Thursday, April 17, 2025 |
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Global Trade और Tariffs अनिश्चितताएं भारत में सुधारों को लाने में सहायक होंगी: HSBC Research

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली (आईएएनएस)। ग्लोबल ट्रेड और टैरिफ अनिश्चितताएं भारत में मध्यम अवधि में सुधारों को लाने में सहायक होंगी। यह जानकारी एचएसबीसी रिसर्च रिपोर्ट में मंगलवार को दी गई। एचएसबीसी ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ भारत में आयात शुल्क कम करने, क्षेत्रीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए दरवाजे खोलने, व्यापार सौदों में तेजी लाने और भारतीय रुपए को अधिक लचीला बनाने में सहयोग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार,” भारत को बहुत दूर तक देखने की जरूरत नहीं है। सेवा निर्यात में देश की सफलता ने वैल्यू चेन को बेसिक (कॉल सेंटर सेवाओं) से हाई-टेक (पेशेवर सेवाओं) तक ले जाने की क्षमता को प्रदर्शित किया है।”

भारत का व्यापार घाटा फरवरी में घटकर 14.1 अरब डॉलर हो गया है, जो कि जनवरी में 23 अरब डॉलर था। रिपोर्ट में बताया गया, “व्यापार घाटा फरवरी में कम होकर तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है।” फरवरी में भारत का वस्तु व्यापार घाटा कम होकर 14 अरब डॉलर रह गया है, जबकि सेवा व्यापार लाभ बढक़र 18.5 अरब डॉलर हो गया है, जिसके कारण फरवरी में कुल व्यापार संतुलन सकारात्मक हो गया है, जो कि काफी दुर्लभ है। रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक व्यापार और टैरिफ अनिश्चितता से अल्पावधि में भारत की जीडीपी वृद्धि दर कम होने की संभावना है, लेकिन मध्यम अवधि में यह सुधारों के लिए सहयोगी बन सकती है; हालांकि, विकास के लिए सुधारों को गहराई तक ले जाना होगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि तेल, सोना और मुख्य आयात में सामान्यीकरण से वस्तु व्यापार घाटा कम हुआ है। वहीं, फरवरी में मुख्य वस्तुओं का निर्यात कम रहा, इसका कारण उपभोक्ता वस्तुओं के निर्यात की तुलना में निवेश वस्तुओं का निर्यात कमजोर होना है। एचएसबीसी ने रिपोर्ट में बताया, “यह हमारी उम्मीद के अनुरूप है कि वैश्विक अनिश्चितता के कारण 2025 में वैश्विक स्तर पर एफडीआई और निवेश को चुनौती मिल सकती है।”



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