Tuesday, January 14, 2025 |
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RISING RAJASTHAN

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। राजस्थान में समावेशी और सतत आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा लोगों के कल्याण के लिए 9, 10 और 11 दिसंबर, 2024 को जयपुर के जेईसीसी में राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस इन्वेस्टमेंट समिट में देश के नामचीन उद्योगपति भी आएंगे। इसके साथ ही दस देशों के एम्बेसडर भी शामिल होंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल का इस समिट का विजन राजस्थान की जमीन पर अधिक से अधिक विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर यहां उद्योग लगाने के लिए प्रेरित करना है ताकि यहां विदेशी कंपनियां निवेश कर राजस्थान के औद्योगिक सेक्टर को समृद्ध व उन्नत बना सकें। इसी संबंध में बिजनेस रेमेडीज ने राइजिंग राजस्थान समिट को लेकर राजस्थान के उद्योगपतियों व औद्योगिक संगठनों से राय जानी।

इस तरह के इन्वेस्टमेंट समिट को सफल बनाने के लिए इनका फॉलोअप बहुत जरूरी है, जोकि अब तक के पहले हुए समिट में कमी रही थी और इसी वजह से उनका सक्सेस रेट भी कम रहा था। मेरे विचार से पिछले समिट चुनाव में फायदा लेने के लिए हमेशा आखरी सालों में आयोजित होते रहे हैं। अबकी बार पहले साल में ही इसका आयोजन होना और अभी से ब्यूरोक्रेट्स के प्रोजेक्ट और जमीन के लिए फोन आना तथा रिप्स-2024 के साथ अन्य अनेक नीतियों की घोषणा एक सुखद अनुभूति है। यही इसकी सक्सेस रेट को बढ़ाएगा व एमओयू धरातल पर आएंगे। अगर सरकार एमएसएमई के लिए बिजली की दरों को 6 रुपए पर फिक्स कर दे, ईजी फाइनेंस के लिए एमएसएमई क्रेडिट कार्ड जारी करे और जमीन रिजर्व प्राइस या डीएलसी दरों पर और 200 करोड़ से बड़े प्रोजेक्ट को नि:शुल्क उपलब्ध करवाए तो इस बार रिकॉर्ड सफलता को कोई रोक नहीं पाएगा और सभी निवेशक औद्योगिक क्रांति की नई मिसाल कायम करेंगे ।
-एनके जैन, अध्यक्ष, एम्पलॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान और अध्यक्ष, राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड

राइजिंग राजस्थान तभी धरातल पर उतर पाएगा, जब निवेशकों को सस्ती दर पर बिजली सुलभ हो सके, जैसे की मध्यप्रदेश मेंं इंडस्ट्रीज को मिल रही है। इसके अलावा भूमि का भी ३० से ४५ दिन में कन्वर्जन हो। नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की जाए, जिससे निवेशक अति शीघ्र अपनी इंडस्ट्री शुरू कर अपने काम को अंजाम दे सकें। पहले हुए रिर्जेंट राजस्थान की कमियों को दूर कर इस बार हो रहे एमओयू को धरातल पर लाने का प्रयास होने चाहिए।

-जगदीश सोमानी,मैनेजिंग डायरेक्टर, महाराजा सोप ग्रुप, अध्यक्ष,विश्वकर्मा, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (राजस्थान), राजस्थान सोप
मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन व युवा संस्कृति

भजनलाल सरकार राइजिंग राजस्थान की सफलता के लिए पुरजोर तरीके से जुटी हुई है। पिछले इन्वेस्टमेंट समिट की असफलता से सबक सीखते हुए सरकार एमओयू को निवेश के धरातल पर लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। इसमें खास तौर से मॉनिटरिंग और फॉलोअप शामिल हैं। सरकार के अधिकारियों की पूरी टीम एमओयू करने वाले निवेशकों से संवाद कर रही है। इसलिए लग रहा है कि राइजिंग राजस्थान प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
-सुरजाराम मील, संरक्षक, फोर्टी

 

राइजिंग राजस्थान में जो एमओयू हो रहे है, उनकी क्रियान्विती सिंगल विंडो पर नहीं हो पा रही। निवेशकों को अलग-अलग विंडो पर जाकर चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके अलावा छोटे और मझौले निवेशकों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। जबकि सभी काम सिंगल विंडो पर होने चाहिए। वैसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विजन बहुत अच्छा है, बस इसकी क्रियान्विती के लिए पूर्व में हुए कमियों को दूर कर उससे सबक लेकर धरातल पर उतरने के लिए काम होना चाहिए।अगर पुराने ढर्रे पर चलते रहे तो इसका भी वह ही हर्ष होगा जो पहले हुए रिर्जेंट राजस्थान के हुए हैं।
-रमेश सिंघवी, पूर्वाध्यक्ष, उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

राइजिंग राजस्थान जैसे निवेश सम्मेलनों में हस्ताक्षरित एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए एक मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचा आवश्यक है। भौतिक सुविधाएं, कनेक्टिविटी, ऊर्जा आपूर्ति, लॉजिस्टिक्स, नीतिगत समर्थन, तकनीकी और कौशल विकास आदि को प्राथमिकता देनी होगी, जिससे राज्य का औद्योगिक विकास लंबे समय तक टिकाऊ और प्रभावी हो सके।
-आलोक अग्रवाल, निदेशक,उत्तम भारत, इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड,चेयरमैन, नॉर्दर्न रीजन, ईमा, जनरल सेक्रेटरी,राजस्थान ट्रांसफॉर्मर्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन



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