Monday, December 29, 2025 |
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भारतीय परिवारों के पास मौजूद सोने की कीमतें एक दशक से कुछ अधिक समय में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बढ़ी

लेखक : Sachin Savarikar, Managing Partner, Arth Bharat Investment Managers IFSC LLP

by Business Remedies
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भले ही De Beers company ने विज्ञापनों के जरिए हीरे (diamond) को महिलाओं का सबसे अच्छा दोस्त बताया हो, लेकिन भारतीय महिलाओं के दिलों पर हमेशा से सोने (gold) का ही राज रहा है। सोना सिर्फ गहने के तौर पर पहनने या सामाजिक हैसियत दिखाने का साधन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा asset class है, जिसकी कीमत समय के साथ घटती नहीं, जिस तरह से महंगी car या नया iPhone model की कीमत समय के साथ कम होती है। इसी वजह से सोने ने भारतीय परिवारों की संपत्ति बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

Wealth Creation: 2011 से अब तक 792 अरब डॉलर की बढ़ोतरी

साल 2011 से 2024 के बीच भारत ने बहुत बड़ी मात्रा में सोने का आयात (import) किया। शुरुआत में इस आयात की वजह से देश के व्यापार घाटे (trade deficit) पर दबाव पड़ा, लेकिन आज उन gold holdings की dollar में कीमत बहुत जबरदस्त तरीके से बढ़ गई है। मौजूदा कीमतों (करीब 4,211 dollar प्रति ounce) पर देखें तो इस अवधि में आयात किए गए सोने की कीमत में करीब 1.085 trillion dollar की बढ़ोतरी हुई है, यानी कुल मिलाकर लगभग 175% का return।

सोने की कीमत में हुआ यह इजाफा भारत के वर्तमान foreign exchange reserves से भी अधिक है। यह दिखाता है कि gold, किसी की wealth को सुरक्षित रखने और बढ़ाने का कितना बड़ा जरिया है। 2011 के बाद से भारत द्वारा आयात किए गए सोने की मौजूदा कुल कीमत करीब 1.6 trillion dollar तक पहुंच चुकी है। सिर्फ 2024 में जो सोना 52 billion dollar में खरीदा गया था, उसकी कीमत अब बढ़कर 108 billion dollar से ज्यादा हो गई है।

यह साफ तौर पर बताता है कि gold लंबे समय तक wealth creation की जबरदस्त क्षमता रखता है। हैरानी की बात यह है कि उस दौर में कई market experts सोने की खरीद से forex reserves और trade deficit पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित थे, लेकिन वे यह नहीं समझ पाए कि यह सोना आगे चलकर इतनी बड़ी wealth creation करेगा।

Jewellery का export और global jewellery hub के रूप में भारत

यहां यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि भारत जो सोना विदेशों से मंगवाता है, उसका एक हिस्सा jewellery बनाकर वापस दूसरे देशों को export कर दिया जाता है। यह भारत की बेहतरीन craftsmanship और व्यापारिक कुशलता को दर्शाता है, जिसने भारत को दुनिया का एक बड़ा global jewellery hub बना दिया है।

भले ही कुछ gold export हो जाता है, लेकिन फिर भी भारत के पास सोने का इतना बड़ा भंडार बचा रहता है, जो भारतीय परिवारों और institutions के लिए economic security की एक मजबूत दीवार की तरह काम करता है।

भारतीय परिवारों के पास 25,000–30,000 ton gold

अनुमान के मुताबिक, भारतीय परिवारों के पास कुल मिलाकर करीब 25,000 से 30,000 ton gold मौजूद है, जो दुनिया में privately held gold के सबसे बड़े भंडारों में से एक है। मौजूदा कीमतों पर इसकी कुल कीमत लगभग 3.4 trillion dollar से 4.1 trillion dollar के बीच बैठती है। इससे साफ है कि भारत में household wealth में gold सबसे अहम हिस्सों में से एक है। यही वजह है कि gold आज भी भारतीय culture, savings और investment में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

2025 रहा blockbuster, 2026 को लेकर भी मजबूत उम्मीदें

2025 में gold ने जबरदस्त performance किया। इसकी बड़ी वजहें रहीं geopolitical tensions, बढ़ती inflation को लेकर चिंता और central banks की लगातार buying। भारतीय investors के लिए यह साल खास तौर पर फायदेमंद रहा, क्योंकि gold prices में तेज उछाल आया और एक बार फिर यह साबित हुआ कि gold safe investment और wealth preservation का भरोसेमंद जरिया है।

global स्तर पर economic uncertainty ने gold को support दिया, वहीं भारत में festivals, weddings और investment की लगातार demand ने इसकी तेजी को बनाए रखा।

2026 के लिए अनुमान: कैसा रहेगा gold का भविष्य?

आने वाले साल 2026 की बात करें, तो gold का outlook positive दिख रहा है, लेकिन इसमें कुछ volatility भी हो सकती है। gold prices मुख्य रूप से central banks की monetary policies, currency movements और inflation trends पर depend करेंगी।

अगर inflation उम्मीद से ज्यादा बढ़ती है, तो gold की demand बनी रहेगी। gold हमारी purchasing power को गिरने से बचाता है। दूसरी ओर, अगर banks interest rates में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी करते हैं, तो short term में gold prices पर pressure आ सकता है। फिर भी long term investment perspective से gold एक safe option बना रहेगा।

इसके अलावा, geopolitical tensions और financial markets में volatility भी gold की safe haven demand को लगातार support देती रहेंगी। कुल मिलाकर, gold न केवल एक investment है, बल्कि मुश्किल समय में काम आने वाला एक भरोसेमंद asset भी बना रहेगा।

Portfolio में कितना रखें gold : 5–10% की सलाह

portfolio allocation को लेकर financial planners आमतौर पर 5% से 10% तक gold रखने की सलाह देते हैं। इससे gold inflation hedge और stability देता है, वहीं equities जैसे growth assets के साथ balance भी बना रहता है।

जिन investors के पास पहले से significant physical gold है, वे gold funds या gold ETF के जरिए diversification कर सकते हैं। इससे liquidity बढ़ती है और management आसान होता है। कुल मिलाकर, capital protection, inflation hedge और crisis resilience जैसी खूबियों की वजह से gold एक balanced investment strategy का जरूरी हिस्सा बना रहता है।

GIFT City के जरिए investment के नए मौके

2026 में gold investment के लिए कई options उपलब्ध हैं। भारतीय investors sovereign gold bonds, gold ETF और digital gold में investment कर सकते हैं, जिनमें liquidity, convenience और tax benefits मिलते हैं। इनमें से पहले दो options well regulated हैं, जबकि digital gold में थोड़ा caution जरूरी होता है।

अब तक investors GIFT City के जरिए international gold funds, चाहे passive हों या active, में investment नहीं कर पा रहे थे, जो US dollar जैसी hard currency और international gold prices से linked returns देते हैं।

लेकिन अब GIFT City regulator IFSCA द्वारा नियमों में बदलाव के बाद, licensed fund management companies gold जैसी precious metals में investment करने वाली schemes launch कर सकती हैं। जल्द ही investors को GIFT City में registered gold funds के नए और attractive options मिलेंगे। इनके जरिए NRI और resident Indian investors transparent, global standard वाले, physical gold backed professionally managed funds में regulated platform के माध्यम से investment कर सकेंगे।

जैसे-जैसे साल 2026 आगे बढ़ेगा, भारतीय investors को यह उम्मीद रखनी चाहिए कि बदलते economic environment में gold अपनी strategic importance बनाए रखेगा। भले ही prices में volatility रहे, लेकिन cultural relevance, global macro factors और वर्षों में बनी इसकी massive value की वजह से gold wealth preservation और portfolio diversification का एक अहम जरिया बना रहेगा।



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