जयपुर। विशेषज्ञों के अनुसार भारत के वैक्स बाजार का आकार 2024-2032 के दौरान 4.5 फीसदी की वृद्धि दर (सीएजीआर) प्रदर्शित करने का अनुमान है। इस क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख कंपनी ‘Dhariwalcorp limited‘ का IPO 1 अगस्त 2024 को खुल रहा है। इस लेख में कंपनी की कारोबारी गतिविधियों के साथ इंडस्ट्री डायनॉमिक्स, फाइनेंशियल वैल्यूएशन, भावी योजना जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया है।
कंपनी की कारोबारी गतिविधियां: Dhariwalcorp limited वैक्स, औद्योगिक रसायनों और पेट्रोलियम जेली की एक विस्तृत श्रृंखला में व्यापार करती है।
कंपनी पैराफिन वैक्स, माइक्रो वैक्स, स्लैक वैक्स, कारनौबा वैक्स, माइक्रोक्रिस्टलाइन वैक्स, सेमी-रिफाइंड पैराफिन वैक्स, येलो बीज़वैक्स, हाइड्रोकार्बन वैक्स, मोंटन वैक्स, पॉलीइथाइलीन वैक्स,वेजिटेबल वैक्स, अवशेष वैक्स, पाम वैक्स, बीएन माइक्रो वैक्स, हाइड्रोजनीकृत पाम वैक्स, माइक्रो स्लैक वैक्स, पीई वैक्स और सोया वैक्स सहित विभिन्न प्रकार के वैक्स की प्रक्रिया, खरीद, बिक्री, आयात और व्यापार करती है।
कंपनी पैराफिन पेट्रोलियम जेली और व्हाइट पेट्रोलियम जेली सहित रबर प्रोसेस ऑयल, लाइट लिक्विड पैराफिन (एलएलपी), साइट्रिक एसिड मोनोहाइड्रेट, रिफाइंड ग्लिसरीन, बिटुमेन, स्टीयरिक एसिड और पेट्रोलियम जेली जैसे औद्योगिक रसायनों का भी कारोबार करती है।
Dhariwalcorp प्लाईवुड और बोर्ड, पेपर कोटिंग, क्रेयॉन विनिर्माण, मोमबत्ती उत्पादन, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रोलियम जेली और प्रसाधन सामग्री, ट्यूब और टायर विनिर्माण, माचिस उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण और चिपकने वाला विनिर्माण जैसे उद्योगों में सेवा प्रदान करती है। इन क्षेत्रों की आपूर्ति श्रृंखला, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने में कंपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कंपनी एक प्रसंस्करण इकाई संचालित करती है और इसके गोदाम जोधपुर(राजस्थान), भिवंडी( महाराष्ट्र) अहमदाबाद ( गुजरात ) और मुंद्रा और कच्छ (गुजरात ) में हैं।
कंपनी विभिन्न देशों से वैक्स का आयात करती है। वर्ष भर में कंपनी करीब 1800 कंटेनर्स वैक्स का आयात करती है और उसे कंपनी के आठ वेयरहाउस में रखा जाता है। कंपनी को इतनी अच्छी मांग मिल रही है कि नवंबर माह तक का वैक्स फारवर्ड विक्रय हो चुका है। कंपनी ने गत वर्ष 36800 मीट्रिक टन वैक्स का आयात किया था,जो कि देश के कुल वैक्स आयात का 50 फीसदी था।
कंपनी को वर्ष 2024 का फेयर इंपोर्टर अवार्ड दिया गया है। कंपनी के निदेशक मनीष धारीवाल को 2023 में उद्योग रत्न का अवार्ड मिला है।
इंडस्ट्री डायनॉमिक्स: भारत के वैक्स बाजार का आकार 2024-2032 के दौरान 4.5 फीसदी की वृद्धि दर (सीएजीआर) प्रदर्शित करने का अनुमान है। औद्योगिक क्षेत्र में व्यापक रूप से वैक्स को अपनाना, वाहन पॉलिश के निर्माण में वैक्स का बढ़ता उपयोग और शेल्फ जीवन को बढ़ाने के लिए फलों के कोटिंग्स में व्यापक रूप से वैक्स का उपयोग वैक्स बाजार को चलाने वाले कुछ प्रमुख कारकों का प्रतिनिधित्व करता है। वैक्स एक बहुमुखी पदार्थ है जिसका कई अनुप्रयोग होते हैं विभिन्न उद्योगों में। यह कम गलनांक वाला एक ठोस पदार्थ है, जो आमतौर पर पौधों, जानवरों और पेट्रोलियम जैसे प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होता है। सबसे आम प्रकार के वैक्स में मधुमक्खी वैक्स, पैराफिन वैक्स और कारनौबा वैक्स शामिल हैं, प्रत्येक में अलग-अलग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त विशिष्ट गुण होते हैं। मधुमक्खियों द्वारा उत्पादित वैक्स, अपने प्राकृतिक, पर्यावरण-अनुकूल गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसकी सुखद सुगंध, चिकनी बनावट और चमक बढ़ाने की क्षमता के कारण इसका उपयोग आमतौर पर सौंदर्य प्रसाधनों, मोमबत्तियों और फर्नीचर पॉलिश में किया जाता है। पैराफिन वैक्स, कच्चे तेल के शोधन का एक उपोत्पाद, अपनी सामर्थ्य और निर्माण में आसानी के कारण वैक्स का सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला प्रकार है। इसके अनुप्रयोगों में मोमबत्तियाँ, खाद्य उत्पादों के लिए कोटिंग्स, सौंदर्य प्रसाधन और फार्मास्यूटिकल्स में एक घटक के रूप में शामिल हैं। कारनौबा वैक्स, जो मुख्य रूप से ब्राजीलियाई ताड़ के पेड़ की पत्तियों से प्राप्त होता है, अपनी कठोरता और उच्च गलनांक के लिए प्रसिद्ध है। यह आमतौर पर ऑटोमोबाइल वैक्स, जूता पॉलिश और विभिन्न औद्योगिक उत्पादों में पाया जाता है, जो एक सुरक्षात्मक और चमकदार फिनिश प्रदान करता है। इन विशिष्ट प्रकारों के अलावा, वैक्स को कागज और पैकेजिंग, कपड़ा और ऑटोमोटिव उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित और मिश्रित किया जा सकता है। वे नमी प्रतिरोध, स्नेहन और सतह सुरक्षा जैसे लाभ प्रदान करते हैं।
भारत में वैक्स बाजार मुख्य रूप से औद्योगिक क्षेत्र में व्यापक वैक्स उत्पाद अपनाने से प्रेरित है। वैक्स का व्यापक रूप से पैकेजिंग, सौंदर्य प्रसाधन, फार्मास्यूटिकल्स और कपड़ा जैसे उद्योगों में उपयोग किया जाता है। भारत में इन उद्योगों की वृद्धि का सीधा प्रभाव वैक्स की मांग पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, बढ़ते पैकेजिंग क्षेत्र को कोटिंग्स और लेमिनेशन के लिए वैक्स की आवश्यकता होती है, जबकि सौंदर्य प्रसाधन उद्योग लिपस्टिक, लोशन और क्रीम में वैक्स का उपयोग करता है। इसके अलावा, भारत में ऑटोमोटिव क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है और कार वैक्सिंग और पॉलिश जैसे अनुप्रयोगों में वैक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैसे-जैसे ऑटोमोटिव उद्योग का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे ऑटोमोटिव-ग्रेड वैक्स की मांग भी बढ़ रही है। इसके अलावा, भारत में निर्माण उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे निर्माण सामग्री की मांग बढ़ रही है, जिसमें कोटिंग्स के लिए मोम और निर्माण में उपयोग किए जाने वाले चिपकने वाले पदार्थ भी शामिल हैं। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में, फलों के शेल्फ जीवन को बढ़ाने और ताजगी बनाए रखने के लिए फलों के लेप में वैक्स का उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर बढ़ते फोकस के कारण खाद्य-ग्रेड वैक्स की मांग बढ़ रही है, जो विकास-उत्प्रेरण कारक के रूप में कार्य कर रही है। इसके अलावा, वैक्स के गुणों में सुधार लाने, नए अनुप्रयोगों को विकसित करने और वैक्स के नवीन उपयोग खोजने के उद्देश्य से चल रही अनुसंधान और विकास गतिविधियां बाजार के विकास में योगदान कर रही हैं।
उक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि देश में वैक्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और इसके चलते वैक्स की मांग बढ़ रही है। इसलिए यह स्थिति इस क्षेत्र में प्रमुखता से काम करने वाली कंपनी ‘धारीवालकॉर्प लिमिटेड’ के लिए लंबे समय तक फायदेमंद रहने वाली है।
भावी योजना: कंपनी द्वारा वेजिटेबल ऑयल को रिप्रोसेस करके वैक्स में कन्वर्ट किया जाता है। वर्तमान में कंपनी प्रतिदिन 30 मीट्रिक टन वेजिटेबल वैक्स निर्मित कर रही है और कंपनी की योजना अपनी क्षमता को बढ़ाने और बिक्री को बढ़ाने की है।
कंपनी द्वारा जोधपुर में मल्टी स्पेशलिटी वेयरहाउस स्थापित किया जा रहा है। यह जोधपुर का पहला रोबोटिक वेयरहाउस होगा।
कंपनी ने अपने साथ 800 किसानों को जोड़ा है और कंपनी उनसे ऑर्गेनिक जीरा खरीद कर उसे रिप्रोसेस करके निर्यात करेगी। इसके लिए कंपनी द्वारा 7200 मीट्रिक टन क्षमता का प्लांट स्थापित किया जाएगा।
फाइनेंशियल वैल्यूएशन: वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कर पश्चात शुद्ध लाभ मार्जिन 1.97 फीसदी दर्ज किया गया है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की कुल असेट्स 21.31 करोड़ रुपए, नेटवर्थ 8.75 करोड़ रुपए, रिजर्व एंड सरप्लस 2.17 करोड़ रुपए और कुल कर्ज 8.78 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। कंपनी का कर्ज इक्विटी अनुपात 1 गुना का है यानी कि कंपनी पर कर्ज भार अधिक नहीं है। 6.85 रुपए के ईपीएस के आधार पर कंपनी का आईपीओ 15.48 के पीई मल्टीपल पर आ रहा है।
IPO के संबंध में जानकारी: ‘धारीवालकॉर्प लिमिटेड’ का आईपीओ एनएसई इमर्ज प्लेटफार्म पर 1 अगस्त को खुलकर 5 अगस्त 2024 को बंद होगा।
कंपनी द्वारा बुक बिल्ट इश्यू प्रणाली से 10 रुपए फेसवैल्यू के 23,72,400 शेयर 102 रुपए से 106 रुपए प्रति शेयर के भाव पर जारी कर 25.15 करोड़ रुपए जुटाए जा रहे हैं। आईपीओ का मार्केट लॉट साइज 1200 शेयरों का है। आईपीओ का प्रबंधन प्रमुख लीड मैनेजर कंपनी श्रेणी शेयर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
नोट: यह लेख निवेश सलाह नहीं है।
