिफाजत तक: लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण की दुनिया में Health Insurance क्यों मायने रखता है

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/
भारत में वायु प्रदूषण अब सिर्फ़ पर्यावरण से जुड़ी दूरगामी चिंता का विषय नहीं है, बल्कि यह हम सभी को सीधे प्रभावित करने वाली समस्या बन गई है। हर बार सर्दियों के मौसम में शहर धुंध की चादर में ढक जाते हैं, और हम जिस हवा में साँस लेते हैं वह खतरनाक हो जाती है। खाँसी, साँस लेने में तकलीफ और डॉक्टर के पास जाने के अलावा, आर्थिक तनाव भी इससे जुड़ा एक और पहलू है जिसे हम अक्सर नजऱअंदाज़ कर देते हैं। प्रदूषण की वजह से सेहत को होने वाली परेशानियों को ठीक करना आपकी जेब पर महंगा पड़ सकता है, और इसी वजह से हेल्थ इंश्योरेंस अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गया है।
प्रदूषण किस तरह आपकी सेहत पर असर डालता है :आपको नजऱ आने वाली धुँध सिर्फ़ एक परेशानी नहीं है; बल्कि यह क्करू2.5 और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक कणों और गैसों का मिश्रण है। ये आपके शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुँचा सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
सेहत से जुड़ी तात्कालिक समस्याएँ : प्रदूषित हवा में साँस लेने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या संक्रमण हो सकता है, जिसके लिए तुरंत इलाज कराना जरूरी होता है। बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही बीमार लोगों को इसका असर सबसे पहले महसूस होता है।
लंबे समय तक कायम रहने वाली गंभीर बीमारियाँ : प्रदूषण समय के साथ कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जिनमें फेफड़ों को नुकसान, दिल की बीमारी या यहाँ तक कि कैंसर जैसी लंबे समय तक कायम रहने वाली बीमारियाँ भी शामिल हैं, जिनके लिए जिंदगी भर उपचार और देखभाल की जरूरत होती है।
कमज़ोर इम्यूनिटी: खऱाब हवा आपके फेफड़ों को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ आपकी इम्यूनिटी, यानी रोगों से लडऩे की क्षमता को भी कम कर सकती है। इस तरह आपके बीमार होने की संभावना बढ़ सकती है, और यहाँ तक कि आपको चिंता और तनाव जैसी मानसिक समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है।
प्रदूषित हवा में साँस लेने की कीमत : प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की वजह से होने वाला आर्थिक नुकसान बहुत ज़्यादा हो सकता है। एक बार अस्पताल में भर्ती होना या सीटी स्कैन जैसी जाँच करवाना आपकी जेब पर बहुत भारी पड़ सकता है। सीओपीडी या दिल से संबंधित रोग जैसी पुरानी बीमारियों के इलाज पर होने वाला खर्च साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है, जो कभी-कभी लाखों में पहुँच जाता है। और ये सिर्फ़ मेडिकल बिलों की बात नहीं है; काम के दिनों में छुट्टी के साथ-साथ परिवार के बीमार सदस्य की देखभाल का भावनात्मक तनाव भी इस बोझ को और बढ़ा सकता है।
कैसे हेल्थ इंश्योरेंस इस दबाव को कम करता है : हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ़ आपका सुरक्षा कवच नहीं है; यह खुद को और अपने परिवार को प्रदूषण के चलते सेहत को होने वाली अनचाही समस्याओं और उन पर होने वाले खर्च से बचाने का सबसे बेहतर तरीका है। आइये जानें कि यह किस तरह आपकी मदद कर सकता है :
1.प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों का कवरेज: ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस अस्थमा, सीओपीडी या वायु प्रदूषण की वजह से दिल से संबंधित बीमारियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने और उनके इलाज को कवर करते हैं।
2. गंभीर बीमारियों के लिए राइडर्स : इस तरह के राइडर्स फेफड़ों के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज की लागत और उससे जुड़े दूसरे खर्चों को संभालने में मदद के लिए एक मुश्त भुगतान की सुविधा देते हैं।
3. दैनिक नकद लाभ : कुछ पॉलिसीयों में अस्पताल में रहने के दौरान आने-जाने तथा भोजन पर होने वाले खर्च और देखभाल करने वालों की आमदनी के नुकसान जैसी चीजों को कवर करने के लिए नकद भुगतान की पेशकश की जाती है।
4. ओपीडी कवरेज : आउटपेशेंट केयर राइडर्स में डॉक्टर से मुलाकात करने, जाँच कराने और दवाओं पर होने वाले खर्च का ध्यान रखा जाता है, इसलिए आपको अपनी पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए किसी को अस्पताल में भर्ती होने तक इंतजार नहीं करना पड़ता है।
5. प्रीवेंटिव केयर सुविधाएँ : आजकल कई पॉलिसियों में वेलनेस प्रोग्राम, हेल्थ चेक-अप तथा विशेषज्ञों से परामर्श को भी शामिल किया जाता है, ताकि सेहत से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र पता लगाया जा सके।
6. अस्पताल में भर्ती होने पर कैशलेस इलाज : इस सुविधा से आप आपातकालीन स्थिति में अग्रिम भुगतान की चिंता किए बिना नेटवर्क अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं।
7. फैमिली प्लान्स : फैमिली फ्लोटर प्लान्स एक परिवार के सभी सदस्यों को एक ही पॉलिसी में कवर करते हैं, और इस तरह बच्चों एवं बुजुर्गों को बेहद जरूरी सुरक्षा मिलती है, जो प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाएँ : हम सभी साफ-सुथरी हवा में साँस लेने की उम्मीद करते हैं, लेकिन जब तक यह बात हकीकत नहीं बन जाती, तब तक हमें अपनी सेहत को सबसे ज्यादा अहमियत देनी होगी। मास्क पहनने, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने और अधिक प्रदूषण वाले घंटों के दौरान बाहर निकलने से बचने जैसे कुछ आसान उपायों से आपको थोड़ी मदद मिल सकती है। लेकिन ये उपाय केवल कुछ हद तक ही कारगर साबित होते हैं। किसी अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करने से आपके मन को शांति मिल सकती है। इस तरह आप प्रदूषण की वजह से तात्कालिक और लंबे समय में सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करने के लिए आर्थिक रूप से तैयार हो सकते हैं। सेहत की देखभाल से जुड़े एहतियाती उपायों को अपनाने के साथ-साथ सही हेल्थ इंश्योरेंस लेकर, आप खुद को और अपने परिवार को बीमारी और खर्चों के दोहरे बोझ से बचा सकते हैं।

 



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