सरकार ईवी चार्जिंग के इंफ्रा को डवलप करने के लिए सब्सिडी देगी
चार्जिंग फास्ट होने से बढ़ेगी इलेक्ट्रिक वाहनों की रफ्तार
बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की रफ्तार व पैठ बढ़ाने के लिए अब कमर कस ली है। सरकार ईवी के चार्जिंग स्टेशन बढ़ाने की तैयारी कर रही है। चार्जिंग फास्ट होने से ईवी की रफ्तार में भी इजाफा होगा। केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने दिशा-निर्देश के लिए एक मसौदा तैयार कर लिया है। केंद्र सरकार ने तय किया है कि वह ईवी पब्लिक फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाने पर शुरुआती चरण में 80 फीसदी तक सब्सिडी देने की तैयारी कर रही है। कुछ मामलों में यह 100 फीसदी तक होगी।
शुरुआती चरण में 40 शहरों को दी जाएगी प्राथमिकता: केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट में देश के 40 शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन शहरों में फास्ट कार चार्जिंग की सुविधा विकसित की जाएगी। इस योजना में सरकार से ठेका मिलने के बाद 30 फीसदी चार्जिंग स्टेशन बनने के बाद 40 फीसदी राशि और इसके बाद व्यावसायिक चार्जिंग शुरू होने के बाद बाकी रकम का भुगतान करेगी। यह सब्सिडी 2,000 करोड़ रुपए की होगी। इस राशि पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के तहत प्रदान की जाएगी, जिसे इलेक्ट्रिक वाहनों की फेम योजना की जगह शुरू किया गया है।
दोपहिया-तिपहिया के लिए फास्टर चार्जर पर सब्सिडी: भारी उद्योग मंत्रालय ने दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया है। इसके मुताबिक इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर को सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए 581 करोड़ रुपए तय किए गए हैं। इसी तरह ई-कारों के लिए 21,000 फास्ट चार्जिंग स्टेशनों (1,061 करोड़ रुपए आवंटित) और ई-बस तथा ई-ट्रक के लिए 1,800 फास्ट चार्जिंग स्टेशनों (346 करोड़ रुपए निर्धारित) को सब्सिडी दी जाएगी। कुल 72,300 फास्ट चार्जिंग स्टेशनों के लिए सब्सिडी मिलेगी।
सभी स्टेशनों की चार्जिंग क्षमता तय होगी: जानकारी के अनुसार, मसौदे में न्यूनतम चार्जिंग क्षमता भी तय की गई है। इलेक्ट्रिक दोपहिया व तिपहिया वाहनों के लिए कम से कम 12 किलोवॉट चार्जिंग क्षमता होनी चाहिए। इस पर कम से कम 1.5 लाख रुपए की लागत आएगी। ई-कारों के लिए कम से कम 6 लाख रुपए की लागत के साथ न्यूनतम 60 किलोवॉट और ई-बसों के लिए न्यूनतम 24 लाख रुपए लागत के साथ कम से कम 240 किलोवॉट चार्जिंग क्षमता होनी चाहिए।
ई-कारों में दिल्ली सबसे ऊपर: मंत्रालय ने ई-वाहनों की ज्यादा हिस्सेदारी वाले 40 शहर भी चिहिंत किए हैं। इनमें कुल ई-कारों में 14.6 फीसदी हिस्सेदारी वाला दिल्ली सबसे ऊपर है। इसके बाद बेंगलूरु (12.2 फीसदी), मुंबई (9.5 फीसदी), हैदराबाद (7.4 फीसदी) और 5.2 फीसदी हिस्सेदारी वाला पुणे है। इनके अलावा लुधियाना, जोधपुर व उदयपुर जैसे शहर भी इस सूची में शामिल हैं।
ई-बसों व ट्रकों के लिए राजमार्ग चिंहित: इलेक्ट्रिक बसों की आवाजाही के लिए 40 राजमार्ग गलियारे और इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए 20 राजमार्ग गलियारे चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें चार्जिंग ढांचा स्थापित करते समय तरजीह दी जाएगी। इनमें ई-बसों के लिए हैदराबाद से विजयवाड़ा तक 270 किलोमीटर, पुणे से कोल्हापुर तक 230 किलोमीटर, दिल्ली से चंडीगढ़ तक 240 किलोमीटर, दिल्ली व आगरा के बीच 240 किलोमीटर और दिल्ली से लखनऊ तक 554 किलोमीटर दूरी वाले गलियारे शामिल हैं। ई-ट्रकों के लिए दिल्ली-चंडीगढ़, जयपुर-दिल्ली, गोरखपुर-लखनऊ, विजयवाड़ा-विशाखापत्तनम राजमार्ग पहचाने गए हैं।
– ये मैन्यूफे्रक्चरिंग का पार्ट है। डीलर्स की इसमें कम भूमिका होती है। राजस्थान की रिप्स टू पॉलिसी है। यह अपने आप में बहुत अच्छी पॉलिसी है। सरकार जो भी प्राडक्शन लिंक पॉलिसी बना रही, यह उसे जरूरत सहायता करेगी। कोई भी कार निर्माता ईवी चार्जिंग स्टेशन नहीं बनाता। उन्होंने चार्जिंग स्टेशन बनाने वाले कंपनियों से टाइअप किया हुआ है और उन्हीं के थ्रू नेटवर्क बनता है। इसमें समस्या यह है कि चार्जिंग स्टेशन बनाने वाले तो बना लेंगे, लेकिन सबसे बड़ा चैलेंज है कि सरकार को जो इंफ्रास्ट्रक्चर देना है। इन चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली उपलब्ध करानी है। साथ ही सेफ्टी जो क्रिएट होनी है। उसको लेकर काफी चिंता है। इसलिए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सही पॉलिसी बनानी होगी ताकि इनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी भी बनी रह सके।
– शार्विक शाह, डायरेक्टर, राजेश मोटर्स, जयपुर और चेयरपर्सन, एफईडीए, राजस्थान
– यह सरकार का अच्छा इनिसिएटिव है। देश में कार्बन का उत्सर्जन कम होना चाहिए। इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल की चार्जिंग की सुविधा विकसित की जा रही है। अगर भारत को ई-व्हीकल के मामले में सक्सेस होना है तो पहले इंफ्रा स्ट्रक्चर डवलप करना होगा। अभी सरकार जिस दिशा में आगे बढ़ रही है। यह एक दम सही दिशा की ओर बढ़ाया गया कदम है।
– साईं गिरधर, सचिव, फैडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन
– सरकार की यह पहल ईवी मार्केट के लिए बहुत अच्छी बात होगी। शहरों में चार्जिंग प्वाइंट लगने से इलेक्ट्रिक व्हीकल ज्यादा बिकेंगे। इससे शहरों में होने वाला प्रदूषण भी कम होगा। सुविधाएं बढऩे से ग्राहकों को फैसिलिटी ज्यादा मिलेंगी। जब सुविधा मिलेगी तो ई व्हीकल ज्यादा बिकेंगे। इससे शहरों में होने वाले पॉल्यूशन को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
– आयुष अग्रवाल, डायरेक्टर, पुष्पा होंडा, मानसरोवर, जयपुर