जाम्बिया के किसानों ने चीन से जुड़ी दो कंपनियों Sino Metals Leach Zambia और NFC Africa Mining के खिलाफ 80 अरब डॉलर का मुकदमा दायर किया है। यह मामला फरवरी में तांबे के खनन से निकले कचरे को संग्रहित करने वाले बांध के ढहने के बाद हुआ पारिस्थितिक असंतुलन (ecological imbalance) से जुड़ा है।
किसानों ने अदालत में बताया कि बांध टूटने के बाद लाखों लीटर अत्यधिक अम्लीय पदार्थ जलमार्गों में फैल गया। इसका परिणाम यह हुआ कि:
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मछलियों की बड़ी संख्या में मौत हुई
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पानी पीने योग्य नहीं रहा
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फसलें बर्बाद हो गईं
किसानों ने कहा कि यह जाम्बिया के इतिहास की सबसे बड़ी पर्यावरणीय आपदा है और लगभग 3 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं। उन्हें बांध टूटने के कई दिनों तक पानी की विषाक्तता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
Toxic Spill और स्वास्थ्य पर प्रभाव
अदालत के दस्तावेज़ों में पीड़ित किसानों ने कई स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी दी, जैसे:
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पेशाब में खून
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सीने में जकड़न
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कुओं और फसलों का प्रदूषण
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की कि प्रभावित लोगों को तत्काल और अति आवश्यक सहायता दी जाए और 2 करोड़ डॉलर का आपातकालीन कोष बनाया जाए ताकि संपूर्ण स्वास्थ्य और पर्यावरणीय आकलन किया जा सके।
Companies की प्रतिक्रिया
Sino Metals Leach Zambia ने पहले कहा था कि लगभग 50,000 घन मीटर रिसाव हुआ था। कंपनी ने 3 सितंबर को बयान जारी करते हुए कहा,
“पता चलने के कुछ ही घंटों के भीतर टेलिंग्स रिसाव और दरार पर तुरंत नियंत्रण पा लिया गया।”
कंपनियों ने अभी मुकदमे पर कोई और टिप्पणी नहीं की है।
Farmers का आरोप
किसानों के अनुसार, बांध के टूटने के कारणों में शामिल हैं:
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इंजीनियरिंग की खामियां
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निर्माण संबंधी खामियां
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संचालन संबंधी कुप्रबंधन
176 किसानों के एक समूह ने जाम्बिया की राजधानी लुसाका स्थित उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया है।
अमेरिकी दूतावास ने अगस्त में क्षेत्र में “पानी और मिट्टी के व्यापक प्रदूषण” को लेकर स्वास्थ्य चेतावनी भी जारी की थी।

