कुंजेश कुमार पतसारिया
अगर अपने पुस्तैनी व्यवसाय को बढ़ाने की रूचि और लगन हो तो उसे अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है अलाइड इंडस्ट्रीज के पार्टनर अभिषेक खेमका ने। वर्ष,१९६० में दादाजी द्वारा शुरू किए गए व्यवसाय को पहले पिताजी ने आगे बढ़ाया, फिर खुद एमबीए करके पूरी तरह से अपने व्यवसाय में जुट गए। आज अपनी शिक्षा और अनुभव के दम पर लगातार बिजनेस को उत्तरोतर बढ़ाते जा रहे हैं। इन्होंने झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र में अपने काम के जरिए अपने व्यवसाय में अलग पहचान कायम की है।
आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बारे में बताएं।
मैंने छोटी उम्र में ही अपने बिजनेस के गुर सीखते हुए शिक्षा ग्रहण की। एमबीए करने के बाद मैं पूरी तरह से व्यवसाय में जुट गया। मेरा ध्येय मात्र व्यवसाय को निरंतर आगे बढ़ाने का ही है।
आपने अपने व्यवसाय की शुरुआत कब की और किस तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं?
हमारे व्यवसाय की शुरुआत वर्ष,1960-62 से हुई। यूं कहे यह हमारा पुस्तैनी व्यवसाय है। शुरू में दादाजी और पिताजी ने इसे पूरी तरह से संभाला। मैं उस समय पढ़ाई करने के कारण पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाता था, लेकिन थोड़ा बहुत काम मैं कभी कभार वहां जाने के कारण सीख गया। जब एमबीए पूरी की तब वर्ष,२०१० में पूरी तरह अपने व्यवसाय में लग गया। हमारा लोहे से संबंधित कास्टिंग का व्यवसाय है।
क्या कोई गरीबों को रिहायत प्रदान की जाती है?
हम आर्थिक रूप से कमजोर और गरीबों को समय-समय पर सहयोग करते रहते हैं। अगर कोई भूखा व्यक्ति दिखता है तो उसे खाना खिलाने में भी चूकते है। ऐसे लोगों को हम कपड़े या फिर पैसे देकर भी आर्थिक मदद करते हैं।
प्रतिस्पर्धा के समय में क्या कोई कठिनाई महसूस करते हैं?
यूं तो हरेक व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहती है, पर बिजनेस में वही टिक पाता है जो ईमानदारी और गुणवत्तायुक्त सामान ग्राहकों को उपलब्ध करवाए।
आने वाले समय में व्यवसाय को और आगे कितना बढ़ाने चाहते हैं?
हम निरंतर अपने व्यवसाय को बढ़ा रहे हैं। अभी हम ७० से ८० टन हर महीने लोहे की कास्टिंग कर रहे हैं। आगे हम २०० से २५० टन का लक्ष्य है।
आप अपना आदर्श किसे मानते हैं?
मैं अपने काम को ही अपना आदर्श मानता हूं।
आप कोई सामाजिक संगठन से जुड़े हुए है या फिर सामाजिक सरोकार कार्य किए?
मैं एनजीओ और कई ट्रस्ट से जुड़ा हुआ हूं। गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को ड्रेस और किताबें-कॉपियां मुहैय्या करवाते रहते हैं।
यूथ को व्यवसाय बढ़ाने के लिए क्या सुझाव देना चाहते हैं?
मेरा युवाओं से यही सुझाव है कि वह कोई भी व्यवसाय शुरू करे तो पूरी मेहनत और ईमानदारी से जुट जाए, परिणाम की ओर ध्यान नहीं दे। ध्येयता बनाए रखे, एक ना एक दिन सफलता उसके हाथ जरूर लगेगी।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आपकी क्या अपेक्षा हैं?
सरकार से हमारी यही अपेक्षा है कि वह छोटे और उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज दर पर लोन मुहैय्या करवाए तथा लोन लेने की प्रक्रिया को सरल बनाए ताकि उद्यमियों को लोन में आसानी रहे। इसके अलावा बिजली की दरों में कमी की जाए, जिससे व्यवसाई अधिक से अधिक उत्पादन कर सके।