Friday, December 12, 2025 |
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सरकार की डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट से बढ़ी चिंता

by Business Remedies
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punit jain

आगामी दिनों में केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा, इसकी तैयारियां भी लगातार चल रही है। बजट को देखते हुए डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरावट ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। इससे निपटने के लिए सरकार आगामी बजट में कुछ अहम फैसले ले सकती है। सरकार आगामी बजट में पिछले कुछ महीनों में रुपए के मूल्य में आई भारी गिरावट को रोकने के लिए आयात पर उच्च शुल्क लगाने पर विचार कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च आयात शुल्क से आयातकों की ओर से डॉलर की मांग पर अंकुश लगेगा और रुपए के गिरते मूल्य को रोकने में मदद मिलेगी। रुपया पिछले दिनों 86.70 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया था। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में अचानक आई गिरावट नीति निर्माताओं के लिए एक चुनौती बनने जा रही है। राजकोषीय पक्ष पर बजट निर्माताओं के लिए और मौद्रिक पक्ष पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए। उम्मीद है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार होने जा रहा है और इसलिए बहुत सारे वित्तीय संसाधन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का रुख कर रहे हैं। सिर्फ रुपया ही नहीं, बल्कि अन्य यूरोपीय मुद्राएं भी इसी तरह के दबाव का सामना कर रही हैं। बजट में उनके पास विनिमय दरों की गति को प्रभावित करने के लिए कोई बहुत शक्तिशाली राजकोषीय साधन नहीं है लेकिन वे शुल्क दरों की थोड़ी अधिक बारीकी से जांच कर सकते हैं और वे संभवत: भारतीय अर्थव्यवस्था को घरेलू उद्योग के लिए अधिक सुरक्षा की ओर ले जा सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप आयात शुल्क राजस्व भी बढ़ सकता है। इसके साथ ही, आयातकों की ओर से डॉलर की मांग में कमी आ सकती है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढऩे के लिए अधिक सुरक्षा या समर्थन प्रदान करना नीतिगत मामला है। आयात शुल्क में कुछ संशोधन हो सकते हैं। इस प्रकार, आयात की मांग में कमी आ सकती है और घरेलू उत्पादन के जरिये आयात के लिए कुछ प्रतिस्थापन हो सकता है। डॉलर की मांग तथा अतिरिक्त आयात शुल्क राजस्व के संदर्भ में कुछ बचत हो सकती है। साथ ही इन सभी उपायों से शुल्क वृद्धि और युक्तिकरण की दिशा में कुछ प्रगति हो सकती है।



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