बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। नई दिल्ली आधारित ‘Jungle Camps India Limited’ वन्य अभ्यारण पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत देश की प्रमुख कंपनी है। कंपनी द्वारा संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश में परियोजना विकास के लिए वांछित पूंजीगत व्यय की पूर्ति, मध्य प्रदेश के पेंच राष्ट्रीय उद्यान में मौजूदा रिसॉर्ट पेंच जंगल कैंप के नवीनीकरण के लिए वांछित पूंजीगत व्यय की पूर्ति, मथुरा होटल प्रोजेक्ट, मथुरा में परियोजना विकास के लिए वांछित पूंजीगत व्यय की पूर्ति के साथ सहायक कंपनी, मधुवन हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (“एमएचपीएल”) में निवेश और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों की पूर्ति हेतु एनएसई इमर्ज प्लेटफार्म पर आईपीओ लाया जा रहा है। कंपनी का आईपीओ आज खुलकर १२ दिसम्बर को बंद होगा। बिजनेस रेमेडीज की टीम द्वारा कंपनी के प्रोस्पेक्ट्स से कंपनी की कारोबारी गतिविधियों के संबंध में जानकारी हासिल की गई है।
यह करती है कंपनी: 2002 में निगमित, जंगल कैंप्स इंडिया लिमिटेड भारत में वाइल्डलाइफ कैंप के साथ होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, होलीडे होम, हेल्थ क्लब, कैटरिंग हाउस और रेस्तरां संचालित करती है। कंपनी एक वन संरक्षण-केंद्रित आतिथ्य समूह है जो पूरे मध्य भारत में प्रमुख वन्यजीव और बाघ रिजर्व राष्ट्रीय उद्यानों में चार पुरस्कार विजेता बुटीक रिसॉर्ट संचालित करती है। इन रिसॉर्ट्स के अलावा, कंपनी एक हाईवे रिट्रीट और एक रेस्तरां का प्रबंधन करती है और विभिन्न प्रकार के अनुकूलित यात्रा अनुभव प्रदान करती है। कंपनी के पास विला, कॉटेज, डीलक्स रूम और सफारी टेंट सहित 87 कमरों का मालिकाना हक है और वह उनका संचालन करती है। कंपनी की सुविधाओं में बैंक्वेट हॉल, मीटिंग रूम, रेस्तरां, बार, कैफे, स्विमिंग पूल और स्पा सुविधाएं शामिल हैं।
कंपनी चार स्थानों 1.पेंच जंगल कैंप, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश 2.रुखड़ जंगल कैंप, रुखड़, सिवनी जिला, मध्य प्रदेश 3.ताडोबा जंगल कैंप, भामडेली गांव, चंद्रपुर जिला, महाराष्ट्र और 4.जंगल कैंप कान्हा, संतपुर गांव, बालाघाट जिला, मध्य प्रदेश में बुटीक लक्जरी जंगल रिसॉर्ट्स का मालिकाना हक रखती है और उनका संचालन करती है। कंपनी दो हाईवे वेन्यू बाइसन हाईवे रिट्रीट – रुखड़, जिला सिवनी, मध्य प्रदेश (मोटल और रेस्तरां) और मिडवे ट्रीट-देउर कोठार, जिला रीवा, मध्य प्रदेश (रेस्तरां) संचालित करती है। कंपनी में कुल 162 कर्मचारी कार्यरत हैं।
वित्तीय प्रदर्शन: वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ने 7.39 करोड़ रुपए का राजस्व एवं 72.86 लाख रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 11.10 करोड़ रुपए का राजस्व एवं 44.92 लाख रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ और वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 17.48 करोड़ रुपए का राजस्व एवं 3.59 करोड़ रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ अर्जित किया है। वित्त वर्ष 2025 में 30 जून 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने 5.72 करोड़ रुपए का राजस्व और 1.10 करोड़ रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ अर्जित किया है। वित्तीय परिणामों से स्पष्ट है कि कंपनी साल दर साल अच्छे वित्तीय परिणाम प्रस्तुत कर रही है। वित्त वर्ष 2025 में 30 जून 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने 19.23 फीसदी का कर पश्चात शुद्ध लाभ मार्जिन अर्जित किया है। वार्षिक ईपीएस 4.89 रुपए के आधार पर कंपनी का आईपीओ 14.72 के पीई मल्टीपल पर आ रहा है। कंपनी का कर्ज इक्विटी रेश्यो 0.23 फीसदी है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कंपनी पर कर्ज़ भार ना के बराबर है।
प्रवर्तकों का अनुभव
55 वर्षीय कंपनी प्रवर्तक गजेंद्र सिंह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उनके पास 31 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने जी सिंह एंड कंपनी की स्थापना करके एक पेशेवर यात्रा शुरू की, जो एक अग्रणी लेखा फर्म है और वित्तीय प्रबंधन और परामर्श सेवाओं में उत्कृष्टता के लिए जानी जाती है। 2006 में उन्होंने वन्यजीव आतिथ्य, वन्यजीव संरक्षण पहल को आगे बढ़ाने, नवाचार और स्थिरता को अपनाने और बाद में होटल के पोर्टफोलियो का विस्तार करने में कदम रखा। वर्तमान में, वे कंपनी के दैनिक व्यवसाय में सक्रिय रूप से शामिल हैं और व्यवसाय के विकास पर मुख्य ध्यान देने के साथ कंपनी के मामलों को गतिशील रूप से प्रबंधित कर रहे हैं।
28 वर्षीय यशोवर्धन राठौड़ कंपनी के प्रवर्तक हैं। उन्होंने इंटरनेशनल होटल मैनेजमेंट में परास्नातक, बी.कॉम (एच) और एलएलबी की डिग्री पूरी की है और उन्हें इसी क्षेत्र में 4 साल का अनुभव है। उन्होंने एडोल्फस होटल, डलास, यूएसए में प्रबंधन प्रशिक्षु व अर्न्स्ट एंड यंग में कानूनी फोरेंसिक और सत्यनिष्ठा सलाहकार के रूप में काम किया है। वर्तमान में, वे कंपनी के संचालन का नेतृत्व कर रहे हैं।
52 वर्षीय लक्ष्मी राठौड़ कंपनी की प्रमोटर हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कला विषय में स्नातक की है।उनके पास आतिथ्य उद्योग में 20 वर्षों से अधिक का समृद्ध और विविध अनुभव है। वे विशेषज्ञता और नेतृत्व के एक प्रतीक के रूप में स्थापित हैं। उन्होंने आतिथ्य सत्कार की कला और विज्ञान में महारत हासिल करने के लिए दो दशकों से अधिक समय समर्पित किया है, जिससे वे इस क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित हस्ती बन गई हैं। वे सुनिश्चित करती है कि जंगल कैंप्स इंडिया के तहत प्रत्येक शिविर सेवा, स्थिरता और अतिथि संतुष्टि के उच्च मानकों को बनाए रखे। उनकी जिम्मेदारियों में रणनीतिक योजना, दैनिक गतिविधियों का समन्वय और अतिथि अनुभव को बढ़ाने के लिए नवीन प्रथाओं का कार्यान्वयन शामिल है। वे हाउसकीपिंग विभाग में सक्रिय रूप से योगदान देती है, यह सुनिश्चित करते हुए कि त्रुटिहीन मानकों को बनाए रखा जाए। इसके अतिरिक्त, डिजाइन और साज-सज्जा में उनका असाधारण कौशल उन्हें आरामदायक वातावरण बनाने में सक्षम बनाता है, जिससे समग्र अतिथि अनुभव हासिल होता है। उनके नेतृत्व की विशेषता पर्यावरण-अनुकूल पहलों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना है कि संचालन समूह के पर्यावरण प्रबंधन और सामुदायिक जुड़ाव के मूल मूल्यों के साथ संरेखित हो। विविध टीमों के प्रबंधन में उनकी विशेषज्ञता और उद्योग की जटिलताओं से निपटने की उनकी क्षमता उन्हें जंगल कैंप्स इंडिया के लिए एक अमूल्य संपत्ति बनाती है, जो समूह को निरंतर विकास और उत्कृष्टता की ओर ले जा रही है।
26 वर्षीय रणविजय सिंह राठौड़ कंपनी के प्रमोटर हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा भी उत्तीर्ण की है और सदस्यता का इंतजार कर रहे हैं।
IPO की जानकारी: ‘Jungle Camps India Limited’ का आईपीओ एनएसई इमर्ज प्लेटफार्म पर आज खुलकर 12 दिसम्बर 2024 को बंद होगा। कंपनी द्वारा बुक बिल्ट इश्यू प्रणाली से 10 रुपए फेसवैल्यू के 40,86,400 शेयर 68 से 72 रुपए प्रति शेयर के भाव पर जारी कर 29.42 करोड़ रुपए जुटाए जा रहे हैं। आईपीओ का मार्केट लॉट साइज 1600 शेयरों का है। आईपीओ का प्रबंधन प्रमुख लीड मैनेजर कंपनी खंबाटा सिक्योरिटीज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
नोट: यह लेख निवेश सलाह नहीं है।