बिजऩेस रेमेडीज/मुंबई
देश के अग्रणी कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज MCX पर कमोडिटी वायदा, ऑप्शंस और इंडेक्स फ्यूचर्स में 1 से 7 नवंबर के सप्ताह के दौरान 94,05,353 सौदों में कुल रु.8,96,221.84 करोड़ का टर्नओवर दर्ज हुआ। जिसमें कमोडिटी वायदाओं में रु.1,37,531 करोड़ और ऑप्शंस में रु.7,58,660 करोड़ का कारोबार शामिल हैं। कीमती धातुओं का सूचकांक बुलडेक्स के नवंबर वायदा में 694 अंक की मूवमेंट देखने मिली। कीमती धातुओं के वायदाओं में सोना-चांदी में एमसीएक्स पर 10,56,519 सौदों में कुल रु.91,706.12 करोड़ का कारोबार हुआ। सोना के अनुबंधों में एमसीएक्स सोना दिसंबर वायदा प्रति 10 ग्राम सप्ताह की शुरुआत में रु.78,849 के भाव से खूलकर, सप्ताह के दौरान इंट्रा-डे में ऊपर में रु.78,950 और नीचे में रु.76,300 के स्तर को छूकर, सप्ताह के अंत में रु.1,019 घटकर रु.77,411 के भाव पर पहुंचा। इसके सामने गोल्ड-गिनी नवंबर कांट्रैक्ट प्रति 8 ग्राम रु.780 घटकर रु.62,756 और गोल्ड-पेटल नवंबर कांट्रैक्ट प्रति 1 ग्राम रु.8 घटकर रु.7,762 के भाव हुए। सोना-मिनी दिसंबर वायदा प्रति 10 ग्राम रु.78,600 के भाव से खूलकर, रु.1,053 घटकर रु.77,386 के स्तर पर पहुंचा।
चांदी के वायदाओं में चांदी दिसंबर वायदा प्रति 1 किलो सप्ताह की शुरुआत में रु.94,924 के भाव से खूलकर, सप्ताह के दौरान इंट्रा-डे में ऊपर में 95,699 और नीचे में 90,020 के स्तर को छूकर, सप्ताह के अंत में रु. 2318 घटकर रु.92,313 बंद हुआ। चांदी-मिनी नवंबर कांट्रैक्ट रु. 2425 घटकर रु.92,104 और चांदी-माईक्रो नवंबर कांट्रैक्ट रु.2,418 घटकर रु.92,104 बंद हुआ। मेटल्स के वायदाओं में एमसीएक्स पर 1,35,736 सौदों में रु.18,812.48 करोड़ का कारोबार हुआ। एल्यूमीनियम नवंबर वायदा प्रति 1 किलो रु.7.65 बढक़र रु.246.90 और जस्ता नवंबर वायदा 2.35 बढक़र रु.285 के स्तर पर पहुंचा। इसके सामने तांबा नवंबर कांट्रैक्ट रु.9.25 बढक़र रु.849.90 और सीसा (लेड) नवंबर कांट्रैक्ट रु.0.50 बढक़र रु.182 के भाव हुए।
ऊर्जा सेगमेंट के वायदाओं में एमसीएक्स पर 6,92,994 सौदों में कुल रु.26,992.09 करोड़ का कारोबार हुआ। क्रूड ऑयल नवंबर वायदा सप्ताह की शुरुआत में रु.5,890 के भाव से खूलकर, सप्ताह के दौरान इंट्रा-डे में ऊपर में रु.6,138 और नीचे में रु.5,890 के स्तर को छूकर, सप्ताह के अंत में प्रति 1 बैरल रु.306 बढक़र रु.6,129 हुआ, जबकि नैचुरल गैस नवंबर वायदा प्रति 1 एमएमबीटीयू रु.2.90 घटकर रु.226.60 बंद हुआ।
कृषि जिंसों में एमसीएक्स पर 454 सौदों में रु.21.20 करोड़ का कारोबार हुआ। प्रति रु. कॉटन केंडी नवंबर वायदा प्रति 1 केंडी रु.55,900 के भाव पर खूलकर, सप्ताह के दौरान इंट्रा-डे में ऊपर में रु.56,160 और नीचे में रु.53,890 के स्तर को छूकर, सप्ताह के अंत में रु.400 बढक़र रु.56,050 के स्तर पर पहुंचा। कॉटन सीड वॉश ऑयल नवंबर कांट्रैक्ट प्रति 10 किलो रु.1,220 के भाव से खूलकर, रु.63 बढक़र रु.1,276 बंद हुआ। मेंथा तेल के वायदाओं में नवंबर कांट्रैक्ट प्रति 1 किलो रु.18.10 घटकर रु.915.70 हुआ। कारोबार की दृष्टि से एमसीएक्स पर कीमती धातुओं में सोना के वायदाओं में 1,93,643 सौदों में रु. 40,455.76 करोड़ के 52,069.000 किलो और चांदी के वायदाओं में 8,62,876 सौदों में कुल रु. 51,250.36 करोड़ के 5,512.797 टन का व्यापार हुआ। ऊर्जा सेगमेंट में कू्रड ऑयल के वायदाओं में 96,149 सौदों में रु.7,805.25 करोड़ के 1,29,63,600 बैरल और नैचुरल गैस के वायदाओं में 2,69,233 सौदों में रु.15,782 करोड़ के 683090000 एमएमबीटीयू का कारोबार हुआ। कृषि जिंसों में कॉटन केंडी के वायदाओं में 73 सौदों में रु.5.73 करोड़ के 4080 केंडी, मेंथा तेल के अनुबंधों में 369 सौदों में रु.14.60 करोड़ के 157 टन, कॉटन सीड वॉश ऑयल के वायदाओं में 12 सौदों में रु. 0.87 करोड़ के 70 टन का व्यापार हुआ। ओपन इंटरेस्ट सप्ताह के अंत में एमसीएक्स पर सोना के वायदाओं में 17,475.000 किलो और चांदी के वायदाओं में 1,260.423 टन, क्रूड ऑयल में 1469900 बैरल और नैचुरल गैस में 33161250 एमएमबीटीयू और कॉटन केंडी में 10464 केंडी, मेंथा तेल में 282 टन, कॉटन सीड वॉश ऑयल में 125 टन के स्तर पर पहुंचा।
इंडेक्स फ्यूचर्स की बात करें तो, एमसीएक्स पर बुलडेक्स वायदा में 285 सौदों में रु.29.06 करोड़ के 302 लोट्स का व्यापार हुआ। ओपन इंटरेस्ट बुलडेक्स वायदा में 113 लॉट्स के स्तर पर था। बुलडेक्स नवंबर वायदा 19,550 के स्तर पर खूलकर, 694 अंक की मूवमेंट के साथ 299 अंक घटकर 19,197 के स्तर पर पहुंचा। ऑप्शंस की बात करें तो, ऑप्शंस ऑन फ्यूचर्स में एमसीएक्स पर 75,19,365 सौदों में रु.7,58,660.89 करोड़ का नॉशनल टर्नओवर दर्ज हुआ। सोना के कॉल और पुट ऑप्शंस में रु.79,283.24 करोड़, चांदी और चांदी-मिनी के कॉल और पुट ऑप्शंस में रु.44,538.14 करोड़ का कारोबार हुआ। ऊर्जा सेगमेंट के ऑप्शंस में क्रूड ऑयल के कॉल और पुट ऑप्शंस में रु.5,50,093.97 करोड़ और नैचुरल गैस के कॉल और पुट ऑप्शंस में रु.76,764.68 करोड़ का कारोबार हुआ।
दिल्ली में आयोजित ‘रन फॉर इल्यूजन’ में 7,000 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
बिजऩेस रेमेडीज/
नई दिल्ली/आईएएनएस
स्पेशल ओलंपिक भारत (एसओबी) द्वारा आयोजित ‘रन फॉर इल्यूजन’ में दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के 150 एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और संगठनों के 7,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
यह आयोजन आगामी विशेष ओलंपिक एशिया प्रशांत बोचे और बॉलिंग प्रतियोगिता की प्रस्तावना है, जिसने बहुप्रतीक्षित खेलों के लिए मंच तैयार कर दिया है।
इस दिन का संदेश था, ‘ईच वन, रिच वन’। इन शब्दों से मैदान गूंज उठा, जब धावकों और समर्थकों ने बौद्धिक और विकासात्मक विकलांगता (आईडीडी) वाले लोगों के अधिकारों और अवसरों को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया। रन फॉर इल्यूजन को भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और सडक़, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा सहित नेताओं के एक प्रतिष्ठित समूह ने हरी झंडी दिखाई। उनके साथ स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा, सांसद मनोज तिवारी और बांसुरी स्वराज भी शामिल हुए। मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने इस पहल की दिल से सराहना की और इसे ‘फिट इंडिया’ के दृष्टिकोण के साथ जोडऩे पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे दिव्यांग बच्चों को हमारे समाज में उनका उचित स्थान मिले और मैं इस अविश्वसनीय प्रयास का नेतृत्व करने के लिए स्पेशल ओलंपिक भारत को बधाई देता हूं।इस अवसर पर पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन, निखिल चोपड़ा और प्रसिद्ध क्रिकेट कोच गुरशरण सिंह भी उपस्थित थे।
रेन्टोकिल पीसीआई ने लगातार इनोवेशन की अगुवाई करते हुए, भारत में पहली बार टर्माइट बैटिंग सर्विस और इनोवेटिव गोल्डसील सर्विस- 4ष्ठ की शुरुआत की
बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
भारत में पेस्ट कंट्रोल सेवाएँ उपलब्ध कराने वाली प्रमुख कंपनी, रेन्टोकिल पीसीआई को इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है, जिसने आज अपार हर्ष के साथ पेस्ट कंट्रोल इंडस्ट्री में नई मिसाल कायम करने वाली अपनी दो अग्रणी सेवाओं: एंटी-टर्माइट फोर्ट्रेस (टर्माइट बैटिंग सर्विस) और त्रस्स् 4ष्ठ (कॉकरोच सर्विस) के शुभारंभ की घोषणा की। दोनों ही सेवाएँ इनोवेशन के मामले में सबसे आगे हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि रेन्टोकिल पीसीआई अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ इस उद्योग में नए मानक स्थापित करने के अपने संकल्प पर कायम है।
एंटी-टर्माइट फोर्ट्रेस दीमकों को लुभाकर उनका सफाया करने वाली सेवा है, जिसे सेंट्रल इन्सेक्टीसाइड बोर्ड (ष्टढ्ढक्च) ने अपनी मंजूरी दी है। यह सेवा घर के मालिकों के अलावा आर्किटेक्ट्स, बिल्डरों तथा कंस्ट्रक्शन कंपनियों को किसी परेशानी के बिना, बेहद किफायती तरीके से और तोड़-फोड़ के बगैर इस समस्या का समाधान उपलब्ध कराती है। पारंपरिक तरीकों में ड्रिलिंग और केमिकल इंजेक्शन की जरूरत होती है, लेकिन इसके विपरीत टर्माइट बैटिंग सर्विस में घर की महत्वपूर्ण जगहों पर बैटिंग स्टेशनों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें जमीन के अंदर और ऊपर दोनों जगहों पर रखकर सीधे दीमकों की कॉलोनियों को निशाना बनाया जाता है, जो उनका मुख्य स्रोत है। इन बैट स्टेशनों में सेल्यूलोज-आधारित सामग्रियों का उपयोग किया जाता है जो कुदरती तौर पर दीमक का चारा होता है, जिससे आस-पास के इकोसिस्टम को कोई नुकसान नहीं होता है और दीमकों की कॉलोनियों पूरी तरह सफाया कर पाना संभव होता है।
रेन्टोकिल पीसीआई ने इसके साथ-साथ गोल्डसील सर्विस- 4ष्ठ (त्रस्स्- ४ष्ठ) भी शुरू की है, जो भारत में 4ष्ठ कॉकरोच ट्रीटमेंट की सबसे बड़ी सेवा है। इस सेवा में घरों और व्यवसायों, दोनों को बेमिसाल सुरक्षा प्रदान करने के लिए कीट नियंत्रण के चार-आयामी तरीके की मदद ली जाती है: जिसमें उनको घर के भीतर प्रवेश करने, ठिकाना बनाने और भोजन को रोकना शामिल है, जिससे कॉकरोच की आबादी का कारगर तरीके से सफाया हो जाता है।
2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए भारत में सोने की मांग के आंकड़ेबिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
वॉल्यूम के मामले में 2024 की तीसरी तिमाही में भारत में 248.3 टन सोने की मांग रही, जो 2023 की तीसरी तिमाही में 210.2 टन की मांग के मुकाबले 18 प्रतिशत ज्यादा है।
मूल्य के मामले में 2024 की तीसरी तिमाही में भारत में 1,65,380 करोड़ रुपये के सोने की मांग थी, जो 2023 की तीसरी तिमाही में 1,07,700 करोड़ रुपये की मांग के मुकाबले 53 प्रतिशत ज्यादा है। वॉल्यूम के मामले में 2024 की तीसरी तिमाही में भारत में आभूषणों की कुल मांग 171.6 टन थी, जो 2023 की तीसरी तिमाही में 155.7 टन के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा थी। मूल्य के मामले में 2024 की तीसरी तिमाही में भारत में कुल 1,14,300 करोड़ रुपये के आभूषणों की मांग थी, जो 2023 की तीसरी तिमाही में 79,830 करोड़ रुपये के आभूषणों की मांग के मुकाबले 43त्न अधिक है। वॉल्यूम के मामले में 2024 की तीसरी तिमाही में सोने में निवेश की कुल मांग 76.7 टन थी, जो 2023 की तीसरी तिमाही में 54.5 टन की मांग के मुकाबले 41त्न ज्यादा है। मूल्य के मामले में 2024 की तीसरी तिमाही में सोने में निवेश मांग 51,080 करोड़ रुपये थी, जो 2023 की तीसरी तिमाही 27,940 करोड़ रुपये की मांग के मुकाबले 83त्न अधिक है।
वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के रीजनल सीईओ, इंडिया, सचिन जैन ने कहा कि 2024 की तीसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग साल-दर-साल 18 प्रतिशत बढ़ते हुए 248.3 टन तक पहुंच गई। जुलाई में सोने के आयात शुल्क में की गई भारी कटौती के बाद आभूषणों की मांग ने 2023 की तीसरी तिमाही में 155.7 टन के मुकाबले 10 प्रतिशत बढक़र 171.6 टन तक पहुंचकर 2015 के बाद सबसे मजबूत तीसरी तिमाही दर्ज की।
जुलाई खत्म होते-होते ग्राहकों की मांग तेजी से बढ़ी और सितंबर के मध्य तक मजबूत रही। निवेश की मांग 41 प्रतिशत की तेज वृद्धि के साथ 2023 की तीसरी तिमाही में 54.5 टन के मुकाबले बढक़र 76.7 टन हो गई। भारत में ईंटों और सिक्कों की मांग ने 2012 के बाद सबसे मजबूत तीसरी तिमाही दर्ज की। जुलाई में आयात शुल्क की कटौती के बाद हुए मूल्य सुधार से निवेशकों का उत्साह बढ़ा और कीमतें बढऩे की उम्मीद के साथ कई निवेशकों ने बाजार में प्रवेश किया। शुल्क में की गई कटौती ने अगस्त में सोने के मूल्यों में हुई वृद्धि के प्रभाव को कम कर दिया और अगली कुछ तिमाहियों में होने वाली शादियों के लिए लोगों ने समय से पहले ही खरीददारी कर ली, साथ ही पिछले कुछ तिमाहियों से चलती आ रही मांग भी इस समय उभरकर आई।
अच्छी बारिश ने छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी मांग को काफी मजबूत कर दिया। सोने का आयात 2023 की तीसरी तिमाही में 193 टन की तुलना में 87 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के साथ 2024 की तीसरी तिमाही में बढक़र 360.2 टन हो गया। शुल्क में कटौती होने के बाद भारत में तस्करी द्वारा लाया जाने वाला सोना समाप्त हो गया। साथ ही, भारत में रिसाइक्लिंग पिछले साल इसी अवधि में 19.2 टन के मुकाबले 22त्न बढक़र 23.4 टन हो गई। शुल्क कम करने का एक और प्रभाव गोल्ड लोन कंपनियों द्वारा की जाने वाली बिक्री पर पड़ा, जिन्होंने अपने नॉन-परफॉर्मिंग लोन से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए रुपये में होने वाली सोने के मूल्य की गिरावट के बाद अपनी कुछ होल्डिंग्स की नीलामी की।
एयर इंडिया समूह ने विस्तारा के साथ विलय के बाद प्रबंधन में बदलाव की घोषणा की
बिजऩेस रेमेडीज/गुरूग्राम
एयर इंडिया ग्रुप ने 12 नवंबर 2024 को होने वाले एयर इंडिया और विस्तारा के विलय के कारण कई प्रबंधन परिवर्तनों की आज घोषणा की।
विस्तारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कन्नन, जो पूर्ण-सेवा एयरलाइंस के विलय के लिए मुख्य एकीकरण अधिकारी की भूमिका भी निभा रहे हैं, विलय के बाद बाद भी भूमिका में बने रहेंगे। वह प्रबंधन समिति के सदस्य होंगे और सीधे एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन को रिपोर्ट करेंगे। विस्तारा के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी दीपक राजावत, सीईओ आलोक सिंह को रिपोर्ट करते हुए, नव-विस्तारित एयर इंडिया एक्सप्रेस में मुख्य वित्तीय अधिकारी की भूमिका निभाएंगे। वह रणनीतिक पहलों और परियोजनाओं में ग्रुप सीएफओ संजय शर्मा को भी सपोर्ट करेंगे। परिणामस्वरूप एयर इंडिया एक्सप्रेस के वर्तमान सीएफओ श्री विकास अग्रवाल एयर इंडिया में एक नई भूमिका में चले जाएंगे। विस्तारा के एसवीपी फ्लाइट ऑपरेशंस कैप्टन हामिश मैक्सवेल ने एयर इंडिया एक्सप्रेस के सीईओ आलोक सिंह के लिए एक सलाहकार की भूमिका निभाई है, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य परिचालन अधिकारी कैप्टन पुष्पिंदर सिंह उड़ान में लौट आए हैं। कैप्टन सिंह के उत्तराधिकारी की घोषणा उचित समय पर की जाएगी। दीपा चड्ढा और विनोद भट्ट, क्रमश: एसवीपी एचआर और कॉरपोरेट अफेयर्स और विस्तारा के मुख्य सूचना अधिकारी, टाटा समूह की अन्य कंपनियों में वरिष्ठ भूमिका निभाएंगे, जबकि विस्तारा के सीएफओ श्री नियंत मारू, जिन्होंने विनम्रतापूर्वक अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख से आगे काम जारी रखा था, विलय के पूरा होने पर, अपने वर्तमान कार्यकाल के अंत में सेवानिवृत्त हो जायेंगे। अन्य सभी एयर इंडिया ग्रुप सीएक्सओ भूमिकाएँ और रिपोर्टिंग लाइन भूमिकाएँ अपरिवर्तित रहेंगी।
इन बदलावों की घोषणा करते हुए एयर इंडिया के एमडी एवं सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा, पिछले दो वर्षों में चार टाटा एयरलाइंस ने विमानन इतिहास में सबसे जटिल विलयों में से एक की तैयारी और कार्यान्वयन के लिए कड़ी मेहनत की है, जो ड्रामेटिक ग्रोथ और होलसेल सूचना के संदर्भ में चार एयरलाइंस से दो में समेकित हो गई है। जैसे-जैसे हम उस प्रक्रिया के अंत के करीब पहुंच रहे हैं, हमें अपनी यात्रा के अगले चरण को आगे बढ़ाने के लिए सभी चार पूर्ववर्ती एयरलाइनों के सहयोगियों को शामिल करते हुए एक समूह नेतृत्व को औपचारिक रूप देने में खुशी हो रही है। मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देना चाहूँगा, जिन्होंने, चाहे सेवानिवृत्त हो रहे हों या टाटा समूह के भीतर अन्य भूमिकाएँ निभा रहे हों, न केवल समेकन प्रक्रिया में बल्कि कई वर्षों में, अब नई एयर इंडिया के डीएनए में भी योगदान दिया है।