Monday, December 8, 2025 |
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दुनिया में बढ़ता स्टार्टअप्स का प्रभाव, भारत भी हुआ अलर्ट

by Business Remedies
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दुनिया के कई देशों में बढ़ते स्टार्टअप्स को देखते हुए भारत भी लगातार इसे प्रोत्साहित करने में लगा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने भाषण में नवयुवकों को आगे लाने के लिए उन्हें इसके लिए फंडिंग देने की कहे चुके है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने पिछले माह ही भारतीय स्टार्टअप्स के प्रदर्शन के आंकड़े जारी कर दिए हैं और इस ओर अलर्ट हो गया है। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 2016 से लेकर अब तक भारत में पंजीकृत स्टार्टअप्स की संख्या 400 से बढक़र वर्ष, 2024 के अंत तक 1.57 लाख से अधिक हो गई है। वहीं स्टार्टअप नीति बनाने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या वर्ष, 2016 में 4 से बढक़र 31 हो गई है। भारत में फंडिंग क्षेत्र में भी बड़ा उछाल देखा गया है, जो 2016 में 8 बिलियन से बढक़र अब 115 बिलियन तक पहुंच गया है। भारतीय स्टार्टअप्स ने 1.7 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित किए हैं। इस वर्ष से यूनिकॉर्न्स की संख्या भी काफी बढ़ी है, जहां वर्ष,2016 में 8 थीं, अब यह 118 हो गई हैं। यूनिकॉर्न्स वे स्टार्टअप्स होते हैं, जिनकी कीमत कम से कम एक बिलियन डॉलर होती है और जो अभी तक सार्वजनिक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध नहीं हुए हैं। अब भारत के 750 से अधिक जिलों में लोग स्टार्टअप्स चला रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या सिर्फ 120 थी। देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टार्टअप इंडिया की पहल की गई है। स्टार्टअप इकोसिस्टम को गति देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं और इंटरवेंशन शुरू किए हैं, जिनमें स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना, फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स, क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स, 3 साल तक आयकर छूट, स्टार्टअप्स के लिए तेज निकासी प्रक्रिया और बौद्धिक संपदा संरक्षण जैसी योजनाएं शामिल हैं। स्टार्टअप्स को मजबूती देने के लिए 1 अप्रैल, 2016 के बाद स्थापित स्टार्टअप्स आयकर छूट के लिए आवेदन किया जा सकता है। जो स्टार्टअप्स इंटर-मंत्रालयी बोर्ड प्रमाणपत्र प्राप्त करते हैं, उन्हें 10 सालों में से 3 साल तक आयकर से छूट भी मिलती है। सरकार ने स्टार्टअप्स को फास्ट ट्रैक कंपनियां घोषित किया है, जिससे उन्हें 180 दिनों के मुकाबले 90 दिनों के भीतर अपनी ऑपरेशंस बंद करने की अनुमति मिलती है। आने वाले समय में भारत भी स्टार्टअप्स की श्रेणी में अपना वर्चस्व कायम कर सकेगा।



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