Monday, December 29, 2025 |
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सरकार का सार्वजनिक बैंकों को बड़ा निर्देश, निदेशकों से जुड़े सतर्कता मामलों की तुरंत दें जानकारी

by Business Remedies
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Business Remedies / New Delhi (IANS)। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों (जैसे बैंकों और बीमा कंपनियों) को निर्देश दिया है कि वे अपने बोर्ड में शामिल पूर्णकालिक निदेशकों से जुड़े सतर्कता (Vigilance) मामलों की जानकारी समय पर दें।

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने कहा है कि नियुक्ति, पदोन्नति, बोर्ड स्तर की पोस्टिंग और पूर्णकालिक निदेशकों की तैनाती से जुड़े फैसलों में अगर कोई जरूरी जानकारी छुपाई जाती है, तो यह गंभीर चिंता का विषय है। सभी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSU) से इन मामलों में सख्ती से नियमों का पालन करने की उम्मीद की गई है। यह आदेश इसलिए जारी किया गया है, क्योंकि कई मामलों में बोर्ड स्तर पर नियुक्त अधिकारियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी समय पर नहीं दी गई।

निर्देश में कहा गया है कि कई बार निजी शिकायतें, अदालत की टिप्पणियां, CBI या अन्य जांच एजेंसियों से मिली जानकारी तभी सामने लाई जाती है, जब पदोन्नति या नियुक्ति के समय मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) से Vigilance Clearance मांगी जाती है। इस महीने जारी सलाह में यह भी बताया गया है कि कुछ मामलों में पूर्णकालिक निदेशकों से जुड़ी अहम जानकारी यह कहकर नहीं दी जाती कि Vigilance Clearance Form में इसके लिए कोई अलग कॉलम नहीं है।

DFS ने सार्वजनिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि बोर्ड स्तर के अधिकारियों के खिलाफ अगर कोई नकारात्मक या गंभीर जानकारी हो, तो उसे तुरंत रिपोर्ट किया जाए, भले ही वह मामला उनकी बोर्ड की भूमिका से अलग किसी और पद से जुड़ा हो।

इसके साथ ही, सरकार ने यह भी कहा है कि Vigilance Clearance में पूरी और विस्तृत जानकारी दी जाए। इसमें अदालतों या Tribunal के आदेश, आंतरिक समितियों की रिपोर्ट, गंभीर Audit टिप्पणियां और किसी भी सरकारी विभाग या Agency से आई जानकारी शामिल होनी चाहिए।

मुख्य सतर्कता अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि Vigilance Clearance (सतर्कता मंजूरी) जारी करते समय जानकारी पूरी तरह सही और अपडेट हो, और कोई भी जरूरी बात छुपाई न जाए।

इस साल की शुरुआत में सरकार को Union Bank of India के कार्यकारी निदेशक Pankaj Dwivedi की पदोन्नति का फैसला वापस लेना पड़ा था। उन्हें Punjab and Sind Bank (BSB) में General Manager बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन उनके मामले में Vigilance Clearance नहीं मिली थी। सरकार का यह फैसला Delhi High Court में चल रहे एक मामले के कारण लिया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि Union Bank of India में उनकी कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति नियमों के खिलाफ थी, क्योंकि उस समय Vigilance Clearance नहीं थी।



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