बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। इस बार पूरे प्रदेश में जमकर मानसूनी मेघ बरस रहे हैं। राजधानी जयपुर में भी जमकर बारिश हो रही है। इससे जगह-जगह जलजमाव की समस्या हो रही है। राजधानी जयपुर में बने औद्योगिक क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं हैं और इन क्षेत्रों में भी बारिश का पानी भरने से उद्यमियों को समस्या उठानी पड़ रही है। हालात ऐसे हैं कि कई औद्योगिक क्षेत्रों में तो सडक़ें तालाब बन चुकी हैं। इन सडक़ों पर औद्योगिक क्षेत्रों में आने वाले वाहन फंस रहे हैं। पानी भरने से क्षेत्र में कार्यरत उद्यमियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जयपुर में हुई औसम से अधिक बारिश ने प्रशासन के इंतजामों की पोल खोल दी है। औद्योगिक क्षेत्रों में तो और भी गंभीर हालात हैं। जयपुर के आसपास 18 औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें केवल सीतापुरा को ड्रेनेज सिस्टम के हिसाब से संतोषजनक कहा जा सकता है। सीतापुरा से ही सटे प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थिति बहुत खराब है।
VKI, Jaitpura, Jhotwara, Sarna Dungar, Kanakpura, Bindayaka के हालात गंभीर हैं। यहां सडक़ें तालाब बन चुकी हैं और सडक़ों का पानी फैक्ट्रियों में जाने से करोड़ों रुपए का कच्चा और तैयार माल खराब हो चुका है। रास्तों में कई फीट पानी जमा होने से माल की आवाजाही थम गई है। मजदूर और कर्मचारी भी फैक्ट्रियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। सडक़ों की जगह पानी भरे गहरे-गहरे गड्ढों ने औद्योगिक क्षेत्रों में आवाजाही मुश्किल कर दी है।
उद्यमियों का हुआ करोड़ों रुपए का नुकसान
दूसरी ओर सरकार राइजिंग राजस्थान के माध्यम से देश-विदेश के निवेशकों को राजस्थान में निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है। यह निवेश इन औद्योगिक क्षेत्रों में ही होने वाला है, यदि निवेशकों ने औद्योगिक क्षेत्रों के वर्तमान हालात देख लिए तो हो सकता है निवेशकों के सामने राजस्थान की छवि धूमिल हो सकती है। पिछले तीन जुलाई से सितंबर तक मानसून के दौरान औद्योगिक क्षेत्रों में करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है।
पानी की समस्या जस की तस औद्योगिक क्षेत्रों की सडक़ें भले ही पानी से लबालब हों, लेकिन औद्योगिक इकाइयों में पीने के लिए पानी टैंकरों से मंगाया जा रहा है। अतिक्रमण और चोरी भी औद्योगिक क्षेत्रों की बड़ी समस्याओं में शामिल हैं। इसके लिए रीको के अधिकारियों को कई बार औद्योगिक संगठनों की ओर समस्याओं के समाधान की मांग की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से उद्यमी खासे परेशान हैं।
सरकार औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए लॉन्ग टर्म पॉलिसी लेकर चले। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में पानी की प्रोपर निकासी हो। इससे क्षेत्र की सडक़ें भी सही रहेंगी और ट्रैफिक भी जाम नहीं होगा। जल जमाव होने से कई उद्यमियों की फ्लाट्स छूट गई। सरकार को ये सारे काम पीपीपी मॉडल पर देने होंगे। तभी व्यवस्थाएं सुधरेंगी। जयपुर के औद्योगिक क्षेत्रों में 50 या 100 साल के विजन से इंफ्रास्ट्रक्चर डवलप होना चाहिए।
– सुरेश अग्रवाल, अध्यक्ष, फोर्टी
– इस बार राजधानी जयपुर में हुई तेज बारिश से शहर के औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति खराब है। औद्योगिक क्षेत्रों की सडक़ों पर पानी भरा हुआ है। इससे उद्यमियों को काफी नुकसान हुआ है। इस बारे में कई बार रीको को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं होने से उद्यमी हताश हैं। विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक स्पेशल बजट की आवश्यकता है। जिस तरह से बारिश से क्षेत्र की हालत खस्ता है। इसके लिए रीको एक बड़ा बजट सेंशन करे। जिससे सभी पेंडिंग कार्य व वर्तमान में जो भी डेमेज हुआ है, उसे सही कराया जा सके। जिससे उद्यमी अपना व्यापार सुचारू रूप से कर सकें।
– जगदीश सोमानी, अध्यक्ष, वीकेआई औद्योगिक क्षेत्र
– अधिक बारिश से सीतापुरा व प्रहलाद पुरा औद्योगिक क्षेत्र की सडक़ें टूटी हैं। बड़े लेवल पर क्षेत्र में सडक़ों की रिपेयरिंग की आवश्यकता है। खास कर प्रहलादपुरा में तो जाने का रोड ही नहीं है। सरकार से निवेदन है सडक़ों की मरम्मत कराए और प्रहलादपुरा की रोड बनवाए। अगर सरकार ने ये कार्य नहीं कराया तो उसे रिसर्जेंट राजस्थान करने में जेईसीसी में परेशानी आएगी। डेमेज पड़ी सडक़ों को लेकर बहुत जल्द हम विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। टोंक रोड को जाम करेंगे व आवागमन बंद कर दिया जाएगा।
– नीलेश अग्रवाल, अध्यक्ष, सीतापुरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, अध्यक्ष, यूकोरी, राजस्थान
– पूरे बगरू इंडस्ट्रीयल एरिया क्षेत्र में बहुत बुरी पोजीशन है। रास्तों में गड्ढे हो रखे हैं। इस वजह से आवागमन काफी मुश्किल हो रहा है। क्षेत्र में इंटीग्रेटेड टैक्सटाइल पार्क की स्थिति और भी बुरी है। इस जयपुर ब्लॉक की सडक़ें पूरी तरीके से जलमग्न हैं। इस पार्क में टैक्सटाइल की एक्सपोर्ट यूनिट ही है। इस कारण माल नहीं जा रहा है। इस पार्क में अधिकांश उद्यमी केवल महिला ही हैं। इन उद्यमियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए रीको से आग्रह है कि तत्काल एक्शन लेकर औद्योगिक क्षेत्र की सडक़ों को दुरुस्त कराए।
– राजेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष, बगरू औद्योगिक क्षेत्र, जयपुर
रीको प्रशासन को कई बार औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव की समस्या व ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने की अपील कर चुके हैं। लेकिन रीको ने इस समस्या को कभी गंभीरता से नहीं लिया। हालात ऐसे हैं कि बारिश के समय तीन-चार फीट तक पानी फैक्ट्रियों में भर जाता है। इससे कच्चा माल खराब हो जाता है और उद्यमियों को आर्थिक नुकसान होता है। इस संबंध में जैतपुरा के उद्यमी रीको के अधिकारियों से मिले थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से उद्यमी खासे परेशान हैं। पानी भर जाने से क्षेत्र में आवागमन बंद हो जाता है और कार्य भी प्रभावित होता है। सरकार को औद्योगिक विकास के लिए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देना होगा।
– हीरालाल शर्मा, अध्यक्ष, जैतपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, जैतपुरा