बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। भारत में 2024 में मैलवेयर हमलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि रैनसमवेयर साइबर हमलों 22 प्रतिशत बढ़ गए हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनियों के लिए साइबर हमलों का जोखिम बढ़ रहा है। ‘सोनिकवॉल मिड-ईयर साइबर थ्रेट रिपोर्ट-2024’ के अनुसार, Malware हमले 2023 में 12,13,528 से 2024 में 11 प्रतिशत बढक़र 13,44,566 हो गए हैं।
‘Malware is a computer software है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर पर किसी की पहचान चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) हमले 59 प्रतिशत बढक़र 2024 में 16,80,787 हो गए, जबकि 2023 में यह 10,57,320 थे। भारत में रैनसमवेयर हमलों में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि ‘क्रिप्टो’ हमलों में 409 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
‘रैनसमवेयर’ भी एक सॉफ्टवेयर जिसके जरिये किसी भी कंप्यूटर सिस्टम की फाइल को ‘एन्क्रिप्ट’ (सूचना को कोड में परिवर्तित करना) कर दिया जाता है और ‘डिक्रिप्ट’ करने (कोड हटाने) के लिए पैसे मांगे जाते हैं। ‘क्रिप्टो’ भी रैनसमवेयर की तरह का ही एक वायरस है और इसका इस्तेमाल भी उगाही करने के लिए किया जाता है।