बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
इस साल भारत में अपनी दूसरी फ्लैगशिप ईवेंट, एस.ए.पी नाऊ में एस.ए.पी ने एक नई मिडमार्केट एआई रिसर्च पेश करके बताया कि 250 से 1500 कर्मचारियों वाले 96 प्रतिशत भारतीय संगठन जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस (जेन एआई) को शेष दुनिया (91 प्रतिशत) के मुकाबले ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। इस अध्ययन में दुनिया के 12,003 व्यवसायों का सर्वे किया गया था, जिनमें से 800 व्यवसाय भारतीय थे।
इस अध्ययन के बारे में मनीष प्रसाद, प्रेसिडेंट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एस.ए.पी भारतीय उपमहाद्वीप ने बताया कि, ‘भारत में मिडमार्केट व्यवसाय अर्थव्यवस्था की नींव हैं। एआई इन कंपनियों में परिवर्तन लाकर उन्हें चुस्ती, कार्रवाईयोग्य जानकारी प्रदान कर सकता है और डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढऩे में मदद कर सकता है। हर आकार के भारतीय व्यवसायों द्वारा बिजनेस एआई का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए एस.ए.पी जैसे टेक्नोलॉजी पार्टनर की मदद बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारी एप्लीकेशंस में एआई पहले से शामिल कर लिया गया है, जो सबसे महत्वपूर्ण व्यवसायिक प्रक्रियाओं का संचालन करती हैं। एस.ए.पी भारतीय उपमहाद्वीप के वाईस प्रेसिडेंट एवं हेड, मिडमार्केट, राजीव सिंह ने कहा, ‘‘एआई में संस्थानों को बुद्धिमान जानकारी, ऑटोमेशन और टूल्स प्रदान करने की क्षमता है, ताकि वो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। इस समय विश्व में 27,000 ग्राहक एस.ए.पी बि?नेस एआई का उपयोग कर रहे हैं, जिसने उनके ऑपरेशंस में सुधार करके हाथों-हाथ डिसीजन-मेकिंग संभव बनाई है। उदाहरण के लिए, भारतीय ग्राहकों, जैसे पीजीपी ग्लास, सुजलॉन एनर्जी आदि ने अपने व्यवसायों में परिवर्तनकारी एआई को पहले से अपना लिया है।’