Sunday, December 7, 2025 |
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भारत कुछ वर्षों में बन सकता है पूर्णतय: डिजिटल और कैशलेस देश!

by Business Remedies
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निरंतर बदलती तकनीकि की दुनिया में जहां कैशलेस पेमेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। वहीं यूरोप का देश स्वीडन इस क्षेत्र में ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गया है। स्वीडन अब पूरी तरह 100 प्रतिशत कैशलेस देश बन चुका है यानी यहां अब कोई भी लेन-देन नकद में नहीं किया जाता। वर्ष, 2010 में जहां देश में करीब 40 फीसदी ट्रांजेक्शन नकद में होते थे, वहीं वर्ष, 2023 तक यह घटकर 1 फीसदी से भी कम रह गया। जो इस वर्ष पूरी तरह खत्म हो चुका है। वहीं भारत के डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग के कारण यह संभावना है कि अगले कुछ वर्षों में भारत भी कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति करेगा। जहां सरकार और विभिन्न संस्थाएं देश को डिजिटल और कैशलेस बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। यूपीआई जैसे प्लेटफॉम्र्स ने डिजिटल लेनदेन को आसान बना दिया है। पूरी तरह से कैशलेस अर्थव्यवस्था का मतलब हर लेनदेन का डिजिटल रूप से होना है। वर्तमान में कई छोटे व्यापारी और ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी नकदी का उपयोग होता है। जहां कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत इंटरनेट कनेक्टिविटी और वित्तीय साक्षरता आवश्यक है, जिन पर लगातार काम किया जा रहा है। कई अनुमानों में अगले 6 महीने से लेकर 1 साल तक की समय-सीमा बताई गई है, लेकिन यह एक सतत प्रक्रिया है। यह कहना मुश्किल है कि भारत कब पूरी तरह से कैशलेस होगा, लेकिन यह निश्चित रूप से उस दिशा में बढ़ रहा है। संभवतय: भारत भी आने वाले कुछ वर्र्षोंं में कैशलेस पेमेंट में पूरी तरह से समाहित हो जाएगा।



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