बिजनेस रेमेडीज/गांधीनगर। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में कुल 32.45 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं जताई गई हैं। यह वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय मंत्री ने चौथे ‘विश्व नवीकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन एवं प्रदर्शनी’ (री-इन्वेस्ट) के दौरान कहा कि राज्य सरकारों ने 520 गीगावाट क्षमता की प्रतिबद्धता जताने वाले ‘संकल्प पत्र’ दिए हैं।उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं ने सौर पैनल में 340 गीगावाट, सौर सेल में 240 गीगावाट, पवन चक्की में 22 गीगावाट और इलेक्ट्रोलाइजऱ में 10 गीगावाट की अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता की प्रतिबद्धता जताई है। जोशी ने कहा कि 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा ग्रिड में कुल 32.45 लाख रुपये की निवेश प्रतिबद्धता जताई गई है। उन्होंने कहा कि नवीन एवं पर्यावरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने उद्योग मंडल सीआईआई के साथ मिलकर इस सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें 7,000 से अधिक लोगों ने शिरकत की। इसमें करीब 100 कंपनियों ने हिस्सा लिया। जोशी ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए जर्मन और डेनमार्क के राजनियकों के साथ हुए व्यापक विचार-विमर्श के बारे में भी बताया। उन्होंने दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक भारत-जर्मन मंच की शुरुआत के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में अपने मंत्रालय की प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि जून-अगस्त 2024 के दौरान 4.5 गीगावाट के लक्ष्य से अधिक छह गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ी है। जोशी ने कहा कि इस क्षमता में वृद्धि के साथ स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 207.76 गीगावाट तक पहुंच गई।