कुंजेश कुमार पतसारिया | बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। कोई भी व्यवसाय करने का जुनून हो तो उसे अपनी लगन और मेहनत से उत्तरोतर आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है श्री श्याम ज्वैलर्स के प्रोपराइटर गौरव डंगायच ने। वर्ष, 2002 में जयपुर के झोटवाड़ा ज्वैलरी का शोरूम खोलकर करीब 23 वर्षों में अपने व्यवहार, गुणवत्ता और ईमानदारी के दम पर ज्वैलरी व्यवसाय में इन्होंने पूरे क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर अपनी पहचान कायम की है। इन्होंने व्यवसाय करने का जुनून होने के कारण अंकल के साथ ज्वैलरी व्यवसाय के गुर सीखे। उसके बाद स्वयं का ज्वैलरी व्यवसाय शुरू कर अपनी झोटवाड़ा इलाके में अपनी अलग पहचान कायम की है।
आपकी शैक्षणिक गतिविधियों को बताएं। कहां से शिक्षा ग्रहण की और कहां तक की है?
जयपुर से ही स्नातक की पढ़ाई कर सबसे पहले व्यवसाय के गुर अंकल से सीखे। उसके बाद ही खुद की फर्म स्थापित कर ज्वैलरी का व्यवसाय शुरू कर दिया।
व्यवसाय करने की प्रेरणा आपको कहां से मिली? इसका अनुभव कहां से लिया और व्यवसाय में किस तरीके की सेवाएं देते हैं?
व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा मुझे स्वयं तथा परिवार के सहयोग और समर्थन से प्राप्त हुई अपनी मेहनत और जुनून से ही हम अपने ज्वैलरी व्यवसाय को बढ़ा पा रहे हैं। व्यवसाय में हम सभी तरह की गोल्ड, सिल्वर और डायमंड ज्वैलरी रखते हैं। इसके अलावा राजपूतानी, कुंदन के साथ फैंसी ज्वैलरी भी हम रखते हैं। हमारी ज्वैलरी पूरी तरह से हॉलमार्किंग और HUID के आधार पर चिन्हित है। हमारा ध्येय यही रहता है कि ग्राहकों को पूरी तरह से संतुष्ट करें और फिर उसे रिहायती दरों पर माल सेल करें।
वर्तमान में प्रतिस्पर्धा के युग में आपके समक्ष कोई चुनौतियां सामने आई, अगर आई तो उसका समाधान किस तरह से किया?
हरेक व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा तो रहती है, हमारे व्यवसाय में भी नई-नई चुनौतियां आई। बाजार में हम उससे सीखते चले गए। हमारा ध्येय यही रहता है कि व्यवसाय ईमानदारी, माल की गुणवत्ता और व्यवहार कुशलता से ही किया जाए। ग्राहकों की संतुष्टि ही सबसे महत्वपूर्ण है, उसके आधार पर ही हम व्यवसाय को आगे बढ़ा पा रहे हैं। सामाजिक सरोकार के कोई कार्य किए हो तो बताएं। प्रति वर्ष हम सामाजिक सरोकार के काम करते रहते हैं। खंडेलवाल समाज के अलावा अन्य कई संगठनों से जुड़े होने के कारण समय-समय पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहयोग और मदद करते रहते हैं।
आपके आदर्श कौन हैं?
मेरे आदर्श दादाजी स्व. रामप्रसाद जी डंगायच हैं। इनके आदर्शों व सिद्धांतों पर चलकर ही हम आगे बढ़ पा रहे हैं।
भविष्य में व्यवसाय को कहां तक विस्तार देना चाहते हैं?
हमारा उद्देश्य है कि हम अपने फर्म की अन्य स्थानों पर ब्रांच शुरू करें। संभवतय: हम शीघ्र इसमें कामयाब हो सकेंगे।
नए युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए क्या सुझाव देना चाहेंगे, जिससे वह अपने व्यवसाय को उत्तरोतर बढ़ा सकें?
युवाओं से मेरा यही सुझाव है कि कोई भी व्यवसाय वे शुरू करें तो ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ करें। व्यवसाय में नई-नई टेक्नोलॉजी अपनाते रहें। तभी व्यवसाय सफलता की सीढिय़ां चढ़ पाएगा।सरकार से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं, ताकि आपके व्यवसाय को और गति मिल सके?
सरकार पूरी तरह से व्यवसाईयों को सपोर्ट कर रही है। बस सरकार एक काम जरूर करे, जो भी नई-नई योजनाएं लाती है उसे कार्यरूप में परिणीत करे।
